नई दिल्ली : निर्वाचन आयोग ने एग्जिट पोल (Exit Polls) को लेकर बड़ा फैसला किया है. आयोग ने उत्तर प्रदेश में विधानसभ चुनाव को लेकर किसी भी तरह के एग्जिट पोल पर प्रतिबंध लगा दिया है. आयोग के मुताबिक, 10 फरवरी सुबह 7 बजे से 7 मार्च शाम 6:30 बजे तक प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के एग्जिट पोल के परिणाम का प्रकाशन या प्रचार प्रसार करना प्रतिबंधित रहेगा.
भारतीय निर्वाचन आयोग के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी ने शनिवार को इस संबंध में निर्देश जारी किए. निर्वाचन आयोग की ओर से स्पष्ट कहा गया है कि आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उल्लंघन करने वाले को दो वर्ष तक का कारावास या जुर्माने से या दोनों से दंडित किया जा सकेगा.
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के क्रम में विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2022 के तहत प्रदेश में 10 फरवरी (गुरुवार) को पूर्वाह्न 7ः00 बजे से दिनांक सात मार्च (सोमवार) को अपराह्न 06ः30 बजे तक साधारण निर्वाचन के संबंध में किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल का आयोजन करना तथा प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा इसके परिणाम के प्रकाशन या प्रचार अथवा किसी भी अन्य तरीके से उसका प्रचार-प्रसार करना प्रतिबंधित रहेगा.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 (संक्षेप में आरपी अधिनियम, 1951) की धारा 126क में यह निर्दिष्ट किया गया है कि कोई भी व्यक्ति कोई निर्गम मत सर्वेक्षण नहीं करेगा. इसका उल्लंघन करने पर संबंधित व्यक्ति को दो वर्ष की कैद या जुर्माना या फिर दोनों से दंडित किया जा सकेगा.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इसके अतिरिक्त ये भी निर्देश दिए गए हैं कि साधारण निर्वाचन के संबद्ध मतदान क्षेत्रों में मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय पर समाप्त होने वाले 48 घंटों की अवधि के दौरान किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी भी ओपिनियन पोल या अन्य किसी मतदान सर्वेक्षण के परिणामों सहित किसी भी प्रकार के निर्वाचन संबंधी मामले के प्रदर्शन पर प्रतिबन्ध रहेगा.
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