रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा भले ही शुरू हो गई है, लेकिन अव्यवस्थाएं का अंबार लगा हुआ है, जिसकी भुगतान तीर्थयात्रियों को भुगतान पड़ रहा है. यही कारण है कि केदारनाथ के कपाट खुले हुए तीन दिन ही हुए है और यहां पर चार श्रद्धालु दम तोड़ चुके है. ऐसी ही कुछ हालात गंगोत्री और यमुनोत्री में भी देखने को मिल रहे है. यहां दोनों धामों में 8 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी हैं. शनिवार को 2 श्रद्धालुओं की हार्ट अटैक से गई जान है. केदारनाथ धाम में तीन मौते अचानक तबियत खराब होने से हुई है. वहीं, एक श्रद्धालु की मौत खाई में गिरने से कारण हुई है.
केदारनाथ यात्रा में हजारों की संख्या में हर दिन तीर्थ यात्री पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां पर तबियत खराब होने पर यात्रियों के लिए इलाज के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए है. यहीं कारण है कि बीच रास्ते में इलाज के अभाव में तीर्थ यात्री दम तोड़ रहे है. गुजरात की रहने वाली 47 साल की सोनी छाया बेन केदारनाथ यात्रा पर आई थी. रास्ते में तबियत बिगड़ने के कारण वह परिजनों के साथ सोनप्रयाग लौट आई. यहां से उन्हें जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग लाया गया. इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
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इसके अलावा केदारनाथ पहुंची बुलंदशहर यूपी निवासी उर्मिला गर्ग (67) की तबियत बिगड़ने से मौत हो गई, जबकि दिलशा राम निवासी मध्य प्रदेश (67) की केदारनाथ में तबियत बिगड़ने से मौत हुई है. दोनों शवों का पंचनामा भरने के बाद पुलिस ने हेलीकॉप्टर से गुप्तकाशी भेजा. पोस्टमार्टम के बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया गया है.
वहीं केदारनाथ यात्रा पर आए प्रवीण सैनी पुत्र रमेश सैनी उम्र लगभग 47 वर्ष निवासी गुड़गांव हरियाणा, केदारनाथ की यात्रा करके गौरीकुंड की ओर आ रहा था. गौरीकुंड से एक किमी पहले पैर फिसल जाने के कारण वे लगभग 150 मीटर गहरी खाई में गिर गए. सूचना प्राप्त होने पर एसडीआरएफ के उप निरीक्षक कर्ण सिंह के नेतृत्व में टीम मय रेस्क्यू उपकरणों के साथ तत्काल घटनास्थल पर पहुंची. एसडीआरएफ टीम द्वारा अत्यंत विषम परिस्थितियों में यात्री की सर्चिंग के लिए 150 मीटर गहरी खाई में उतरकर सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. गहन सर्चिंग के उपरांत एसडीआरएफ टीम को यात्री दिखाई दिया, जो कि मृत अवस्था में था. टीम की ओर से शव को बरामद कर स्ट्रेचर की सहायता से मुख्य मार्ग तक पहुंचाकर बॉडी बैग के माध्यम से जिला पुलिस के सुपर्द किया गया.