वाशिंगटन डीसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने रोनाल्ड रीगन सेंटर में भारतीय प्रवासियों को संबोधित किया और 100 से अधिक चोरी हुए पुरावशेषों को भारत वापस लौटाने के अमेरिकी सरकार के फैसले पर खुशी जाहिर की. पीएम मोदी ने कहा कि भारत की 100 से ज्यादा पुरानी मूर्तियां, जो हमारे यहां से चोरी हो गई थीं, उन्हें वापस करने का फैसला लिया गया है. ये पुरावशेष वर्षों पहले अलग-अलग तरीकों से अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचे. मैं इसे वापस लौटाने के लिए अमेरिकी सरकार का विशेष रूप से आभारी हूं. पीएम ने कहा, 'मैं इस भाव के लिए अमेरिकी सरकार को विशेष धन्यवाद देता हूं.' उन्होंने कहा कि इससे यह भी पता चलता है कि दोनों देशों के बीच संबंध व्यापार-केंद्रित नहीं, बल्कि भावनात्मक भी हैं.
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#WATCH | PM Narendra Modi tells the Indian diaspora, "I am happy that the American government has decided to return more than 100 antiquities of India that were stolen from us. These antiquities had reached the international markets. I express my gratitude to the American… pic.twitter.com/2CLumxex3Y
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— ANI (@ANI) June 24, 2023
बता दें कि भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को पुनर्जीवित करने के प्रयास में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार दुनिया भर से पुरावशेषों और कलाकृतियों को वापस ला रही है. एक सरकारी बयान में कहा गया है, 'सदियों से, असंख्य अमूल्य कलाकृतियां, जिनमें से कुछ का गहरा सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है, चोरी हो गईं और विदेशों में तस्करी कर ली गईं. सरकार ने भारतीय कलाकृतियों और सांस्कृतिक विरासत को वापस लाने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया.'
यह बताते हुए कि कैसे अन्य देशों से भारतीय पुरावशेषों की लगातार वापसी हो रही है, पीएम ने कहा, 'जब मैं पिछली बार अमेरिका आया था, तो बहुत सारी पुरानी पुरावशेष भारत लौट आए थे. मैं दुनिया में जहां भी जाता हूं, वहां की सरकार जो भारत का होता है, उसे लौटा देती है. वे मुझे एक ऐसे उचित व्यक्ति के रूप में देखते हैं, जिस पर भरोसा किया जा सकता है. वे भारतीय पुरावशेष यह सोचकर लौटा देते हैं कि वह उन्हें वापस सही स्थान पर रख दिया जाएगा.'
इतना ही नहीं कई विदेशी दौरों पर प्रधानमंत्री ने वैश्विक नेताओं और बहुपक्षीय संस्थानों के साथ इस मामले पर चर्चा की और कुल 251 पुरावशेषों को भारत वापस लाया गया है, जिनमें से 238 को 2014 से वापस लाया गया. वहीं 2022 में भी अमेरिकी अधिकारियों ने 307 पुरावशेषों को भारत को लौटाया जो कई छोटे तस्करी नेटवर्क द्वारा चुराए गए थे, जिनकी कीमत लगभग 4 मिलियन अमरीकी डालर थी. एक बयान में कहा गया है कि मैनहट्टन जिला अटॉर्नी एल्विन एल ब्रैग जूनियर ने अक्टूबर 2022 में घोषणा की थी कि वे भारत के लोगों को लगभग 4 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य की 307 पुरावशेष लौटा रहे हैं और उनमें से अधिकांश को बदनाम कला डीलर सुभाष कपूर से जब्त की गई थी. सुभाष कपूर ने अफगानिस्तान, कंबोडिया, भारत, इंडोनेशिया, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका, थाईलैंड और अन्य देशों से वस्तुओं की तस्करी में सहायता की थी.
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(एएनआई)