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उत्तर प्रदेश : धर्मांतरण मामले में और तीन गिरफ्तार, विदेश से आता था धन

यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने बताया कि धर्मांतरण के मामले में तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ट्रस्ट को विदेशों से फंडिंग हो रही थी.

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Published : Jun 29, 2021, 10:32 AM IST

Updated : Jun 29, 2021, 12:45 PM IST

यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार
यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार

लखनऊ : धर्मांतरण के मामले में पुलिस ने और तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. इन तीनों युवकों की भूमिका मामले में संदिग्ध पाई गई थी. तीनों आरोपी धर्म गुरु बताए जा रहे हैं. इस बारे में उत्तर प्रदेश के एडीजी, लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने पत्रकार सम्मेलन में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि धर्मांतरण के लिए विदेशों से फंडिंग होती रही है. मामले में तीन गिरफ्तारियां की गई हैं. ये तीनों धर्म गुरु बताए जा रहे हैं. धर्मांतरण मामले में तीन धर्म गुरुओं की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी. एटीएस अब तीनों धर्म गुरुओं की कुंडली खंगाल कर धर्मांतरण के रहस्यों से पर्दा उठाने में जुटी हुई है. एडीजी ने बताया कि इन आरोपियों के कनाडा और कतर कनेक्शन को खंगाला जा रहा है.

तीनों आरोपियों की पहचान

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में इरफान शेख, राहुल भोला और मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान शामिल हैं. इसमें मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान गुड़गांव हरियाणा का रहने वाला है. इरफान शेख महाराष्ट्र के बीड़ जनपद का रहने वाला है, जबकि राहुल भोला नई दिल्ली के उत्तम नगर का निवासी है. पूछताछ में पता चला कि इरफान शेख एक इंटरप्रेटर है जो दिल्ली के मिनिस्ट्री ऑफ चाइल्ड वेलफेयर में इंटरप्रेटर का काम करता है, जिसके कारण वह मूकबधिर लोगों के बीच अच्छी पहुंच रखता है. बताया जाता है कि उसने ही आदित्य का धर्म परिवर्तन कराया था.

इरफान शेख
इरफान शेख

मूकबधिर युवाओं को करते थे प्रेरित

वहीं, इरफान मूकबधिर छात्रों को इस्लाम का ज्ञान देता है और गैर धर्मों की बुराइयां भी करता है. मूक बधिर को इरफान के माध्यम से ही प्रलोभन दिया गया और उनका धर्म परिवर्तन कराया गया. दूसरे गिरफ्तार युवक राहुल भोला एक मूक-बधिर है. वह इस काम में इरफान का साथ देता था और मूकबधिर युवाओं को धर्मांतरण के लिए प्रेरित भी करता था. उत्तर प्रदेश की एटीएस के द्वारा उमर गौतम के इस्लामिक दवा सेंटर द्वारा कराए गए धर्म परिवर्तन में उत्तर प्रदेश के व्यक्तियों का सत्यापन भी किया जा रहा है. इस्लामिक दवा सेंटर के खातों की जांच की गई तो एक करोड़ 82 लाख 83210 रुपये के लेन-देन का ब्योरा मिला है.

पढ़ें : धर्मांतरण मामला : सिख महिला का वीडियो वायरल, कहा- अपनी मर्जी से की थी शादी

विदेशों से फंडिंग

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने बताया कि एटीएस के द्वारा उमर गौतम के खातों की जब जांच की गई तो यह पाया गया कि वह फातिमा चैरिटेबल ट्रस्ट के खातों में आए रकम का व्यक्तिगत रूप से उपयोग करता था. इस्लामिक दवा सेंटर और उसके परिवार के खातों में एक करोड़ 82 लाख 83 हजार 210 का ट्रांजैक्शन हुआ है. वहीं, इनमें 50 लाख रुपये कि विदेशों से फंडिंग भी हुई है जो रियाद, कतर और आबू धाबी देशों से फंडिंग पाई गई है. हवाला से भी नेटवर्क पाये गये हैं. वही, टेरर फंडिंग के लिए भी पैसों का इस्तेमाल पाया गया है.

बता दें कि इससे पहले पुलिस ने धर्मांतरण के मामले में उमर गौतम सहित मोहम्मद उमर और जहांगीर आलम को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार उमर गौतम और जहांगीर आलम से एटीएस की पूछताछ लगातार जारी है. देशभर के 24 राज्यों में उमर का नेटवर्क फैला होने का दावा किया जा रहा है. एटीएस इसकी तस्दीक कर रही है. साथ ही उमर द्वारा बताए गए पतों को खंगालने के लिए यूपी पुलिस संबंधित राज्य की पुलिस के साथ जानकारी साझा कर रही है.

उन्होंने बताया कि मोहम्मद उमर इन धर्म गुरुओं के जरिए मूकबधिर छात्रों का ब्रेनवॉश करता था. सुरक्षा एजेंसियां इन धर्म गुरुओं की कॉल डिटेल रिपोर्ट, सोशल मीडिया एक्टिविटी के माध्यम से यह पता करने का प्रयास कर रही हैं कि धर्म गुरुओं की धर्मांतरण के संबंध में किससे बात होती थी. सोशल मीडिया पर उनकी तरफ से बीते आठ महीनों में की गई पोस्ट भी खंगाली जा रही है, जिससे उनकी भवानाओं का पता लग सकेगा.

लखनऊ : धर्मांतरण के मामले में पुलिस ने और तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. इन तीनों युवकों की भूमिका मामले में संदिग्ध पाई गई थी. तीनों आरोपी धर्म गुरु बताए जा रहे हैं. इस बारे में उत्तर प्रदेश के एडीजी, लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने पत्रकार सम्मेलन में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि धर्मांतरण के लिए विदेशों से फंडिंग होती रही है. मामले में तीन गिरफ्तारियां की गई हैं. ये तीनों धर्म गुरु बताए जा रहे हैं. धर्मांतरण मामले में तीन धर्म गुरुओं की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी. एटीएस अब तीनों धर्म गुरुओं की कुंडली खंगाल कर धर्मांतरण के रहस्यों से पर्दा उठाने में जुटी हुई है. एडीजी ने बताया कि इन आरोपियों के कनाडा और कतर कनेक्शन को खंगाला जा रहा है.

तीनों आरोपियों की पहचान

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में इरफान शेख, राहुल भोला और मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान शामिल हैं. इसमें मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान गुड़गांव हरियाणा का रहने वाला है. इरफान शेख महाराष्ट्र के बीड़ जनपद का रहने वाला है, जबकि राहुल भोला नई दिल्ली के उत्तम नगर का निवासी है. पूछताछ में पता चला कि इरफान शेख एक इंटरप्रेटर है जो दिल्ली के मिनिस्ट्री ऑफ चाइल्ड वेलफेयर में इंटरप्रेटर का काम करता है, जिसके कारण वह मूकबधिर लोगों के बीच अच्छी पहुंच रखता है. बताया जाता है कि उसने ही आदित्य का धर्म परिवर्तन कराया था.

इरफान शेख
इरफान शेख

मूकबधिर युवाओं को करते थे प्रेरित

वहीं, इरफान मूकबधिर छात्रों को इस्लाम का ज्ञान देता है और गैर धर्मों की बुराइयां भी करता है. मूक बधिर को इरफान के माध्यम से ही प्रलोभन दिया गया और उनका धर्म परिवर्तन कराया गया. दूसरे गिरफ्तार युवक राहुल भोला एक मूक-बधिर है. वह इस काम में इरफान का साथ देता था और मूकबधिर युवाओं को धर्मांतरण के लिए प्रेरित भी करता था. उत्तर प्रदेश की एटीएस के द्वारा उमर गौतम के इस्लामिक दवा सेंटर द्वारा कराए गए धर्म परिवर्तन में उत्तर प्रदेश के व्यक्तियों का सत्यापन भी किया जा रहा है. इस्लामिक दवा सेंटर के खातों की जांच की गई तो एक करोड़ 82 लाख 83210 रुपये के लेन-देन का ब्योरा मिला है.

पढ़ें : धर्मांतरण मामला : सिख महिला का वीडियो वायरल, कहा- अपनी मर्जी से की थी शादी

विदेशों से फंडिंग

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने बताया कि एटीएस के द्वारा उमर गौतम के खातों की जब जांच की गई तो यह पाया गया कि वह फातिमा चैरिटेबल ट्रस्ट के खातों में आए रकम का व्यक्तिगत रूप से उपयोग करता था. इस्लामिक दवा सेंटर और उसके परिवार के खातों में एक करोड़ 82 लाख 83 हजार 210 का ट्रांजैक्शन हुआ है. वहीं, इनमें 50 लाख रुपये कि विदेशों से फंडिंग भी हुई है जो रियाद, कतर और आबू धाबी देशों से फंडिंग पाई गई है. हवाला से भी नेटवर्क पाये गये हैं. वही, टेरर फंडिंग के लिए भी पैसों का इस्तेमाल पाया गया है.

बता दें कि इससे पहले पुलिस ने धर्मांतरण के मामले में उमर गौतम सहित मोहम्मद उमर और जहांगीर आलम को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार उमर गौतम और जहांगीर आलम से एटीएस की पूछताछ लगातार जारी है. देशभर के 24 राज्यों में उमर का नेटवर्क फैला होने का दावा किया जा रहा है. एटीएस इसकी तस्दीक कर रही है. साथ ही उमर द्वारा बताए गए पतों को खंगालने के लिए यूपी पुलिस संबंधित राज्य की पुलिस के साथ जानकारी साझा कर रही है.

उन्होंने बताया कि मोहम्मद उमर इन धर्म गुरुओं के जरिए मूकबधिर छात्रों का ब्रेनवॉश करता था. सुरक्षा एजेंसियां इन धर्म गुरुओं की कॉल डिटेल रिपोर्ट, सोशल मीडिया एक्टिविटी के माध्यम से यह पता करने का प्रयास कर रही हैं कि धर्म गुरुओं की धर्मांतरण के संबंध में किससे बात होती थी. सोशल मीडिया पर उनकी तरफ से बीते आठ महीनों में की गई पोस्ट भी खंगाली जा रही है, जिससे उनकी भवानाओं का पता लग सकेगा.

Last Updated : Jun 29, 2021, 12:45 PM IST
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