लखनऊ: दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में बुधवार को पहले दो चरणों के चुनाव के लिए टिकटों की सूची को अंतिम रूप दे दिया गया है. 120 के करीब टिकट फाइनल किए जा चुके हैं. इनमें करीब 18 से 20 विधायकों के टिकट काटे जाने की बात सामने आ रही है. भाजपा टिकटों की पहली सूची 15 जनवरी के बाद जारी करेगी. गौरतलब है कि पहले दो चरणों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की करीब 120 सीटों पर चुनाव होगा. पश्चिमी उत्तर प्रदेश का गणित इस बार भारतीय जनता पार्टी के लिए खासा जटिल है.
पश्चिम में इस बार किसान आंदोलन का प्रभाव तो है ही, साथ ही रालोद और समाजवादी पार्टी के बीच का गठबंधन भी बहुसंख्यक जाट वोटों के भाजपा में जाने न जाने का निर्णय करेगा. बताया जाता है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट-मुस्लिम गठजोड़ अगर समाजवादी पार्टी के खेमे की ओर गया तो निश्चित तौर पर भारतीय जनता पार्टी को वहां नुकसान उठाना पड़ेगा.
यह दीगर बात है कि अगर भाजपा टिकटों के वितरण के जरिए जाट बिरादरी को संतुष्ट कर सकी तो बाकी वर्गों के बीच का वोट भाजपा को मिलाकर एक बार फिर से जीत दिला सकता है. ऐसे में पश्चिम की करीब 120 सीटों पर टिकटों का वितरण बहुत महत्वपूर्ण होने जा रहा है. इसे लेकर दिल्ली में पिछले दो दिन से लगातार मंथन जारी है.
भाजपा की पिछले 2 दिनों से केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक दिल्ली में चल रही है. यहां राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश अध्यक्ष वतन देव सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा, महामंत्री संगठन सुनील बंसल के अलावा संगठन के एवं पदाधिकारी मौजूद हैं.
भारतीय जनता पार्टी के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने अपने चुनाव समिति की बैठक में तय कर लिया है कि पहले दो चरण के टिकटों की घोषणा किस तरह से की जाएगी. सभी प्रत्याशी चयनित हो चुके हैं. यह भी तय हो चुका है कि कौन किस सीट से चुनाव लड़ेगा, किसकी सीट बदली जाएगी.
यह भी पढ़ें : '...तो अयोध्या से चुनाव लड़ेंगे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ'
इसके अलावा करीब 18 से 20 टिकट काटे जाएंगे, यह भी सुनिश्चित हो गया है. टिकटों की पहली सूची 16 से 18 जनवरी के बीच जारी कर दी जाएगी. पहली दो सूचियों के माध्यम से यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि भारतीय जनता पार्टी इस बार कितने टिकट काटेगी.