लखनऊ : 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती (Assistant Teacher Recruitment) प्रकरण में शामिल ओबीसी (OBC) और एससी (SC) वर्ग के अभ्यर्थियों ने सोमवार सुबह बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के आवास का घेराव किया.
हजारों की संख्या में OBC तथा SC वर्ग के अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा मंत्री के डॉलीगंज स्थित आवास को घेर रखा है. आरोप है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (National Commission for Backward Classes) ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में भर्ती प्रक्रिया में 5844 सीटों का आरक्षण घोटाला होने की बात स्वीकार की है.
आयोग ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में कहा है कि OBC वर्ग को 21% आरक्षण नहीं मिला है. OBC कोटे की 18598 सीट में से मात्र 2637 सीट दी गई हैं. भर्ती में OBC वर्ग को 27% तथा SC वर्ग को 21% आरक्षण न दिए जाने से नाराज हैं.
अभ्यर्थियों का कहना है कि इस भर्ती प्रक्रिया में OBC वर्ग को 27% आरक्षण की जगह, इस भर्ती में मात्र 3.86% आरक्षण मिला है. OBC कोटे की 18598 सीटों में से OBC वर्ग के अभ्यर्थियों को मात्र 2664 सीट ही प्राप्त हुई हैं तथा ओबीसी वर्ग की लगभग 15 हजार के करीब कोटे की सीटें सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को दे दी गई हैं. इसी प्रकार अनुसूचित जाति वर्ग को इस भर्ती में 21% आरक्षण की जगह मात्र 16% के लगभग आरक्षण प्राप्त हुआ है.
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अभ्यर्थियों की प्रमुख मांग
- राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को लागू की जाए.
- राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में जितने भी अभ्यर्थियों ने लिखित में शिकायत दर्ज कराई है, उन सभी अभ्यर्थियों को समायोजित किया जाए.
- भर्ती प्रक्रिया को लेकर हाईकोर्ट में जितने भी याची हैं, उन सभी को समायोजित किया जाए.
क्या है भर्ती का आरक्षण घोटाला
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2019 में 69000 शिक्षक पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई थी. इस प्रक्रिया में आरक्षण के नियमों का पालन न किए जाने के आरोप लगाए गए हैं. कुछ अभ्यर्थियों की ओर से इस संबंध में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में शिकायत भी की है. शिकायत के मुताबिक यह भर्ती उत्तर प्रदेश बेसिक एजुकेशन टीचर्स सर्विस रूल (Uttar Pradesh Basic Education Teachers Service Rule) 1981 के अनुसार किया जाना था.
भर्ती प्रक्रिया के तहत 6 जनवरी 2019 को परीक्षा कराई गई और 1 मई 2020 को अंतिम चयन जारी किया गया. शिकायतकर्ता के मुताबिक इसमें आरक्षित वर्ग के लिए आवंटित सीटें अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को दे दी गईं.
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आरोप है कि इसके चलते 5844 सीटों का नुकसान हुआ है. जिसके आधार पर आयोग ने अपने स्तर पर की गई जांच में शिकायत को सही पाया है.