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जानिए कहां फंसी कोयल का हुआ रेस्क्यू - Lucknow police rescued koel

यूपी पुलिस की वन्य जीवों के प्रति लगाव वाली तस्वीर नजर आई जब एक पतंग के मंझे से फंसी कोयल का रेस्क्यू किया. घटना यूपी की राजधानी लखनऊ की है. पढ़ें पूरी खबर.

पतंग के मांझा से उलझी कोयल का किया रेस्क्यू
पतंग के मांझा से उलझी कोयल का किया रेस्क्यू
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Published : Aug 30, 2021, 3:05 PM IST

लखनऊ : यूपी पुलिस का एक दिल को छू लेने वाला पहलू समने आया जब पतंग के मांझा से उलझी कोयल 'koel' (cuckoo) को मुक्त कराया. कोयल रिजर्व पुलिस लाइन में एक नीलगिरी के पेड़ पर पतंग की डोरी में फंस गई थी.

अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (ADCP), चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि उन्हें रविवार की शाम पंछी के पतंग के मांझा में फंसने की सूचना मिली. उन्होंने बताया कि 'हमने दमकल सेवा और लखनऊ चिड़ियाघर से एक टीम को रिजर्व पुलिस लाइन भेजा, जो पतंग की डोर को काटकर पक्षी को मुक्त करने में सफल रही.

उन्होंने बताया कि पक्षी घायल हो गया था. लखनऊ चिड़ियाघर की टीम ने पक्षी को चिकित्सा सहायता दी, जिसके बाद उसे मुक्त कर दिया गया. चिरंजीव नाथ सिन्हा एक वन्यजीव प्रेमी हैं जिन्हें इस साल की शुरुआत में लखनऊ चिड़ियाघर का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया है.

लॉकडाउन के दौरान मिली थी काफी तारीफ
लॉकडाउन के दौरान आवारा जानवरों को खाना खिलाने के लिए उनकी काफी तारीफ हुई. वहीं, उन्होंने लोगों को चिड़ियाघर में जानवरों को गोद लेने के लिए प्रोत्साहित किया. वह घोड़ों के लिए स्पाइक्स के अवैध उपयोग के खिलाफ पेटा के अभियान में भी शामिल हैं. घोड़े के मुंह पर लगाए गए इन स्पाइक्स या कांटों के अवैध उपयोग के खिलाफ पूरे शहर में अभियान चलाए गए थे.

लखनऊ में काम और सवारी के लिए इस्तेमाल होने वाले घोड़ों को नियंत्रित करने के लिए इन स्पाइक्स से लगाम लगाई जाती है.हालांकि ड्राफ्ट एंड पैक एनिमल्स रूल्स (Draught and Pack Animals Rules), 1965 के नियम आठ के तहत इनका इस्तेमाल प्रतिबंधित है बावजूद इसके इनका इस्तेमाल किया जा रहा है. सिन्हा की पहल ने आम तौर पर कठोर मानी जाने वाली लखनऊ पुलिस की छवि को बदलने की कोशिश की है.

पढ़ें- यूपी में टीकाकरण शिविर में मीडियाकर्मियों पर हमले में 4 गिरफ्तार

लखनऊ : यूपी पुलिस का एक दिल को छू लेने वाला पहलू समने आया जब पतंग के मांझा से उलझी कोयल 'koel' (cuckoo) को मुक्त कराया. कोयल रिजर्व पुलिस लाइन में एक नीलगिरी के पेड़ पर पतंग की डोरी में फंस गई थी.

अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (ADCP), चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि उन्हें रविवार की शाम पंछी के पतंग के मांझा में फंसने की सूचना मिली. उन्होंने बताया कि 'हमने दमकल सेवा और लखनऊ चिड़ियाघर से एक टीम को रिजर्व पुलिस लाइन भेजा, जो पतंग की डोर को काटकर पक्षी को मुक्त करने में सफल रही.

उन्होंने बताया कि पक्षी घायल हो गया था. लखनऊ चिड़ियाघर की टीम ने पक्षी को चिकित्सा सहायता दी, जिसके बाद उसे मुक्त कर दिया गया. चिरंजीव नाथ सिन्हा एक वन्यजीव प्रेमी हैं जिन्हें इस साल की शुरुआत में लखनऊ चिड़ियाघर का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया है.

लॉकडाउन के दौरान मिली थी काफी तारीफ
लॉकडाउन के दौरान आवारा जानवरों को खाना खिलाने के लिए उनकी काफी तारीफ हुई. वहीं, उन्होंने लोगों को चिड़ियाघर में जानवरों को गोद लेने के लिए प्रोत्साहित किया. वह घोड़ों के लिए स्पाइक्स के अवैध उपयोग के खिलाफ पेटा के अभियान में भी शामिल हैं. घोड़े के मुंह पर लगाए गए इन स्पाइक्स या कांटों के अवैध उपयोग के खिलाफ पूरे शहर में अभियान चलाए गए थे.

लखनऊ में काम और सवारी के लिए इस्तेमाल होने वाले घोड़ों को नियंत्रित करने के लिए इन स्पाइक्स से लगाम लगाई जाती है.हालांकि ड्राफ्ट एंड पैक एनिमल्स रूल्स (Draught and Pack Animals Rules), 1965 के नियम आठ के तहत इनका इस्तेमाल प्रतिबंधित है बावजूद इसके इनका इस्तेमाल किया जा रहा है. सिन्हा की पहल ने आम तौर पर कठोर मानी जाने वाली लखनऊ पुलिस की छवि को बदलने की कोशिश की है.

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