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उत्तराखंड की खस्ताहाल स्वास्थ्य सुविधा के सामने सीएम तीरथ सिंह रावत भी लाचार, खुद बयां की बदहाली - मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश की खस्ताहाल स्वास्थ्य सुविधा पर खुद ही लाचारी दिखाई है. एक अस्पताल के उद्घाटन के दौरान सीएम ने बातों-बातों में ये माना कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं अच्छी नहीं है. वैसे स्वास्थ्य महकमे की जिम्मेदारी खुद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के पास है.

तीरथ सिंह रावत
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Published : May 5, 2021, 4:40 PM IST

हरिद्वार: अपने बेतुके बयानों को लेकर विवादों में रहने वाले उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार तीरथ सिंह रावत ने एक तरह से अपनी ही सरकार के काम काज पर सवाल उठा दिया.

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहाल

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एक अस्पताल के उद्घाटन के लिए हरिद्वार पहुंचे थे. जहां स्वास्थ्य सुविधाओं पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि ''मेरे पास किसी परिचित का फोन आया कि वह कोरोना पॉजिटिव होकर हॉस्पिटल में भर्ती हुए हैं. मगर उनकी देखरेख करने वाला वहां पर कोई नहीं है. सुबह उनको नाश्ता दिया जा रहा है. मगर उनको पता ही नहीं है कि कौन उन्हें नाश्ता देने आ रहा है. साथ ही उन्हें इतना भी नहीं पता कि वहां पर कौन डॉक्टर है और कौन नर्स है. मुख्यमंत्री का कहना है कि इसी तरह के डिप्रेशन में कई लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मुझे इस बारे में पता चला तो मैंने उन्हें खुद एम्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया.

तीरथ सिंह रावत, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

ये भी पढ़ें- मुख्यमंत्री तीरथ के फटी जींस वाले बयान पर जानिए क्या है युवाओं की राय

स्वास्थ्य विभाग भी सीएम के पास

गौरतलब है कि प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे की जिम्मेदारी भी तीरथ सिंह रावत के कंधों पर ही है. लेकिन इस तरह का बयान मुख्यमंत्री की लाचारी बता रहा है. बातों-बातों में ही सही, मुख्यमंत्री मान रहे हैं कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल हैं. खासकर कोरोना काल में अस्पतालों में फैली अव्यवस्थाएं इस बात की गवाही भी दे रही हैं और जब सूबे का मुखिया ही स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर इस तरह का बयान दे तो सवाल उठना लाजमी है.

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधा की क्या हालात है, इससे हर कोई वाकिफ है. मगर कोरोना महामारी में उत्तराखंड के अस्पतालों में कोरोना के मरीजों को सही सुविधा नहीं मिल पा रही है. इससे कई लोग अपनी जान भी गंवा रहे हैं. इस बात को खुद सूबे के मुख्यमंत्री भी स्वीकार कर रहे हैं. जिन कंधों पर स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाने की जिम्मेदारी है, वही व्यवस्थाओं की पोल खोल रहे हैं, तो बड़ा सवाल खड़ा हो जाता है.

ये भी पढ़ें- CM तीरथ की फिर फिसली जुबान, बोले- 2 नहीं 20 बच्चे होते तो मिलता ज्यादा राशन!

पहले भी दिए विवादित बयान

वैसे ये पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे हों. इससे पहले भी वो कभी महिलाओं के पहनावे पर टिप्पणी करने को लेकर तो कभी ज्यादा राशन के लिए ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले बयान पर ट्रोल हो चुके हैं. तीरथ सिंह रावत कभी पीएम मोदी की तुलना भगवान राम और कृष्ण से करके विवादों में आए तो कभी भारत को ब्रिटेन की बजाय अमेरिका का गुलाम बताकर और कभी बनारस में कुंभ आयोजित होने की बात कहकर विरोधियों समेत सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर आ चुके हैं. इस साल हरिद्वार महाकुंभ की वजह से कोरोना के मामलों में इजाफा होने पर भी तीरथ सिंह रावत ने कहा था कि कुंभ की तुलना तबलीगी जमात से नहीं करनी चाहिए और गंगा मां के आशीर्वाद से कोरोना नहीं फैलेगा

ये भी पढ़ें- उत्तराखंड के सीएम रावत की फिसली जुबान, '200 साल तक अमेरिका ने किया हम पर राज'

हरिद्वार: अपने बेतुके बयानों को लेकर विवादों में रहने वाले उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार तीरथ सिंह रावत ने एक तरह से अपनी ही सरकार के काम काज पर सवाल उठा दिया.

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहाल

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एक अस्पताल के उद्घाटन के लिए हरिद्वार पहुंचे थे. जहां स्वास्थ्य सुविधाओं पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि ''मेरे पास किसी परिचित का फोन आया कि वह कोरोना पॉजिटिव होकर हॉस्पिटल में भर्ती हुए हैं. मगर उनकी देखरेख करने वाला वहां पर कोई नहीं है. सुबह उनको नाश्ता दिया जा रहा है. मगर उनको पता ही नहीं है कि कौन उन्हें नाश्ता देने आ रहा है. साथ ही उन्हें इतना भी नहीं पता कि वहां पर कौन डॉक्टर है और कौन नर्स है. मुख्यमंत्री का कहना है कि इसी तरह के डिप्रेशन में कई लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मुझे इस बारे में पता चला तो मैंने उन्हें खुद एम्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया.

तीरथ सिंह रावत, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

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स्वास्थ्य विभाग भी सीएम के पास

गौरतलब है कि प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे की जिम्मेदारी भी तीरथ सिंह रावत के कंधों पर ही है. लेकिन इस तरह का बयान मुख्यमंत्री की लाचारी बता रहा है. बातों-बातों में ही सही, मुख्यमंत्री मान रहे हैं कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल हैं. खासकर कोरोना काल में अस्पतालों में फैली अव्यवस्थाएं इस बात की गवाही भी दे रही हैं और जब सूबे का मुखिया ही स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर इस तरह का बयान दे तो सवाल उठना लाजमी है.

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधा की क्या हालात है, इससे हर कोई वाकिफ है. मगर कोरोना महामारी में उत्तराखंड के अस्पतालों में कोरोना के मरीजों को सही सुविधा नहीं मिल पा रही है. इससे कई लोग अपनी जान भी गंवा रहे हैं. इस बात को खुद सूबे के मुख्यमंत्री भी स्वीकार कर रहे हैं. जिन कंधों पर स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाने की जिम्मेदारी है, वही व्यवस्थाओं की पोल खोल रहे हैं, तो बड़ा सवाल खड़ा हो जाता है.

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पहले भी दिए विवादित बयान

वैसे ये पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे हों. इससे पहले भी वो कभी महिलाओं के पहनावे पर टिप्पणी करने को लेकर तो कभी ज्यादा राशन के लिए ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले बयान पर ट्रोल हो चुके हैं. तीरथ सिंह रावत कभी पीएम मोदी की तुलना भगवान राम और कृष्ण से करके विवादों में आए तो कभी भारत को ब्रिटेन की बजाय अमेरिका का गुलाम बताकर और कभी बनारस में कुंभ आयोजित होने की बात कहकर विरोधियों समेत सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर आ चुके हैं. इस साल हरिद्वार महाकुंभ की वजह से कोरोना के मामलों में इजाफा होने पर भी तीरथ सिंह रावत ने कहा था कि कुंभ की तुलना तबलीगी जमात से नहीं करनी चाहिए और गंगा मां के आशीर्वाद से कोरोना नहीं फैलेगा

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