वाशिंगटन (यूएस) : व्हाइट हाउस ने शुक्रवार (स्थानीय समय) पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को 'आज का युग युद्ध का नहीं' संदेश जोड़ने में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की. यूक्रेन-रूस संघर्ष के बीच इंडोनेशिया के बाली में जी20 संयुक्त घोषणा पत्र में कहा गया कि 'आज का युग युद्ध का नहीं है'. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव काराइन जीन पियरे ने एक ब्रीफिंग में कहा कि G20 शिखर सम्मेलन सफल रहा. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पीएम मोदी और इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो से बात की और संयुक्त घोषणा में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला.
जीन-पियरे ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन ने पीएम मोदी और इंडोनेशियाई राष्ट्रपति के साथ बात की. भारत ने शिखर सम्मेलन की घोषणा पर बातचीत करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि आज का युग युद्ध का नहीं होना चाहिए. मोदी ने यूक्रेन-रूस संघर्ष की पृष्ठभूमि में इस साल सितंबर में समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के इतर एक द्विपक्षीय बैठक में पुतिन को दिए अपने बयान में कहा था कि आज का युग युद्ध का नहीं' है. अंतर्राष्ट्रीय कानून और शांति और स्थिरता की रक्षा करने वाली बहुपक्षीय प्रणाली को बनाए रखना आवश्यक है.
बुधवार को जारी जी 20 संयुक्त घोषणापत्र के अनुसार संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में निहित उद्देश्यों और सिद्धांतों का बचाव करना और सशस्त्र संघर्षों में नागरिकों और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सहित अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करना शामिल है. परमाणु हथियारों के उपयोग या उपयोग की धमकी अस्वीकार्य है संघर्षों का शांतिपूर्ण समाधान, और संकटों को दूर करने के प्रयास, साथ ही कूटनीति और संवाद महत्वपूर्ण हैं.
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एक विशेष ब्रीफिंग के दौरान, विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि पीएम मोदी का संदेश सभी प्रतिनिधिमंडलों में बहुत गहराई से प्रतिध्वनित हुआ और विभिन्न दलों के बीच की खाई को पाटने में मदद की. क्वात्रा ने कहा कि आउटकम डॉक्युमेंट की सफल वार्ता में भारत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. विशेष ब्रीफिंग में क्वात्रा ने यह भी कहा कि भारत ने जी20 परिणाम दस्तावेज के प्रारूपण में 'रचनात्मक' योगदान दिया. व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव ने खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में पीएम मोदी की भूमिका की भी सराहना की और भारत की जी20 अध्यक्षता के लिए अमेरिकी समर्थन को दोहराया.
जीन-पियरे ने कहा कि हमने वर्तमान खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा चुनौतियों और एक लचीली वैश्विक अर्थव्यवस्था के निर्माण के प्रयासों को संबोधित किया. पीएम मोदी का संबंध इस परिणाम के लिए महत्वपूर्ण था. हम अगले साल भारत की जी20 अध्यक्षता का समर्थन करने के लिए तत्पर हैं. महामारी के दौरान, भारत ने अपने 1.3 बिलियन नागरिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की. साथ ही कई देशों को जरूरत के हिसाब से खाद्यान्न की आपूर्ति भी की गई. खाद्य सुरक्षा की दृष्टि से उर्वरकों की मौजूदा कमी भी एक बहुत बड़ा संकट है. आज की खाद की कमी कल का खाद्य संकट है, जिसका समाधान दुनिया के पास नहीं होगा.
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उन्होंने कहा कि हमें खाद और खाद्यान्न दोनों की आपूर्ति श्रृंखला को स्थिर और सुनिश्चित बनाए रखने के लिए आपसी समझौता करना चाहिए. सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा था कि भारत में, स्थायी खाद्य सुरक्षा के लिए, हम प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं और बाजरा जैसे पौष्टिक और पारंपरिक खाद्यान्न को फिर से लोकप्रिय बना रहे हैं. बाजरा कुपोषण और भुखमरी जैसी वैश्विक समस्या का समाधान भी कर सकता है. हम सभी को अगले साल बड़े उत्साह के साथ बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष मनाना चाहिए.
(एएनआई)