वाराणसी : उत्तर प्रदेश में अगले साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections 2022) के ठीक पहले कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका (Big shock to Congress) लगा है. ताजा मामला वाराणासी का है, जहां कभी पूर्वांचल की राजनीति के केंद्र में रहे पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी (Congress Party) के कद्दावर नेता कमलापति त्रिपाठी (Kamalapati Tripathi) के परिवार ने कांग्रेस से खुद को अलग कर लिया है. चार पीढ़ियों से लगातार कांग्रेस में रहने वाले कमलापति त्रिपाठी के परिवार ने अब गांधी परिवार का 'हाथ' छोड़ दिया है. कमलापति त्रिपाठी के परिवार की चौथे पीढ़ी के नेता ललितेश पति त्रिपाठी ने आज कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने उनसे खास बातचीत की.
'पार्टी में नहीं है पुरोधा का सम्मान'
ईटीवी भारत से खास बातचीत में ललितेश पति त्रिपाठी ने कहा कि कांग्रेस उनकी आत्मा में बसती है, लेकिन उन्होंने पार्टी की कार्यप्रणाली से नाराज होकर इस्तीफा दिया है. कांग्रेस में रहते हुए वह लोगों की मदद करने में स्वयं को अक्षम पा रहे थे. उन्होंने कहा कि पार्टी में कांग्रेस के पुराने पुरोधाओं का सम्मान नहीं हो रहा है और यही वजह है कि मैं पार्टी की सदस्यता को त्याग रहा हूं. जिन लोगों ने पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत किया, आज उनको अनदेखी की जा रही है जो मैं सहन नहीं कर सकता. क्योंकि मैं उस परिवार से आता हूं जिस परिवार ने कांग्रेस पार्टी और लोगों की सेवा करने में खुद को समर्पित कर दिया. ऐसे में लोगों का व उनके समर्पण भाव का यदि अनादर होगा तो वहां साथ रहना मुश्किल है. यही वजह है कि मैं पार्टी पद से इस्तीफा दे रहा हूं.
'किसी पार्टी से नहीं है करार'
आपको बता दें कि ललितेश पति त्रिपाठी के सपा में जाने के कयास लगाए जा रहे थे. लेकिन, ईटीवी भारत से खास बातचीत में भविष्य की राजनीति पर बोलते हुए ललितेश पति त्रिपाठी ने कहा कि अगर उनके कार्यकर्ता और समर्थक चाहेंगे तो वह 2022 का चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि अभी किसी पार्टी से हमारा कोई संबंध नहीं है, फिलहाल हमारा ध्यान हमारे परिवार को इकट्ठा करने का है. इसके बाद में इस बात पर विचार होगा और जो परिवार का फैसला होगा, आमजन का फैसला होगा वह मुझे स्वीकार होगा.
पूर्वांचल की राजनीति का बड़ा ब्राह्मण चेहरा
बता दें कि ललितेश पति त्रिपाठी कमलापति त्रिपाठी के पपौत्र होने के कारण पूर्वांचल में कांग्रेस के लिए एक मजबूत ब्राह्मण चेहरा थे और इस वजह से पूर्वांचल का ब्राह्मण वोट भी हमेशा से कांग्रेस के पाले में जाता रहा है. लेकिन, विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ललितेश पति त्रिपाठी का कांग्रेस छोड़ना पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है. इससे निश्चित तौर पर कांग्रेस के वोट प्रभावित होंगे. बहरहाल यह भविष्य के गर्भ में है कि लगातार मिल रहे झटको से कांग्रेस कैसे खुद को सशक्त बनाती है.
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