वाराणसी : उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के जंसा बॉर्डर पर अपर पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ ने दो लाख का इनामी कुख्यात मनीष सिंह उर्फ सोनू को मार गिराया (miscreant manish singh encounter in varanasi) है. सोमवार को एसटीएफ और मनीष सिंह के बीच मुठभेड़ हुई. ये मुठभेड़ लोहता थाना क्षेत्र के बनकट फाटक के पास हुई, जिसमें मनीष घायल हो गया था. उसे दीनदयाल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. घटनास्थल से एक 38 बोर की पिस्टल व 9 एमएम की कारबाईन तथा ढेर सारे कारतूस बरामद हुए है. मृतक का एक साथी मौके से फरार है. मनीष सिंह पर 32 मुकदमे दर्ज थे.
मनीष सिंह उर्फ सोनू मिर्जापुर की एक कंपनी के जनरल मैनेजर की हत्या तथा वाराणसी के चर्चित पत्रकार एनडी तिवारी की हत्या में वांछित था. इसके अलावा वह पूर्वान्चल में कई जघन्य हत्याओं तथा लूट की घटनाओं में संलिप्तत पाया गया है. पहले हुई मुठभेड़ों के दौरान कई बार पुलिस पर हमला कर वह फरार हो चुका था. इसके गैंग के रोहित सिंह सन्नी, रोहित गुप्ता उर्फ किट्टू, दीपक वर्मा जैसे अपराधियों को एसटीएफ मार चुकी है.
बता दें कि मनीष सिंह एक कुख्यात हिस्ट्रीशीटर है. बचपन से मनीष चोलापुर के उंदी गांव में अपने मामा सुरेन्द्र सिंह के यहां रहता था. शुरू से ही अपराधिक मानसिकता का मनीष सिंह सोनू ने उंदी गांव में अपने दोस्तों के साथ मिलकर कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम भी दिया है, जिसके लिए उसे चार साल की जेल भी हुई थी. जेल से बाहर आने के बाद मनीष सिंह सोनू ने अपना खुद का गैंग बना लिया. उसके गैंग में जितेन्द्र जायसवाल, बुच्ची सिंह जैसे अपराधी थे. सर पर सनी सिंह जैसे आका का हाथ था. इसने जितेन्द्र और बुच्ची सिंह के साथ मिल कर बैंक लूटने की घटना को अंजाम दिया था.
सूत्रों की मानें तो जेल में रहने के दरमियान सनी सिंह उर्फ रोहित सिंह और रोशन गुप्ता किट्टू के साथ इसकी दोस्ती हो गई थी. जो जेल के बाहर तक कायम रही. इसने रोशन गुप्ता और रोहित सिंह सनी के साथ मिलकर कई लूट की घटनाओं को अंजाम दिया. जानकार मानते है कि सनी सिंह, रईस बनारसी और अब किट्टू के मारे जाने के बाद से मनीष सिंह सोनू गैंग चला रहा था.