लखनऊ : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इंडिया गठबंधन के अंतर्गत सीट बंटवारे के फार्मूले पर रणनीति बनाना शुरू कर दी है. उन्होंने इंडिया गठबंधन के अंतर्गत 60 सीटों पर अपना दावा ठोका है, जहां समाजवादी पार्टी ने पूर्व के चुनाव में बेहतर परफॉर्म किया था. इसके अलावा 20 सीटों पर कांग्रेस राष्ट्रीय लोकदल जैसी पार्टियों के चुनाव लड़ने की बात कही गई है. अखिलेश यादव की कोशिश है कि समाजवादी पार्टी पूरे दमखम के साथ अधिक से अधिक सीट ले और चुनाव लड़े.
समाजवादी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने करीब 60 सीटों पर खुद लड़ने और अन्य सहयोगी दलों के लिए सीट बंटवारे को लेकर पूरी रणनीति तैयार कर ली है. सपा के साथ ही रालोद व टीएमसी आजाद समाज पार्टी जैसे दल भी शामिल हैं. उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों के महागठबंधन (INDIA) के सहयोगी घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला जल्द तय होने की बात कही जा रही है. इसमें मुख्य विपक्षी पार्टी सपा सबसे ज्यादा करीब 60 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. यह बात लगभग तय हो चुकी है और अखिलेश यादव ने अपने बयानों से भी इशारा कर दिया है कि सपा सीट मांगने के बजाय सीट देने की स्थिति में है. वहीं कांग्रेस यूपी में करीब 12-14 सीटों के आसपास चुनाव लड़ सकती है. इसी तरह रालोद, टीएमसी आजाद समाज पार्टी के बीच भी बची हुई सीटों को लेकर चर्चा की जाएगी.
बता दें, 2019 के लोक सभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने पांच सीटें जीती थीं, लेकिन बाद में हुए उपचुनाव में दो सीट आजमगढ़ व रामपुर हार गई. ऐसे में सपा के पास मैनपुरी, मुरादाबाद, संभल तीन सीटें बची हैं. कांग्रेस के पास एक रायबरेली, रालोद और अन्य सहयोगी दल यहां शून्य पर हैं. विधानसभा चुनाव के लिहाज से देखें तो सपा यहां भाजपा के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है. इस लिहाज से देखा जाए और ज्यादातर सीटों पर समाजवादी पार्टी ही बेहतर चुनाव लड़ने की स्थिति में है. ऐसे में ही समाजवादी पार्टी ने 60 सीटों की डिमांड की है. कांग्रेस को प्रदेश में 12-14 सीट पर लड़ने की चर्चा है.
पश्चिम यूपी में जाट आधारित वोट बैंक की राजनीति करने वाले राष्ट्रीय लोकदल 10 सीटों की डिमांड तो कर रही है, लेकिन उसे 4 या 6 सीटों पर चुनाव लड़ाने की सहमति बन रही है. वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा से गठबंधन के अंतर्गत रालोद को 33 सीटें दी गई थीं और इसी आधार पर इंडिया गठबंधन में उसे 4 से 6 सीटें दी जा सकती है. दलित वोटरों पर अपना प्रभाव छोड़ने वाले चंद्रशेखर आजाद को चुनाव लड़ाने की बात कही जा रही है. इंडिया गठबंधन की विशेष रणनीति के अंतर्गत पश्चिम यूपी में चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी को एक सीट देने पर सहमति बन रही है.
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