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सपा प्रत्याशियों की सूची में दिखते हैं यूपी के माफिया : अमित शाह - उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022

गृह मंत्री शाह ने कहा, पूरे उत्तर प्रदेश में माफिया अगर ढूंढते हैं तो तीन ही जगह पर दिखाई पड़ते हैं- पहला जेल दूसरा उत्तर प्रदेश के बाहर और तीसरा समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों की सूची में.

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Published : Feb 2, 2022, 2:34 PM IST

अतरौली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज फिर से उत्तर प्रदेश के चुनावी रण में उतरे हैं. उन्होंने आज अतरौली, उत्तर प्रदेश में एक जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा, बाबूजी कल्याण सिंह ने सबसे पहले उत्तर प्रदेश के अंदर समाज का विभाजन किए बगैर पिछड़ा समाज को उसका अधिकार देने की बात की, अधिकार दिया और यूपी के पिछड़े समाज का राजकीय गौरव बढ़ाने का काम किया.

शाह ने कहा, भाजपा ने मुझे 2013 में महामंत्री बनाकर यूपी का प्रभारी बनाया था. तब स्वर्गीय कल्याण सिंह ने एक पिता की तरह उत्तर प्रदेश की राजनीति के पाठ मुझे सिखाए. वो एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने सबसे पहले उत्तर प्रदेश में समाज का विभाजन किए बिना पिछड़ा समाज को उसका अधिकार दिया.

2014, 2017, 2019 के चुनाव उत्तर प्रदेश की किस्मत बदलने वाले चुनाव रहे हैं. बुआ-भतीजा की सरकारें, जातिवादी सरकारें यूपी का भला नहीं कर सकती थीं. यूपी बीमारू राज्य की श्रेणी में आ गया था.

अखिलेश जी कोरोना टीके को लेकर देश और उत्तर प्रदेश को गुमराह किया, लेकिन बाद में खुद भी टीका लगवाया. अगर लोग उनके कहने पर टीका न लगाते तो क्या लोगों की जान बच पाती? बहनजी की और अखिलेश जी की सरकार में गुंडे उत्तर प्रदेश के लोगों को परेशान करते थे. यूपी में माफियाओं से पुलिस डरती थी. योगी आदित्यनाथ जी की सरकार में माफिया उत्तर प्रदेश से पलायन कर गए हैं. भाजपा की सरकार ने बदलाव लाने का काम किया है.

शाह 2013 से भाजपा के शीर्ष रणनीतिकार हैं और उन्हें भगवा पार्टी का 'चाणक्य' माना जाता है. 2014 के लोकसभा चुनाव में शाह ने उत्तर प्रदेश की 80 में से 73 सीटों पर बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई थी. इसके बाद 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा 300 से अधिक सीटें जीत कर राज्य में सरकार बनाई थी. 2019 के लोकसभा चुनावों में भी पार्टी उत्तर प्रदेश की 80 में से 62 सीटें जीतने में सफल रही. पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ही पार्टी में बूथ-स्तरीय पहुंच को बढ़ावा दिया, जिससे भाजपा एक के बाद एक चुनाव जीत रही.

पढ़ें : टिकट कटने के बाद बोलीं स्वाति सिंह, भाजपा में ही रहूंगी

उन्होंने आगे कहा, पूरे उत्तर प्रदेश में माफिया अगर ढूंढते हैं तो तीन ही जगह पर दिखाई पड़ते हैं- पहला जेल दूसरा उत्तर प्रदेश के बाहर और तीसरा समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों की सूची में. बता दें, भाजपा पिछले पांच वर्षों में राज्य में कानून-व्यवस्था सुधारने के नाम पर सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में दूसरा कार्यकाल की उम्मीद कर रही है. उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों के लिए सात चरणों में मतदान 10 फरवरी से शुरू होगा और 10 मार्च को नतीजे घोषित किए जाएंगे.

अतरौली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज फिर से उत्तर प्रदेश के चुनावी रण में उतरे हैं. उन्होंने आज अतरौली, उत्तर प्रदेश में एक जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा, बाबूजी कल्याण सिंह ने सबसे पहले उत्तर प्रदेश के अंदर समाज का विभाजन किए बगैर पिछड़ा समाज को उसका अधिकार देने की बात की, अधिकार दिया और यूपी के पिछड़े समाज का राजकीय गौरव बढ़ाने का काम किया.

शाह ने कहा, भाजपा ने मुझे 2013 में महामंत्री बनाकर यूपी का प्रभारी बनाया था. तब स्वर्गीय कल्याण सिंह ने एक पिता की तरह उत्तर प्रदेश की राजनीति के पाठ मुझे सिखाए. वो एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने सबसे पहले उत्तर प्रदेश में समाज का विभाजन किए बिना पिछड़ा समाज को उसका अधिकार दिया.

2014, 2017, 2019 के चुनाव उत्तर प्रदेश की किस्मत बदलने वाले चुनाव रहे हैं. बुआ-भतीजा की सरकारें, जातिवादी सरकारें यूपी का भला नहीं कर सकती थीं. यूपी बीमारू राज्य की श्रेणी में आ गया था.

अखिलेश जी कोरोना टीके को लेकर देश और उत्तर प्रदेश को गुमराह किया, लेकिन बाद में खुद भी टीका लगवाया. अगर लोग उनके कहने पर टीका न लगाते तो क्या लोगों की जान बच पाती? बहनजी की और अखिलेश जी की सरकार में गुंडे उत्तर प्रदेश के लोगों को परेशान करते थे. यूपी में माफियाओं से पुलिस डरती थी. योगी आदित्यनाथ जी की सरकार में माफिया उत्तर प्रदेश से पलायन कर गए हैं. भाजपा की सरकार ने बदलाव लाने का काम किया है.

शाह 2013 से भाजपा के शीर्ष रणनीतिकार हैं और उन्हें भगवा पार्टी का 'चाणक्य' माना जाता है. 2014 के लोकसभा चुनाव में शाह ने उत्तर प्रदेश की 80 में से 73 सीटों पर बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई थी. इसके बाद 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा 300 से अधिक सीटें जीत कर राज्य में सरकार बनाई थी. 2019 के लोकसभा चुनावों में भी पार्टी उत्तर प्रदेश की 80 में से 62 सीटें जीतने में सफल रही. पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ही पार्टी में बूथ-स्तरीय पहुंच को बढ़ावा दिया, जिससे भाजपा एक के बाद एक चुनाव जीत रही.

पढ़ें : टिकट कटने के बाद बोलीं स्वाति सिंह, भाजपा में ही रहूंगी

उन्होंने आगे कहा, पूरे उत्तर प्रदेश में माफिया अगर ढूंढते हैं तो तीन ही जगह पर दिखाई पड़ते हैं- पहला जेल दूसरा उत्तर प्रदेश के बाहर और तीसरा समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों की सूची में. बता दें, भाजपा पिछले पांच वर्षों में राज्य में कानून-व्यवस्था सुधारने के नाम पर सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में दूसरा कार्यकाल की उम्मीद कर रही है. उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों के लिए सात चरणों में मतदान 10 फरवरी से शुरू होगा और 10 मार्च को नतीजे घोषित किए जाएंगे.

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