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उर्दू दुनिया में बोली जाने वाली सबसे खूबसूरत भाषाओं में से एक: उपराष्ट्रपति - M Venkaiah Naidu

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने उर्दू भाषा की समृद्धि का उल्लेख करते हुए कहा कि दुनिया में बोली जाने वाली सबसे खूबसूरत भाषाओं में से एक है. साथ ही उन्होंने मातृभाषा के महत्व को रेखांकित करते हुए लोगों से हमेशा अपनी मातृभाषा में बोलने का आग्रह किया.

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू
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Published : Jul 13, 2021, 11:05 PM IST

नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू (M Venkaiah Naidu) ने मंगलवार को कहा कि उर्दू दुनिया में बोली जाने वाली सबसे खूबसूरत भाषाओं में से एक है. नायडू वरिष्ठ पत्रकार जेएस इफ्तिखार की लिखित पुस्तक 'उर्दू पोएट्स एंड राइटर्स - जेम्स ऑफ डेक्कन' (Urdu Poets and Writers - Gems of Deccan) से संबंधित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा, उर्दू पूरे विश्व में बोली जाने वाली सबसे खूबसूरत भाषाओं में से एक है.

उपराष्ट्रपति ने मातृभाषा के महत्व को रेखांकित करते हुए लोगों से हमेशा अपनी मातृभाषा में बोलने का आग्रह किया. उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि विशेष रूप से हैदराबाद और संपूर्ण दक्षिण उर्दू के प्राचीन केंद्र रहा है.

कार्यक्रम में नायडू को 'उर्दू पोएट्स एंड राइटर्स – जेम्स ऑफ डेक्कन' किताब भेंट की गई. इसके अलावा उन्हें सत्यकाशी भार्गवा की लिखित पुस्तक 'मानवोत्तम राम' व मल्लिकार्जून की पुस्तक 'नल्लागोंडा कथालू' भी भेंट की गईं.

'जेम्स ऑफ डेक्कन' गद्य और कविता का एक संकलन है जो दक्कन क्षेत्र के 51 उत्कृष्ट कवियों और लेखकों के जीवन व उनके कार्यों को समेटे हुए है. यह पुस्तक हैदराबाद के संस्थापक मुहम्मद कुली कुतुब शाह के समय से लेकर मौजूदा समय तक दक्कन की समृद्ध साहित्यिक और सांस्कृतिक परंपराओं का पता लगाती है.

पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय पीवी नरसिम्हा राव पर एक पुस्तक प्रकाशित करने के लिए तेलंगाना सरकार की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने सभी राज्य सरकारों से स्थानीय और क्षेत्रीय शख्सियतों पर ऐसे प्रकाशन निकालने का आग्रह किया, जिससे युवा पीढ़ी को उनके बारे में जागरूक किया जा सके.

नायडू ने भगवान श्री राम के गुणों को एक आदर्श मानव के रूप में चित्रित करने के प्रयासों के लिए 'मानवोत्तम राम' के लेखक की सराहना की. उन्होंने कहा कि भगवान राम के मूल्य और गुण हमेशा के लिए प्रासंगिक हैं.

यह भी पढ़ें- राम की भक्ति में लीन मुस्लिम महिला साहित्यकार, रामकथा का किया उर्दू तर्जुमा

साथ ही उपराष्ट्रपति ने ग्रामीण लोककथाओं व स्थानीय कहानियों को भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित करने को लेकर लिखने और लोकप्रिय बनाने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने बच्चों के साहित्य को प्रकाशित करने में इसी तरह की पहल का आह्वाहन किया, जिनका मूल हमारे दैनिक जीवन में निहित है.

उपराष्ट्रपति ने इन पुस्तकों को सामने लाने के प्रयासों को लेकर लेखकों सराहना की और उन्हें अपनी शुभकामनाएं दीं.

नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू (M Venkaiah Naidu) ने मंगलवार को कहा कि उर्दू दुनिया में बोली जाने वाली सबसे खूबसूरत भाषाओं में से एक है. नायडू वरिष्ठ पत्रकार जेएस इफ्तिखार की लिखित पुस्तक 'उर्दू पोएट्स एंड राइटर्स - जेम्स ऑफ डेक्कन' (Urdu Poets and Writers - Gems of Deccan) से संबंधित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा, उर्दू पूरे विश्व में बोली जाने वाली सबसे खूबसूरत भाषाओं में से एक है.

उपराष्ट्रपति ने मातृभाषा के महत्व को रेखांकित करते हुए लोगों से हमेशा अपनी मातृभाषा में बोलने का आग्रह किया. उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि विशेष रूप से हैदराबाद और संपूर्ण दक्षिण उर्दू के प्राचीन केंद्र रहा है.

कार्यक्रम में नायडू को 'उर्दू पोएट्स एंड राइटर्स – जेम्स ऑफ डेक्कन' किताब भेंट की गई. इसके अलावा उन्हें सत्यकाशी भार्गवा की लिखित पुस्तक 'मानवोत्तम राम' व मल्लिकार्जून की पुस्तक 'नल्लागोंडा कथालू' भी भेंट की गईं.

'जेम्स ऑफ डेक्कन' गद्य और कविता का एक संकलन है जो दक्कन क्षेत्र के 51 उत्कृष्ट कवियों और लेखकों के जीवन व उनके कार्यों को समेटे हुए है. यह पुस्तक हैदराबाद के संस्थापक मुहम्मद कुली कुतुब शाह के समय से लेकर मौजूदा समय तक दक्कन की समृद्ध साहित्यिक और सांस्कृतिक परंपराओं का पता लगाती है.

पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय पीवी नरसिम्हा राव पर एक पुस्तक प्रकाशित करने के लिए तेलंगाना सरकार की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने सभी राज्य सरकारों से स्थानीय और क्षेत्रीय शख्सियतों पर ऐसे प्रकाशन निकालने का आग्रह किया, जिससे युवा पीढ़ी को उनके बारे में जागरूक किया जा सके.

नायडू ने भगवान श्री राम के गुणों को एक आदर्श मानव के रूप में चित्रित करने के प्रयासों के लिए 'मानवोत्तम राम' के लेखक की सराहना की. उन्होंने कहा कि भगवान राम के मूल्य और गुण हमेशा के लिए प्रासंगिक हैं.

यह भी पढ़ें- राम की भक्ति में लीन मुस्लिम महिला साहित्यकार, रामकथा का किया उर्दू तर्जुमा

साथ ही उपराष्ट्रपति ने ग्रामीण लोककथाओं व स्थानीय कहानियों को भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित करने को लेकर लिखने और लोकप्रिय बनाने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने बच्चों के साहित्य को प्रकाशित करने में इसी तरह की पहल का आह्वाहन किया, जिनका मूल हमारे दैनिक जीवन में निहित है.

उपराष्ट्रपति ने इन पुस्तकों को सामने लाने के प्रयासों को लेकर लेखकों सराहना की और उन्हें अपनी शुभकामनाएं दीं.

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