नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) जारी है. सात चरणों में से पांच चरण में चुनाव संपन्न हो गया है. कल (तीन मार्च) छठे चरण पर मतदान (up assembly election 6th phase) होगा. हालांकि, अब अंतिम दो चरणों के चुनाव पूर्वांचल क्षेत्र में होंगे. इन क्षेत्रों में जहां सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा दांव पर है. वहीं, आखिरी चरण में पीएम नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र में भी चुनाव होना है. ऐसे में भाजपा के लिए दोनों चरणों में बढ़त हासिल करना जरूरी हो गया है. इसके अलावा, पांचवें चरण में योगी आदित्यनाथ के करीबी रहे शलभमणि त्रिपाठी समेत अन्य नेता जैसे अचल राजभर, बसपा के लालजी वर्मा और भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य आदि की भी प्रतिष्ठा दांव पर है.
छठे चरण में दस जिलों- अंबेडकर नगर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीरनगर, महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया व बलिया की 57 विधानसभा सीटों पर मतदान (6th phase election in 57 seats of 10 dist in UP) होगा. इस बार गोरखपुर क्षेत्र में भी वोटिंग है जहां पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई नेताओं की किस्मत ईवीएम में बंद हो जाएगी. भाजपा, समाजवादी पार्टी, बसपा और कांग्रेस सभी ने इस चरण के लिए जोर आजमाइश लगा दी है. यही वजह है कि बुधवार को छठे चरण के चुनाव प्रचार खत्म होने से पहले गोरखपुर में जहां योगी आदित्यनाथ ने चुनावी रैली की. वहीं, अखिलेश यादव ने भी आदित्यनाथ को चुनौती देते हुए चुनावी रैलियां की.
भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है, क्योंकि इस विधानसभा में भाजपा से लगातार दो बार विधायक रहे गंगा सिंह कुशवाहा के बेटे सुरेंद्र कुशवाहा चुनाव मैदान में हैं. तो वहीं सपा के बागी इलियास अंसारी को बसपा ने प्रत्याशी बनाकर स्वामी प्रसाद मौर्या को पटखनी देने के लिए घेराबंदी कर दी है. यूं देखा जाए तो, उत्तर प्रदेश में छठे और सातवें चरण में कुल 111 सीट पर चुनाव होना अभी बाकी है. वहीं, पांच चरणों के मतदान के बाद भी प्रदेश में किसी भी पार्टी के लिए कोई तस्वीर साफ होती दिखाई नहीं दे रही. इस वजह से भी प्रदेश के लिए छठा और सातवां चरण काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है और इन दो चरणों के चुनाव ही उत्तर प्रदेश में जीत का रास्ता साफ कर सकते हैं.
उत्तर प्रदेश चुनाव के आखिरी के दो चरण तीन और सात मार्च को होंगे. गुरुवार (तीन मार्च) को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर में और सात मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गढ़ वाराणसी में वोटिंग होनी है. यह चरण सीएम योगी आदित्यनाथ, पीएम नरेंद्र मोदी और सपा के नेता अखिलेश यादव के चुनाव क्षेत्र हैं. चर्चा यह भी है कि पीएम मोदी वाराणसी से सांसद भी है. इस वजह से अंतिम चरण के चुनाव में आखिरी के दो-तीन दिन मोदी लगातार यहां चुनाव प्रचार के लिए प्रवास कर सकते हैं. हालांकि, अभी इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. क्योंकि, यूक्रेन मसले की वजह से अंतिम समय में, इन कार्यक्रमों में फेरबदल होने की संभावना है. वहीं, दूसरी तरफ विपक्षी दल भी वर्तमान की स्थिति में प्रधानमंत्री के चुनाव प्रचार पर उंगली उठा रहे हैं.
पिछले चुनाव में भाजपा ने जहां इन इलाकों में सौ से भी ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की थी, वहां इस बार मुकाबला चुनौतीपूर्ण नजर आ रहा है. क्योंकि, इस बार के चुनाव से पहले जिन छोटे दलों के साथ पार्टी का गठबंधन हुआ है, उनकी साख भी दांव पर लगी है. इन इलाकों में पिछले चुनाव में ओपी राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन में थी, लेकिन इस बार वह समाजवादी पार्टी के गठबंधन में है और 18 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इसी तरह स्वामी प्रसाद मौर्य का प्रभाव भी अब देखना रह गया है. वहीं, भाजपा के साथ चल रही निषाद पार्टी पूर्वांचल की पिच पर कितना प्रभाव डाल पाएगी, यह भी जानना काफी महत्वपूर्ण होगा. निषाद पार्टी कुल 16 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जिनमें से पांच सीटों पर छठे और सातवें चरण में चुनाव होना बाकी है.
यदि मुद्दों की बात करें, तो पूर्वांचल में दूसरे इलाकों से अलग मुद्दे हैं, लेकिन वीआईपी कांस्टीट्यूएंसीज की वजह से शहरी सीटों पर विकास कार्यों का भी प्रभाव है, जिनमें पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, काशी कॉरिडोर, गैस पाइपलाइन, जैसी योजनाएं आंखों के सामने है तो वहीं, ग्रामीण इलाकों में आवारा पशुओं का मुद्दा, गरीबी बेरोजगारी और पुरानी पेंशन स्कीम दोबारा लागू करवाने की मांग जैसे मुद्दों को समाजवादी पार्टी जोरशोर से उठा रही है. यही नहीं, इस इलाके में सवर्णों के वोट का भी बंटवारा होता दिखाई दे रहा है, जिसमें ठाकुर और ब्राह्मणों के बीच तनातनी भी नजर आ रही है.
इस मुद्दे पर भाजपा के नेता विजय सोनकर शास्त्री का कहना है कि उत्तर प्रदेश की जनता जानती है कि पिछले पांच सालों में जो विकास कार्य हुए हैं, वह अभूतपूर्व हैं. उन्होंने कहा कि यहां की जनता जात-पात नहीं बल्कि विकास पर वोट करेगी. वे विकास कार्य सिर्फ योगी सरकार के नेतृत्व में ही हुआ है. भाजपा नेता ने कहा कि चुनाव के आखिरी दो चरण प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी के निर्वाचन क्षेत्र में होंगे और यहां की जनता विकास कार्यों को लेकर काफी उत्साहित है. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में पांच चरणों में जो वोटिंग हुई है, वह भी भाजपा के लिए काफी उत्साहवर्धक है. उन्हें उम्मीद है कि आखिरी दो चरणों में भी लोग भाजपा के समर्थन में मतदान करेंगे और भारी मतों से जिताएंगे.
बता दें कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि 05 जनवरी, 2022 को प्रकाशित मतदाता सूची के अनुसार, छठें चरण में कुल 2,14,62,816 (दो करोड़ चौदह लाख बासठ हजार आठ सौ सोलह) मतदाता हैं. इसमें 1,14,63,113 पुरुष मतदाता, 99,98,383 महिला मतदाता तथा 1320 थर्ड जेंडर के मतदाता शामिल हैं. उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित मतदान का समय प्रातः 07ः00 बजे से सायं 06ः00 बजे तक निर्धारित किया गया है.
इन विधानसभा सीटों पर चुनाव
- 277-कटेहरी
- 278-टांडा
- 279-आलापुर (अजा.)
- 280-जलालपुर
- 281-अकबरपुर
- 291-तुलसीपुर
- 292-गैंसड़ी
- 293-उतरौला
- 294-बलरामपुर (अजा.)
- 302-शोहरतगढ़
- 303-कपिलवस्तु (अजा.)
- 304-बांसी
- 305-इटवा
- 306-डुमरियागंज
- 307-हर्रैया
- 308-कप्तानगंज
- 309-रूधौली
- 310-बस्ती सदर
- 311-महादेवा (अजा.)
- 312-मेंहदावल
- 313-खलीलाबाद
- 314-धनघटा (अजा.)
- 315-फरेंदा
- 316-नौतनवा
- 317-सिसवा
- 318-महराजगंज (अजा.)
- 319-पनियरा
- 320-कैम्पियरगंज
- 321-पिपराइच
- 322-गोरखपुर शहर
- 323-गोरखपुर ग्रामीण
- 324-सहज़नवा
- 325-खज़नी (अजा.)
- 326-चौरी-चौरा
- 327-बांसगांव (अजा.)
- 328-चिल्लूपार
- 329-खड्डा
- 330-पडरौना
- 331-तमकुही राज
- 332-फाजिलनगर
- 333-कुशीनगर
- 334-हाटा
- 335-रामकोला (अजा.)
- 336-रूद्रपुर
- 337-देवरिया
- 338-पथरदेवा
- 339-रामपुर कारखाना
- 340-भाटपार रानी
- 341-सलेमपुर (अजा.)
- 342-बरहज
- 357-बेल्थरा रोड (अजा.)
- 358-रसड़ा
- 359-सिकन्दरपुर
- 360-फेफना
- 361-बलिया नगर
- 362-बांसडीह
- 363-बैरिया