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Uttarakhand Bus Accident: सदमे में पीड़ितों के परिजन, अब कौन पालेगा परिवार, किसी को नहीं हो रहा यकीन - तीर्थयात्रा त्रासदी में समाप्त हो गई

उत्तराखंड बस दुर्घटना के बाद मध्यप्रदेश सहित पूरे पन्ना जिले में गम का माहौल है. जिनके परिजन इस हादसे में जान गंवा बैठे, वे लोग सदमे में हैं. उन्हें अभी भी यकीन नहीं हो पा रहा है कि उनके परिजन की तीर्थयात्रा हादसे में समाप्त हो गई. कई लोग ऐसे हैं, जिनके परिवार में वही एकमात्र कमाने वाले थे, जो हादसे का शिकार हो गए. पीड़ित परिजनों को समझ नहीं आ रहा कि वे इस त्रासदी का सामना कैसे करें. उनके भविष्य का क्या होगा. वहीं. पन्ना जिला प्रशासन के अधिकारी पीड़ित परिजनों की हिम्मत बढ़ा रहे हैं. (Relatives of victims in shock) (no one can believe in this tragedy) ( Family member pilgrimage ended in tragedy) (officials increasing courage of victims)

Uttarakhand Bus Accident
सदमे में पीड़ितों के परिजन
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Published : Jun 6, 2022, 11:03 PM IST

पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के मूल निवासी राजेंद्र सिंह राजपूत को अब भी यकीन नहीं हो रहा है कि उनके पिता जो परिवार के एकमात्र कमाने वाले थे, उत्तराखंड में चार धाम तीर्थयात्रा के दौरान बस दुर्घटना में मारे गए. राजपूत सदमे में हैं. वह नहीं जानते कि उनका परिवार इससे कैसे उबरेगा. उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में रविवार को हुए बस हादसे में अपने पिता को खो देने वाले दो भाई-बहनों का भी कुछ ऐसा ही हाल है. एक रामलीला कलाकार, जो यहां के एक गांव में अपने प्रदर्शन से भारी भीड़ को आकर्षित करते थे. उनकी भी दुर्घटना में मौत हो गई. उनके प्रशंसक दुखी हैं. बता दें कि एमपी के पन्ना जिले से तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस रविवार को उत्तरकाशी में यमुनोत्री मंदिर के रास्ते में रिखावु खड्ड के पास गहरी खाई में गिर जाने से 26 लोगों की मौत हो गई और चार लोग घायल हो गए. बस में ड्राइवर और हेल्पर के अलावा 28 यात्री सवार थे.

सदमे में पीड़ितों के परिजन

हादसे में बचे एक शख्स ने रिसीव किया कॉल : पन्ना के संतबुद्ध सिंह गांव के रहने वाले राजेंद्र राजपूत ने बताया कि उन्होंने रविवार सुबह करीब 11 बजे अपने पिता से फोन पर बात की, जो तीर्थ यात्रा पर गए थे. वे सभी खुश थे और यमुनोत्री के रास्ते में थे, लेकिन, जब मैंने अपने पिता को उनके स्थान के बारे में जानने के लिए शाम 5 बजे फिर से फोन किया तो कॉल रिसीव नहीं हुआ. मैंने चार-पांच बार कोशिश की और जब किसी ने जवाब नहीं दिया तो मैं चिंतित हो गया. बाद में, जब फिर से अपने पिता के नंबर की कोशिश की तो उदय सिंह ठाकुर (दुर्घटना में जीवित बचे) ने फोन उठाया और बताया कि उनकी बस एक गहरी खाई में गिर गई है.ठाकुर ने बताया कि वह खाई में गिरने से पहले बस से उछलकर गिर गया था. ठाकुर ने मुझे यह भी बताया कि मेरे पिता का फोन उनके पास था. सब कुछ खत्म हो गया. राजपूत ने दबी आवाज में कहा. इसके बाद राजपूत ने इस दुखद खबर की पुष्टि करने के लिए पन्ना कलेक्टर संजय मिश्रा को फोन किया.

हादसे के बाद सदमे में पीड़ितों के परिजन

कलेक्टर ने पीड़ित को सांत्वना दी : कलेक्टर ने राजपूत को सांत्वना देने की कोशिश की और कहा कि तहसीलदार उनसे मिलेंगे. राजपूत ने बताया कि कलेक्टर ने उनसे यह भी कहा कि वे सहायता के लिए कहीं न जाएं, क्योंकि सरकार शवों को उनके मूल स्थानों पर लाने की व्यवस्था कर रही है. राजपूत का कहना है कि मेरे पिता छह सदस्यों वाले परिवार के मुखिया थे. वह कमाने वाला इकलौता सदस्य था. ऐसे ही काकरहटा गांव के जगत सिंह राजपूत ने बताया कि उन्होंने इस हादसे में अपने बड़े भाई को खो दिया. मेरे भाई का एक बेटा और एक बेटी है और वे अपनी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर थे.

सभी तीर्थयात्री 21 मई को पन्ना से निकले थे : रामलीला के लोकप्रिय कलाकार मोहनद्रा गांव के बांके बिहारी की भी हादसे में मौत हो गई. बिहारी के करीबी विजय शंकर ने बताया कि उन्होंने रामलीला में कई भूमिकाएं निभाईं और एक बहुमुखी कलाकार थे. वह गांव में जहां भी खड़े होते, लोग उन्हें सुनने के लिए इकट्ठा होते थे. वह सभी को हंसाते थे. वहीं, कलेक्टर मिश्रा ने कहा कि पन्ना के नौ गांवों और छतरपुर जिले के एक गांव के लोग तीर्थ यात्रा पर गए थे. ये सभी 21 मई को मैहर, चित्रकूट, अयोध्या, वाराणसी, काठमांडू, जनकपुर समेत विभिन्न स्थानों के भ्रमण पर गए और दो-तीन दिन पहले हरिद्वार पहुंचे. उन्हें रविवार को उत्तराखंड में चार धाम यात्रा की अनुमति मिल गई. दुर्भाग्य से उनकी बस गहरी खाई में गिर गई.

Uttarkashi Bus Accident: 15 साल में जा चुकी है 249 लोगों की जान

सीएम व बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष पहुंचे मौके पर : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और खजुराहो से सांसद वीडी शर्मा अपने निर्वाचन क्षेत्र से पीड़ितों के शवों को स्थानांतरित करने की व्यवस्था का जायजा लेने के लिए सोमवार सुबह देहरादून पहुंचे. वह तीर्थयात्रियों के पार्थिव शरीर को लेकर भारतीय वायुसेना के विमान में यात्रा करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि शवों को उनके मूल स्थानों पर भेजा जाए. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राज्य के मंत्री बिजेंद्र प्रताप सिंह, पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रविवार रात देहरादून गए थे. सीएम ने रविवार को घोषणा की थी कि प्रत्येक मृतक के परिजनों को 5 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे.

पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के मूल निवासी राजेंद्र सिंह राजपूत को अब भी यकीन नहीं हो रहा है कि उनके पिता जो परिवार के एकमात्र कमाने वाले थे, उत्तराखंड में चार धाम तीर्थयात्रा के दौरान बस दुर्घटना में मारे गए. राजपूत सदमे में हैं. वह नहीं जानते कि उनका परिवार इससे कैसे उबरेगा. उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में रविवार को हुए बस हादसे में अपने पिता को खो देने वाले दो भाई-बहनों का भी कुछ ऐसा ही हाल है. एक रामलीला कलाकार, जो यहां के एक गांव में अपने प्रदर्शन से भारी भीड़ को आकर्षित करते थे. उनकी भी दुर्घटना में मौत हो गई. उनके प्रशंसक दुखी हैं. बता दें कि एमपी के पन्ना जिले से तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस रविवार को उत्तरकाशी में यमुनोत्री मंदिर के रास्ते में रिखावु खड्ड के पास गहरी खाई में गिर जाने से 26 लोगों की मौत हो गई और चार लोग घायल हो गए. बस में ड्राइवर और हेल्पर के अलावा 28 यात्री सवार थे.

सदमे में पीड़ितों के परिजन

हादसे में बचे एक शख्स ने रिसीव किया कॉल : पन्ना के संतबुद्ध सिंह गांव के रहने वाले राजेंद्र राजपूत ने बताया कि उन्होंने रविवार सुबह करीब 11 बजे अपने पिता से फोन पर बात की, जो तीर्थ यात्रा पर गए थे. वे सभी खुश थे और यमुनोत्री के रास्ते में थे, लेकिन, जब मैंने अपने पिता को उनके स्थान के बारे में जानने के लिए शाम 5 बजे फिर से फोन किया तो कॉल रिसीव नहीं हुआ. मैंने चार-पांच बार कोशिश की और जब किसी ने जवाब नहीं दिया तो मैं चिंतित हो गया. बाद में, जब फिर से अपने पिता के नंबर की कोशिश की तो उदय सिंह ठाकुर (दुर्घटना में जीवित बचे) ने फोन उठाया और बताया कि उनकी बस एक गहरी खाई में गिर गई है.ठाकुर ने बताया कि वह खाई में गिरने से पहले बस से उछलकर गिर गया था. ठाकुर ने मुझे यह भी बताया कि मेरे पिता का फोन उनके पास था. सब कुछ खत्म हो गया. राजपूत ने दबी आवाज में कहा. इसके बाद राजपूत ने इस दुखद खबर की पुष्टि करने के लिए पन्ना कलेक्टर संजय मिश्रा को फोन किया.

हादसे के बाद सदमे में पीड़ितों के परिजन

कलेक्टर ने पीड़ित को सांत्वना दी : कलेक्टर ने राजपूत को सांत्वना देने की कोशिश की और कहा कि तहसीलदार उनसे मिलेंगे. राजपूत ने बताया कि कलेक्टर ने उनसे यह भी कहा कि वे सहायता के लिए कहीं न जाएं, क्योंकि सरकार शवों को उनके मूल स्थानों पर लाने की व्यवस्था कर रही है. राजपूत का कहना है कि मेरे पिता छह सदस्यों वाले परिवार के मुखिया थे. वह कमाने वाला इकलौता सदस्य था. ऐसे ही काकरहटा गांव के जगत सिंह राजपूत ने बताया कि उन्होंने इस हादसे में अपने बड़े भाई को खो दिया. मेरे भाई का एक बेटा और एक बेटी है और वे अपनी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर थे.

सभी तीर्थयात्री 21 मई को पन्ना से निकले थे : रामलीला के लोकप्रिय कलाकार मोहनद्रा गांव के बांके बिहारी की भी हादसे में मौत हो गई. बिहारी के करीबी विजय शंकर ने बताया कि उन्होंने रामलीला में कई भूमिकाएं निभाईं और एक बहुमुखी कलाकार थे. वह गांव में जहां भी खड़े होते, लोग उन्हें सुनने के लिए इकट्ठा होते थे. वह सभी को हंसाते थे. वहीं, कलेक्टर मिश्रा ने कहा कि पन्ना के नौ गांवों और छतरपुर जिले के एक गांव के लोग तीर्थ यात्रा पर गए थे. ये सभी 21 मई को मैहर, चित्रकूट, अयोध्या, वाराणसी, काठमांडू, जनकपुर समेत विभिन्न स्थानों के भ्रमण पर गए और दो-तीन दिन पहले हरिद्वार पहुंचे. उन्हें रविवार को उत्तराखंड में चार धाम यात्रा की अनुमति मिल गई. दुर्भाग्य से उनकी बस गहरी खाई में गिर गई.

Uttarkashi Bus Accident: 15 साल में जा चुकी है 249 लोगों की जान

सीएम व बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष पहुंचे मौके पर : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और खजुराहो से सांसद वीडी शर्मा अपने निर्वाचन क्षेत्र से पीड़ितों के शवों को स्थानांतरित करने की व्यवस्था का जायजा लेने के लिए सोमवार सुबह देहरादून पहुंचे. वह तीर्थयात्रियों के पार्थिव शरीर को लेकर भारतीय वायुसेना के विमान में यात्रा करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि शवों को उनके मूल स्थानों पर भेजा जाए. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राज्य के मंत्री बिजेंद्र प्रताप सिंह, पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रविवार रात देहरादून गए थे. सीएम ने रविवार को घोषणा की थी कि प्रत्येक मृतक के परिजनों को 5 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे.

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