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धर्म के नाम पर सियासत: छत्तीसगढ़ में संकटमोचन के सहारे राजनीतिक दल !

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Published : May 6, 2023, 10:57 PM IST

Updated : May 8, 2023, 7:47 PM IST

बजरंग बली को लेकर बयानबाजी का दौर कर्नाटक में शुरू जरूर हुआ, लेकिन सियासत छत्तीसगढ़ की धरती पर देखने को मिल रही है. बजरंग दल पर बैन को लेकर सीएम भूपेश बघेल के बयान पर भाजपा के साथ ही विश्व हिंदू परिषद और बजरंद दल हमलावर हैं. धरना, प्रदर्शन और नारेबाजी से बात आगे बढ़ते हुए चुनौती तक आ पहुंची है.

Uproar over Bajrang Bali
धर्म के नाम पर सियासत

रायपुर: भूपेश बघेल के जरुरत पड़ने पर बजरंग दल पर बैन के बयान के बाद छत्तीसगढ़ में बजरंग बली पर सियासत गरमा गई है. आलम यह है कि बजरंग दल कार्यकर्ता यानी बजरंगी कांग्रेस के विरोध में नारेबाजी कर रहे हैं. कांग्रेसी संकटमोचन हनुमान का ही सहारा लेकर सुंदरकांड का पाठ करते हुए विरोध जता रहे हैं. वहीं भाजपा भी सड़क पर हनुमान चालीसा पढ़ कर कांग्रेस के खिलाफ हल्ला बोल रही है. भगवान के नाम पर सियासी दलों के प्रदर्शन से धर्म और राजनीति के मुद्दे पर एक बार फिर बहस छिड़ गई है.

क्या कहते हैं धर्म के जानकार: धर्म के जानकार अयज भानसिंह का मानना है कि धर्म या धार्मिक मुद्दे को आधार बनाकर राजनीति करना उचित नहीं है. अजय भानसिंह ने इसके लिए राजनीतिक दलों से ज्यादा विदेशी ताकतों के इसके लिए जिम्मेदार बताया. ज्योतिषाचार्य पंडित विनीत शर्मा हनुमान चालीसा के पाठ को चुनौतियों और तमाम तरह की बाधाओं को दूर करने वाला बताते हैं. अब देखना यह है कि संकट हरण हनुमान का नाम जपने का लाभ छत्तीसगढ़ में किसे मिलता है.

"भारत में तात्कालिक परिस्थितियां ऐसी हैं कि लोगों के बीच अलगाव, झगड़ा, द्वेष की स्थिति पैदा की जा रही है. यह जानबूझकर किया जा रहा है. इसमें भारत की राजनीतिक पार्टियों का कम और अंतरराष्ट्रीय लोगों का योगदान ज्यादा है, जो नहीं चाहते कि भारत में सामुदायिक सामंजस्य की स्थिति हो.": अजय भानसिंह (धर्म के जानकार)

"जीवन में आने वाली चुनौतियों, विपदा, बाधाओं और कष्टों को हरने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है. प्रतिदिन स्नान ध्यान योग से निवृत्त होकर हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए.": पंडित विनीत शर्मा, ज्योतिषाचार्य

भाजपा की दलील: भाजपा का कहना है कि सीएम भूपेश बघेल को हनुमानजी ठिकाने लगा देंगे. भाजपा की ओर से दावा किया गया कि केंद्र सरकार के पीएफआई पर बैन लगाना कांग्रेस को रास नहीं आया. इसी के विरोध में कांग्रेस ने बजरंग दल पर बैन की बात कही. हालांकि इस बीच बजरंग दल प्रांत संयोजक ऋषि कुमार ने सीएम भूपेश बघेल को चुनौती दी कि आप में ताकत है तो बजरंग दल पर बैन लगाकर दिखाएं.

"भारत की जनभावनाओं को ध्यान में रखकर ही हमने यह घोषणा की थी कि जब कोर्ट का फैसला आएगा तो हम राम मंदिर निर्माण करेंगे. अब हम राम मंदिर निर्माण कर रहे हैं. पिछली बार कर्नाटक में जो कांग्रेस की सरकार बनी थी तब पीएफआई पर बैन लगा था. उस केस को कांग्रेस पार्टी ने वापस लिया था. अब जब भारत सरकार ने पीएफआई पर बैन लगाया तो इन्हें बहुत बुरा लगा. इसी के काउंटर में इन्होंने बजरंग दल पर बैन लगाने की बात कही है." : नलनिश ठोकने (बीजेपी प्रवक्ता)

यह भी पढ़ें- Raipur : छत्तीसगढ़ में बजरंग बली पर क्यों है सियासी खलबली ?

कांग्रेस का ये है तर्क: कांग्रेस ने भाजपा पर जनसरोकार का मुद्दा न होने पर धर्म के पीछे छिपकर राजनीति करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने धर्म को व्यक्तिगत आस्था का विषय बताया. साथ ही भूपेश बघेल सरकार की ओर से छत्तीसगढ़ में राम वनगमन पथ और कौशल्या माता मंदिर बनवाने की बात कही.

"जो लोग जनता के मुद्दे नहीं उठा सकते, जो लोग रोटी, कपड़ा, मकान जैसे मुद्दों पर बात नहीं कर सकते, ऐसे लोग धर्म की बातें करते हैं. हिंदू मुस्लिम की बात करते हैं. हिंदू ईसाई की बात करेंगे. यह भारतीय जनता पार्टी का पुराना चरित्र है. जनता इनके चरित्र को समझ चुकी है.": सुशील आंनद शुक्ला (मीडिया प्रभारी, कांग्रेस)

रायपुर: भूपेश बघेल के जरुरत पड़ने पर बजरंग दल पर बैन के बयान के बाद छत्तीसगढ़ में बजरंग बली पर सियासत गरमा गई है. आलम यह है कि बजरंग दल कार्यकर्ता यानी बजरंगी कांग्रेस के विरोध में नारेबाजी कर रहे हैं. कांग्रेसी संकटमोचन हनुमान का ही सहारा लेकर सुंदरकांड का पाठ करते हुए विरोध जता रहे हैं. वहीं भाजपा भी सड़क पर हनुमान चालीसा पढ़ कर कांग्रेस के खिलाफ हल्ला बोल रही है. भगवान के नाम पर सियासी दलों के प्रदर्शन से धर्म और राजनीति के मुद्दे पर एक बार फिर बहस छिड़ गई है.

क्या कहते हैं धर्म के जानकार: धर्म के जानकार अयज भानसिंह का मानना है कि धर्म या धार्मिक मुद्दे को आधार बनाकर राजनीति करना उचित नहीं है. अजय भानसिंह ने इसके लिए राजनीतिक दलों से ज्यादा विदेशी ताकतों के इसके लिए जिम्मेदार बताया. ज्योतिषाचार्य पंडित विनीत शर्मा हनुमान चालीसा के पाठ को चुनौतियों और तमाम तरह की बाधाओं को दूर करने वाला बताते हैं. अब देखना यह है कि संकट हरण हनुमान का नाम जपने का लाभ छत्तीसगढ़ में किसे मिलता है.

"भारत में तात्कालिक परिस्थितियां ऐसी हैं कि लोगों के बीच अलगाव, झगड़ा, द्वेष की स्थिति पैदा की जा रही है. यह जानबूझकर किया जा रहा है. इसमें भारत की राजनीतिक पार्टियों का कम और अंतरराष्ट्रीय लोगों का योगदान ज्यादा है, जो नहीं चाहते कि भारत में सामुदायिक सामंजस्य की स्थिति हो.": अजय भानसिंह (धर्म के जानकार)

"जीवन में आने वाली चुनौतियों, विपदा, बाधाओं और कष्टों को हरने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है. प्रतिदिन स्नान ध्यान योग से निवृत्त होकर हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए.": पंडित विनीत शर्मा, ज्योतिषाचार्य

भाजपा की दलील: भाजपा का कहना है कि सीएम भूपेश बघेल को हनुमानजी ठिकाने लगा देंगे. भाजपा की ओर से दावा किया गया कि केंद्र सरकार के पीएफआई पर बैन लगाना कांग्रेस को रास नहीं आया. इसी के विरोध में कांग्रेस ने बजरंग दल पर बैन की बात कही. हालांकि इस बीच बजरंग दल प्रांत संयोजक ऋषि कुमार ने सीएम भूपेश बघेल को चुनौती दी कि आप में ताकत है तो बजरंग दल पर बैन लगाकर दिखाएं.

"भारत की जनभावनाओं को ध्यान में रखकर ही हमने यह घोषणा की थी कि जब कोर्ट का फैसला आएगा तो हम राम मंदिर निर्माण करेंगे. अब हम राम मंदिर निर्माण कर रहे हैं. पिछली बार कर्नाटक में जो कांग्रेस की सरकार बनी थी तब पीएफआई पर बैन लगा था. उस केस को कांग्रेस पार्टी ने वापस लिया था. अब जब भारत सरकार ने पीएफआई पर बैन लगाया तो इन्हें बहुत बुरा लगा. इसी के काउंटर में इन्होंने बजरंग दल पर बैन लगाने की बात कही है." : नलनिश ठोकने (बीजेपी प्रवक्ता)

यह भी पढ़ें- Raipur : छत्तीसगढ़ में बजरंग बली पर क्यों है सियासी खलबली ?

कांग्रेस का ये है तर्क: कांग्रेस ने भाजपा पर जनसरोकार का मुद्दा न होने पर धर्म के पीछे छिपकर राजनीति करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने धर्म को व्यक्तिगत आस्था का विषय बताया. साथ ही भूपेश बघेल सरकार की ओर से छत्तीसगढ़ में राम वनगमन पथ और कौशल्या माता मंदिर बनवाने की बात कही.

"जो लोग जनता के मुद्दे नहीं उठा सकते, जो लोग रोटी, कपड़ा, मकान जैसे मुद्दों पर बात नहीं कर सकते, ऐसे लोग धर्म की बातें करते हैं. हिंदू मुस्लिम की बात करते हैं. हिंदू ईसाई की बात करेंगे. यह भारतीय जनता पार्टी का पुराना चरित्र है. जनता इनके चरित्र को समझ चुकी है.": सुशील आंनद शुक्ला (मीडिया प्रभारी, कांग्रेस)

Last Updated : May 8, 2023, 7:47 PM IST
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