आगरा: उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीसीबीसी) ने यूपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (यूपीएमआरसी) पर 29.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. आरोप है कि यूपीएमआरसी आगरा मेट्रो के निर्माण कार्य के दौरान पॉल्यूशन कंट्रोल करने में नाकाम है. इससे पर्यावरणीय क्षति हो रही है. लगातार यूपीएमआरसी आगरा मेट्रो के निर्माण स्थलों पर पर्यावरणीय मानकों का उल्लंघन कर रही है. हर बार निरीक्षण में यूपीएमआरसी अफसरों की लापरवाही और मनमानी सामने आ रही है.
बता दें कि यूपीसीबीसी की टीम ने यूपीएमआरसी की ओर से कराए जा रहे आगरा मेट्रो के निर्माण स्थलों का 19, 21 और 25 अक्टूबर को निरीक्षण किया था. निरीक्षण में मेट्रो स्टेशनों के निर्माण स्थलों पर निर्माण सामग्री तिरपाल से ढकी मिली. लेकिन, जब वहां से वाहनों का आवागमन हो रहा था, उस समय धूल उड़ रही थी. ऐसा नियमित अंतराल पर हो रहा था. इसे रोकने के लिए स्प्रिंक्लिंग (पानी छिड़काव) नहीं हो रहा था. इतना ही नहीं, एंटी स्मॉक गन भी बंद थी.
यूपीसीबीसी के क्षेत्रीय अधिकारी ने 31 अक्टूबर को यूपीएमआरसी के खिलाफ पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति 29.50 लाख रुपये अधिरोपित करने के लिए राज्य बोर्ड से कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने की संस्तुति की थी. यूपीसीबीसी के क्षेत्रीय अधिकारी विश्वनाथ शर्मा ने बताया कि यूपीएमआरसी पर 14 सितंबर से 30 नवंबर तक 78 दिनों का उल्लंघन करने के लिए जुर्माना लगाया गया है. क्योंकि, इससे पर्यावरणीय क्षति हुई है. निरीक्षण के दौरान यूपीएमआरसी के लगभग सभी निर्माण स्थलों पर धूल उड़ रही थी. पानी का छिड़काव नहीं हो रहा था. एंटी स्मॉक गन भी नियमित अंतराल से नहीं चलाई जा रही थी.
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पांच दिनों में जमा करना है जुर्माना
यूपीसीबीसी ने पांच दिनों में यूपीएमआरसी को जुर्माना राशि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया विभूति खंड लखनऊ में बोर्ड के खाते में जमा करने के निर्देश दिए हैं. जुर्माना राशि जमा करके रिपोर्ट लखनऊ कार्यालय को भी प्रेषित करनी है. डीएम आगरा नवनीत सिंह चहल ने भी बीते दिनों यूपीएमआरसी अधिकारियों को फटकार लगाई थी. क्योंकि, फतेहाबाद रोड, पुरानी मंडी रोड और आगरा किला रोड उन्हें धूल उड़ती मिली थी. सड़क सही नहीं बनाई गई थी.