ETV Bharat / bharat

यूपी में कोरोना संकट : हाईकोर्ट का पांच शहरों में लॉकडाउन का निर्देश, योगी सरकार का इनकार - यूपी के पांच प्रभावित शहरों में लॉकडाउन

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य के पांच प्रभावित शहरों में 26 अप्रैल तक संपूर्ण लॉकडाउन का राज्य सरकार को आदेश दिया है. वहीं, उप्र सरकार ने इस आदेश से इनकार करते हुए संपूर्ण लॉकडाउन नहीं लगाने की घोषणा की है. राज्य सरकार ने अपने पक्ष में कहा है कि कोरोना के नियंत्रण के लिए सख्ती आवश्यक है. लेकिन जीवन बचाने के लिए आजीविका बचानी भी जरूरी है.

यूपी में कोरोना संकट
यूपी में कोरोना संकट
author img

By

Published : Apr 19, 2021, 8:13 PM IST

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश में बढ़ते कोरोना मामलों और विफल चिकित्सा तंत्र के मद्देनजर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के पांच प्रभावित शहरोंं में 26 अप्रैल तक संपूर्ण लॉकडाउन लागू करने के लिए राज्य सरकार को आदेश दिया है. वहीं, योगी सरकार ने संपूर्ण लॉकडाउन लगाने से मना कर दिया है.

हालांकि, कोर्ट ने कहा है कि इस दौरान केवल जरूरी सेवाओं के संचालन की अनुमति दी जाए. लेकिन राज्य सरकार ने अपने पक्ष में यह कहा है कि वे संक्रमण बढ़ने से रोकने के लिए सख्ती बरतेंगे.

उन्होंने यह भी कहा है कि यहां जीवन बचाने के लिए रोजी बचानी जरूरी है.

जानकारी के मुताबिक, हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को आज रात से ही प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर नगर, वाराणसी और गोरखपुर में सम्पूर्ण लॉकडाउन लागू करने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को कोरोना संक्रमण पर ब्रेक लगाने के लिए प्रदेश में दो हफ्ते तक पूर्ण लॉकडाउन लागू करने पर विचार करने का भी निर्देश दिया है.

अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि जीवन बचाने के साथ गरीबों की आजीविका भी बचानी है. अतः शहरों में सम्पूर्ण लॉकडाउन अभी नहीं लगेगा.

पढ़ेंः तेलंगाना सरकार लॉकडाउन पर 48 घंटे में ले फैसला : हाईकोर्ट

बता दें कि यह आदेश जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने कोरोना संक्रमण मामले की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है. इस याचिका पर अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी.

शासन की कार्रवाई को कोर्ट ने नहीं माना संतोषजनक
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पिछले निर्देशों पर शासन की कार्रवाई को संतोषजनक नहीं माना और कहा कि लोग सड़कों पर बिना मास्क के चल रहे हैं. सौ फीसदी मास्क लगाने को पुलिस लागू करने में विफल रही है. संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. अस्पतालों में दवाओं व ऑक्सीजन की भारी कमी है. दवा की कमी में बगैर इलाज के लोग मर रहे हैं. इसके बावजूद सरकार ने कोई तत्काल योजना नहीं बनाई और न ही कोई पूर्व तैयारी की. कोर्ट ने कहा कि डॉक्टर, मेडिकल स्टॉफ सहित मुख्यमंत्री तक संक्रमित हैं. मरीज इलाज के लिए अस्पतालों के लिए दौड़ लगा रहे हैं.

'नाइट कर्फ्यू आई वॉश के सिवाय कुछ नहीं'
नाइट कर्फ्यू को लेकर कोर्ट ने कहा कि नाइट कर्फ्यू आई वॉश के सिवाय कुछ नहीं है. कोरोना ब्रेक के लिए कम से कम एक हफ्ते तक लॉकडाउन लगाया जाना जरूरी है. कुछ लोगों की लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतने के लिए कोर्ट छोड़ नहीं सकती.

कोरोना संक्रमण पर हाईकोर्ट के निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि प्रदेश के पांच जिलों में 26 अप्रैल तक वित्तीय संस्थान और विभाग, मेडिकल और स्वास्थ्य सेवा, औद्योगिक और वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान, नगर निकाय कार्य, सार्वजनिक परिवहन के सिवाय सभी सरकारी गैर सरकारी संस्थान बंद रखें जाएं. मेडिकल के सिवाय शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और मॉल ग्रोसरी और व्यावसायिक दुकानें भी बंद रखीं जाएं. 26 अप्रैल तक होटल रेस्टोरेंट, खाद्य सामग्री बेचने वाले स्थान बंद कराए जाएं. इसके अलावा शैक्षिक संस्थानें बंद कराई जाएं. पहले से तय शादी की अनुमति संक्रमण की स्थिति के अनुसार दी जाए.

कोर्ट ने कहा है कि शादी में 25 लोग ही शामिल हो सकते हैं, जिसकी अनुमति जिलाधिकारी से लेनी होगी. वहीं, सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक कार्यक्रम निलंबित रखे जाएं. हॉकर, फल-सब्जी, वेन्डर्स, दूध-ब्रेड आदि चीजें 11बजे तक ही बेचने की अनुमित रहेगी. सड़क पर आपात सेवा और मेडिकल सेवा के अलावा यातायात नहीं चलेगा. कोर्ट ने कहा है कि हर कॉन्टेंमेंट जोन की सूचना अखबार में देनी होगी.

लॉक डाउन के आदेश पर सरकार का पक्ष
अपर मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने भेजे संदेश में कहा है कि आज उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में यूपी सरकार के प्रवक्ता ने अवगत कराया है कि प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़े हैं और कोरोना के नियंत्रण के लिए सख्ती आवश्यक है. सरकार ने इसके लिए कई कदम उठाए हैं. नवनीत सहगल ने कहा है कि जीवन बचाने के साथ गरीबों की आजीविका भी बचानी जरूरी है. अतः शहरों मे संपूर्ण लॉकडाउन अभी नहीं लगेगा. लोग स्वतः स्फूर्ति भाव से कई जगह बंदी कर रहे हैं.

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश में बढ़ते कोरोना मामलों और विफल चिकित्सा तंत्र के मद्देनजर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के पांच प्रभावित शहरोंं में 26 अप्रैल तक संपूर्ण लॉकडाउन लागू करने के लिए राज्य सरकार को आदेश दिया है. वहीं, योगी सरकार ने संपूर्ण लॉकडाउन लगाने से मना कर दिया है.

हालांकि, कोर्ट ने कहा है कि इस दौरान केवल जरूरी सेवाओं के संचालन की अनुमति दी जाए. लेकिन राज्य सरकार ने अपने पक्ष में यह कहा है कि वे संक्रमण बढ़ने से रोकने के लिए सख्ती बरतेंगे.

उन्होंने यह भी कहा है कि यहां जीवन बचाने के लिए रोजी बचानी जरूरी है.

जानकारी के मुताबिक, हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को आज रात से ही प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर नगर, वाराणसी और गोरखपुर में सम्पूर्ण लॉकडाउन लागू करने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को कोरोना संक्रमण पर ब्रेक लगाने के लिए प्रदेश में दो हफ्ते तक पूर्ण लॉकडाउन लागू करने पर विचार करने का भी निर्देश दिया है.

अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि जीवन बचाने के साथ गरीबों की आजीविका भी बचानी है. अतः शहरों में सम्पूर्ण लॉकडाउन अभी नहीं लगेगा.

पढ़ेंः तेलंगाना सरकार लॉकडाउन पर 48 घंटे में ले फैसला : हाईकोर्ट

बता दें कि यह आदेश जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने कोरोना संक्रमण मामले की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है. इस याचिका पर अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी.

शासन की कार्रवाई को कोर्ट ने नहीं माना संतोषजनक
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पिछले निर्देशों पर शासन की कार्रवाई को संतोषजनक नहीं माना और कहा कि लोग सड़कों पर बिना मास्क के चल रहे हैं. सौ फीसदी मास्क लगाने को पुलिस लागू करने में विफल रही है. संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. अस्पतालों में दवाओं व ऑक्सीजन की भारी कमी है. दवा की कमी में बगैर इलाज के लोग मर रहे हैं. इसके बावजूद सरकार ने कोई तत्काल योजना नहीं बनाई और न ही कोई पूर्व तैयारी की. कोर्ट ने कहा कि डॉक्टर, मेडिकल स्टॉफ सहित मुख्यमंत्री तक संक्रमित हैं. मरीज इलाज के लिए अस्पतालों के लिए दौड़ लगा रहे हैं.

'नाइट कर्फ्यू आई वॉश के सिवाय कुछ नहीं'
नाइट कर्फ्यू को लेकर कोर्ट ने कहा कि नाइट कर्फ्यू आई वॉश के सिवाय कुछ नहीं है. कोरोना ब्रेक के लिए कम से कम एक हफ्ते तक लॉकडाउन लगाया जाना जरूरी है. कुछ लोगों की लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतने के लिए कोर्ट छोड़ नहीं सकती.

कोरोना संक्रमण पर हाईकोर्ट के निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि प्रदेश के पांच जिलों में 26 अप्रैल तक वित्तीय संस्थान और विभाग, मेडिकल और स्वास्थ्य सेवा, औद्योगिक और वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान, नगर निकाय कार्य, सार्वजनिक परिवहन के सिवाय सभी सरकारी गैर सरकारी संस्थान बंद रखें जाएं. मेडिकल के सिवाय शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और मॉल ग्रोसरी और व्यावसायिक दुकानें भी बंद रखीं जाएं. 26 अप्रैल तक होटल रेस्टोरेंट, खाद्य सामग्री बेचने वाले स्थान बंद कराए जाएं. इसके अलावा शैक्षिक संस्थानें बंद कराई जाएं. पहले से तय शादी की अनुमति संक्रमण की स्थिति के अनुसार दी जाए.

कोर्ट ने कहा है कि शादी में 25 लोग ही शामिल हो सकते हैं, जिसकी अनुमति जिलाधिकारी से लेनी होगी. वहीं, सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक कार्यक्रम निलंबित रखे जाएं. हॉकर, फल-सब्जी, वेन्डर्स, दूध-ब्रेड आदि चीजें 11बजे तक ही बेचने की अनुमित रहेगी. सड़क पर आपात सेवा और मेडिकल सेवा के अलावा यातायात नहीं चलेगा. कोर्ट ने कहा है कि हर कॉन्टेंमेंट जोन की सूचना अखबार में देनी होगी.

लॉक डाउन के आदेश पर सरकार का पक्ष
अपर मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने भेजे संदेश में कहा है कि आज उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में यूपी सरकार के प्रवक्ता ने अवगत कराया है कि प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़े हैं और कोरोना के नियंत्रण के लिए सख्ती आवश्यक है. सरकार ने इसके लिए कई कदम उठाए हैं. नवनीत सहगल ने कहा है कि जीवन बचाने के साथ गरीबों की आजीविका भी बचानी जरूरी है. अतः शहरों मे संपूर्ण लॉकडाउन अभी नहीं लगेगा. लोग स्वतः स्फूर्ति भाव से कई जगह बंदी कर रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.