बक्सर : बिहार के महादेव घाट पर सोमवार को जो नजारा देखने को मिला उसके बाद लोग सहम गए हैं. लोगों को डर इस बात का है कि कोरोना से मौत के बाद शवों को गंगा में बहा दिया गया. 50 से भी ज्यादा शव बक्सर के महादेव घाट पर तैरते हुए मिले थे. इन सबके बीच एक और बात सामने आ रही है कि लोग कोरोना से मौत के बाद अपनों का अंतिम संस्कार करने से पल्ला झाड़ रहे हैं. जब ये मामला सामने आया था तो दो राज्यों के बीच टकराहट की स्थिति भी पैदा हो गई थी.
वहीं, बक्सर जिला प्रशासन का इस मामले में कहना है कि गाजीपुर के रास्ते शव यहां तक पहुंचे जबकि गाजीपुर डीएम ने पूरे मामले पर छानबीन करने के बाद ही कुछ कहने की बात कही. ऐसे में बिना देरी किए बक्सर प्रशासन ने यूपी- बिहार बॉर्डर पर गंगा में जाल बिछा दिया है. हालांकि इस बाबत प्रशासन की ओर से कुछ भी नहीं बताया गया है. ईटीवी भारत संवाददाता को एक अधिकारी ने अपना नाम उजागर न करने की शर्त पर यह अहम जानकारी दी है.
बक्सर में गंगा सील
चौसा प्रखंड अंतर्गत महादेव घाट पर गंगा में तैर रहे शवों की खबर प्रमुखता से दिखाए जाने के बाद अधिकारियो की नींद टूटी और गंगा घाट पर शवदाह की व्यवस्था भी की कराई गई. साथ ही जानकारी के मुताबिक बक्सर प्रशासन ने यूपी-बिहार बॉर्डर पर जाल बिछा दिया ताकि अगर यूपी से शव बिहार में आए तो पता चल सके.
बीरपुर और महादेव घाट के बीच जाल
महादेवा घाट पर 24 घंटे पहले गंगा नदी में तैर रहे 4 दर्जन से अधिक शवों की खबर ईटीवी भारत के द्वारा प्रमुखता से दिखाए जाने के बाद जिला प्रशासन के अधिकारियो की नींद टूटी. गंगा में तैर रहे सभी शवों का देर रात कोरोना जांच के लिए सैंपल लेने के बाद दफना दिया गया है. साथ ही इस तरह के हालात दोबारा उत्पन्न ना हो इसको लेकर बीरपुर और महादेव घाट बीच जाल बिछाकर गंगा को सील कर दिया गया है.
क्या क्या किया गया बदलाव
महादेव घाट से 4 दर्जन से अधिक लाशें मिलने के बाद इस गंगा घाट पर शवदाह के लिए व्यवस्था की गई है. इस घाट पर शवदाह के लिए लकड़ी तक की व्यवस्था नहीं थी, लेकिन अब घाट पर सरकारी रेट पर 1250 रुपये में 100 किलो लकड़ी बेची जा रही है. गंगा में लोग शव न फेंके इसके लिये दर्जनों महिला एवं पुरुष पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. घाटों की सफाई के लिए आधा दर्जन सफाईकर्मी एवं चौकीदार को तैनात किया गया है. एक भी शव बिना जलाए गंगा में डालने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. उत्तर प्रदेश की सीमा से बिहार की सीमा में शव प्रवेश ना करें इसकी निगरानी के लिए कई सुरक्षाकर्मियों एवं गोताखोरों को तैनात किया गया है.
सरकारी रेट पर दी जा रही आम की लकड़ी
इस गंगा घाट पर दाह संस्कार करने आने वाले लोगों को सरकारी रेट पर ही लकड़ी दुकानदारों के द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है. हालांकि परिजन ज्यादा दाम वसूलने का आरोप लगा रहे हैं.
'ईटीवी भारत का बहुत बहुत धन्यवाद. कई समस्याओं का समाधान हो गया है. प्रमुखता से यहां की खबर दिखाए जाने के बाद अधिकारियों की नींद टूटी और आनन-फानन में जिले के सभी बड़े अधिकारी देर रात तक इस गंगा घाट का निरीक्षण कर रहे थे. शवदाह से लेकर साफ सफाई तक का इंतजाम कर दिया गया है.'- दीनदयाल पांडे,पुजारी, गंगा घाट
प्रशासन ने दिखाई चुस्ती
चार दर्जन से अधिक शव मिलने के बाद इन सबका ससम्मान अंतिम संस्कार कर दिया गया है. सभी शवों को दफना दिया गया है. साथ ही आगे चलकर यहां ऐसी भयावह तस्वीर दोबारा ना देखने को मिले इसको लेकर चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है.