लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत सात अगस्त से हो रही है. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश विधानसभा के इतिहास में एक और नया अध्याय जुड़ जाएगा. उत्तर प्रदेश विधानसभा को देखने और उसकी ऐतिहासिकता उसके इतिहास को तमाम लोग जानना चाहते हैं, ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष के स्तर पर प्रयास किया गया है कि स्कूली विद्यार्थियों के साथ-साथ तमाम अन्य लोगों के लिए भी विधानसभा को देखने के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सुविधा शुरू की जाएगी. बाकायदा विधानसभा के कर्मचारी गाइड बनकर लोगों को विधानसभा की न सिर्फ सैर कराएंगे, बल्कि उसकी ऐतिहासिक और उसकी संसदीय परंपरा और उसके इतिहास से भी लोगों को रूबरू कराने का काम करेंगे. लखनऊ विधानसभा को पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित करने का काम किया जा रहा है. यह सबसे बड़ी और सबसे खूबसूरत विधानसभा और सबसे अपडेट विधानसभा के रूप में जानी जाएगी. विधानसभा का इतिहास, संसदीय परंपरा के बारे में लोगों को जानकारी दी जाएगी.
जल्द मिलेगी सुविधा, विधानसभा अध्यक्ष, सीएम करेंगे शुभारंभ : उत्तर प्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने ईटीवी भारत से आज कहा कि 'विधानसभा के ऐतिहासिक इतिहास की जानकारी विद्यार्थियों को देने के लिए विधानसभा को एक पर्यटन स्थल के रूप में सुविधा देने का फैसला विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की पहल पर शुरू होगा. दो तीन दिनों में ऑनलाइन टिकट के माध्यम से विद्यार्थियों और अन्य लोगों को विधानसभा की सैर कराने की सुविधा शुरू होगी. विधानसभा के मानसून सत्र के बाद लोगों को भ्रमण आदि की सुविधा मिल सकेगी. विधानसभा अध्यक्ष व सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा जल्द ही यह सुविधा शुरू की जाएगी.'
एक दिन में पांच स्लॉट, 100 लोग कर सकेंगे भ्रमण : एक दिन में पांच स्लॉट बुक किए जाएंगे और एक स्लॉट में 20 लोग विधानसभा का न सिर्फ भ्रमण कर सकेंगे, बल्कि अंदर दीर्घा में बैठकर सदन की पूर्व में हुई कार्यवाही को भी देख पाएंगे. सदन की कार्यवाही व पूर्व में कौन-कौन राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश में रहे हैं, ऐसी तमाम जानकारी को लोग आसानी से देख सकेंगे. साथ ही सदन की संसदीय परम्परा और ऐतिहासिकता बताई जाएगी.
वरिष्ठ पत्रकार विजय शंकर पंकज कहते हैं कि 'विद्यार्थियों को विधानसभा के बारे में सदन की कार्यवाही आदि जानने और इतिहास जानने के लिए ऑनलाइन टिकट की सुविधा शुरू कराने का फैसला सराहनीय है, लेकिन यह निशुल्क होना चाहिए. बाकी अन्य लोगों से शुल्क लिया जा सकता है. विधानसभा की ऐतिहासिकता, सदन की कार्यवाही आदि सहित तमाम जानकारी इसके माध्यम से मिल सकेगी.'