संभल: आपने अनेकों पलंग (खाट) देखे होंगे, जिन पर तीन या चार लोग बमुश्किल आराम से बैठ पाते हैं. लेकिन, क्या आपने ऐसा पलंग देखा है जिस पर एक साथ 100 लोग बैठ सकते हैं. 60 लोग एक साथ सो सकते हैं ? शायद, आप इस पर यकीन नहीं करेंगे लेकिन, यह सच है. उत्तर प्रदेश के संभल जिले के एक गांव में एक परिवार ने ऐसा ही एक पलंग बनवाया है. इस पलंग की एक और खासियत है कि अगर आप कमर दर्द की पीड़ा से परेशान हैं तो कुछ देर इस पलंग पर आराम करने के बाद आपको सुकून मिल जाएगा.
यह पलंग संभल जिले के असमोली थाना इलाके के गांव मनौटा निवासी अधिवक्ता अतहर चौधरी ने बनवाया है. वह पिछले दिनों हरियाणा में किसी काम से गए हुए थे. वहां पर एक गांव में उन्होंने एक बड़ा पलंग देखा, जिस पर 15 से 20 लोग एक साथ बैठे हुए थे. यह देखकर उनके मन में विचार आया कि क्यों न वह अपने गांव में इससे भी बड़ा पलंग बनवाएं. फिर क्या था गांव लौटकर उन्होंने पलंग बनवाने की जिम्मेदारी बढ़ई मोहम्मद इकबाल को सौंप दी.
दो कारीगर ने 17 दिन में बनाई चारपाईः मोहम्मद इकबाल ने पलंग बनाने की जिम्मेदारी तो ले ली लेकिन उसने इतना बड़ा पलंग अपनी जिंदगी में कभी नहीं बनाया था. इसलिए उसने हापुड़ निवासी एक अन्य कारपेंटर को बुलाया. दोनों कारपेंटरों ने दिन रात एक करते हुए 20 फीट लंबा और 18 फीट चौड़ी चाकपाई को बुनने में 17 दिन का समय लगाया. इस दौरान चारपाई को बुनने में उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. क्योंकि, चारपाई लकड़ी के पाए और पाटी से बनाई गई थी, जिसे बनाना आसान काम नहीं था.
10 कुंतल की चारपाई को बनाने में खर्च हुए दो लाख रुपएः चारपाई को बुनने में तीन कुंतल और 25 किलो रस्सी (बान) का प्रयोग किया गया. गांव निवासी जरीफ ने बताया कि चारपाई का वजन करीब 9 से 10 कुंतल है. जबकि पूरी चारपाई को बनाने में दो लाख रुपए की लागत आई है. इस चारपाई पर रमजान माह में 60 लोगों को एक साथ इफ्तार कराया था. जबकि मोहर्रम में 100 लोगों के करीब इस पर एक साथ बैठ चुके हैं.
दूर-दूर से चारपाई पर बैठने के लिए आते हैं लोगः गांव के ही भूपेंद्र कुमार ने बताया कि उसकी उम्र 24 साल है. लेकिन, आज तक इतनी बड़ी चारपाई उसने अपने जीवन में कभी नहीं देखी. संभल ही नहीं पूरे मुरादाबाद मंडल में इससे बड़ी चारपाई नहीं होने का दावा करते हुए भूपेंद्र कुमार ने बताया कि इसको देखने के लिए दूरदराज से लोग आते हैं और यहां पर आकर पलंग पर बैठते हैं.
चारपाई की क्या है खासियतः चारपाई की खासियत यह है कि अगर किसी के कमर में अत्यधिक दर्द हो रहा है या फिर कमर में चिनका आया है तो इस पर कुछ देर लेटने मात्र से कमर दर्द और चिनका से आराम मिल जाता है. भूपेंद्र कुमार ने बताया कि यह चारपाई सभी के लिए सार्वजनिक तौर पर खुले आंगन में रखी गई है. कोई भी यहां पर आकर आराम कर सकता है. खुले में रखा होने की वजह से चारपाई के लिए टीन शेड लगाया गया है जबकि लाल पत्थर का चबूतरा बनवाकर उस पर चारपाई को रखा गया है. बहरहाल अब इस चारपाई को देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं. चारपाई की चर्चा आसपास के जिलों में खूब हो रही है.
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