नई दिल्ली : तेलंगाना के पोचमपल्ली गांव को संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ) द्वारा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों में से एक के रूप में चुना गया है. यह प्रतिष्ठित पुरस्कार 2 दिसंबर को मैड्रिड, स्पेन में यूएनडब्ल्यूटीओ महासभा के 24वें सत्र के अवसर पर दिया जाएगा. भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने यूएनडब्ल्यूटीओ सर्वोत्तम पर्यटन गांव के लिए भारत से तीन गांवों के नाम का सुझाव दिया था. इनमें पोचमपल्ली के अलावा मेघालय के कोंगथांग, मध्य प्रदेश के लाडपुरा खास के नाम भी शामिल थे.
पोचमपल्ली गांव के लोगों को बधाई देते हुए केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री रेड्डी ने कहा कि यह प्रतिष्ठित पुरस्कार स्पेन के मेड्रिड में दो दिसंबर 2021 को यूएनडब्ल्यूटीओ महासभा के 24वें सत्र के दौरान दिया जाएगा.
मंत्री ने कहा, 'पोचमपल्ली और विशेष रूप से तेलंगाना के लोगों की ओर से मैं आभारी हूं कि पोचमपल्ली गांव को यह पुरस्कार दिया गया. मैं मंत्रालय के अधिकारियों के प्रति भी आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने प्रभावी ढंग से पोचमपल्ली का प्रतिनिधित्व किया.'
उन्होंने कहा कि पोचमपल्ली की विशेष बुनाई की कला को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' मंत्र के जरिये आत्मनिर्भर भारत के तौर पर विशेष महत्व मिला. नलगोंडा जिले के पोचमपल्ली गांव में विशिष्ट 'इकत' शैली से साड़ियां तैयार की जाती हैं इसलिए इसे भारत की 'सिल्क सिटी' कहा जाता है.
बता दें कि पोचमपल्ली गांव हैदराबाद से 50 किलोमीटर दूर तेलंगाना के नलगोंडा जिले में है. इस गांव को उत्कृष्ट साड़ियों के लिए भारत के रेशम शहर के रूप में जाना जाता है. इस खास साड़ी को इकत नामक एक अनूठी शैली के माध्यम से बुना जाता है.
यूएनडब्ल्यूटीओ की पायलट परियोजना द्वारा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों का उद्देश्य उन गांवों को पुरस्कृत करना है जो ग्रामीण स्थलों के उत्कृष्ट उदाहरण हैं. इसके तहत सर्वश्रेष्ठ गांव को चुनने के लिए नौ क्षेत्रों का मूल्यांकन किया जाता है. पर्यटन मंत्रालय ने भारत से यूएनडब्ल्यूटीओ बेस्ट टूरिज्म विलेज के लिए तीन गांवों की सिफारिश की थी.
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इससे पहले तेलंगाना के ही रामप्पा मंदिर को यूनेस्को की धरोहर सूची में शामिल किया गया था. विश्व धरोहरों की सूची में शामिल करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने इस मंदिर का प्रस्ताव संस्कृति मंत्रालय को भेजा था.
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तेलंगाना के वारंगल में स्थित 12वीं सदी का काकतिया रूद्रेश्वर (रामप्पा) मंदिर (Kakatiya Rudreshwara (Ramappa) Temple) इकलौता ऐसा मंदिर है, जिसका नाम इसके शिल्पकार रामप्पा के नाम पर रखा गया. इस मंदिर का निर्माण काकतिया वंश के महाराज ने कराया था.
(पीटीआई-भाषा इनपुट)