जोशीमठ: शहर में हो रहे हैं भू धंसाव की वजह से घरों में दरारों को देखते हुए एसडीआरएफ की टीमें अलर्ट मोड पर हैं. पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल के दिशा निर्देशन में एसडीआरएफ की आठ टीमों को प्रथम चरण में जोशीमठ में तैनात किया गया है. एसडीआरएफ की यह टीमें अन्य इकाइयों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए जहां एक ओर भू धंसाव वाले क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर दिन और रात प्रभावित क्षेत्रों में कड़ी नजर रखते हुए प्रभावित लोगों का मनोबल बढ़ाने का काम भी कर रही है.
सीबीआरआई वैज्ञानिकों की देखरेख में ढहाई जाएंगी इमारतें: उधर केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) के वैज्ञानिकों की देखरेख में लोनिवि की टीम भवनों को ढहाने का काम करेगी. दोनों संस्थानों की टीमें जोशीमठ पहुंच गई हैं. जोशीमठ में भू धंसाव के चलते असुरक्षित हो चुके भवनों को गिराने का अभियान आज मंगलवार से शुरू होगा. मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने असुरक्षित भवनों को गिराने के निर्देश दिए हैं. असुरक्षित भवनों पर लाल निशान लगा दिए गए हैं.
सबसे पहले तोड़ा जाएगा होटल मलारी: सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ पहुंची सीबीआरआई की टीम ने सोमवार को मलारी इन और माउंट व्यू होटल का सर्वे किया. इन दोनों होटलों से भवनों को ढहाने की शुरुआत होगी. इन होटलों को अत्यधिक क्षति पहुंची है. सबसे पहले होटल मलारी इन तोड़ा जाएगा. केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के विशेषज्ञों की टीम के निर्देशन और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की मौजूदगी में होटल को तोड़ने की कार्रवाई होगी. इस दौरान 60 मजदूरों के साथ ही दो जेसीबी, एक बड़ी क्रेन और दो टिप्पर ट्रक मौजूद रहेंगे.
SDRF सेनानायक ने खुद संभाला मोर्चा: सेनानायक एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा खुद मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायज़ा ले रहे हैं. मिश्रा जोशीमठ में ही कैम्प कर ग्राउंड जीरो पर एसडीआरएफ की कमान संभाले हुए हैं. वस्तुस्थिति देखने के उपरान्त स्थिति की गम्भीरता को देखते हुए तत्काल SDRF टीमों को प्रभावित क्षेत्र में दिन के साथ साथ रात्रि में भी कड़ी निगरानी रखने हेतु निर्देशित किया गया है. इस वजह से रात्रि में भी SDRF टीमों द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावी गश्त के माध्यम से निगरानी करते हुए स्थिति पर नजर रखी जा रही है. आकस्मिक स्थिति होने पर ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में सहायता भी प्रदान की जा रही है.
क्विक रेस्पॉन्स के लिए टीम तैयार: साथ ही वाहिनी मुख्यालय जॉलीग्रांट से SDRF की अतिरिक्त टीमें आवश्यक रेस्क्यू उपकरणों के जोशीमठ में प्रभावित क्षेत्र पहुंच गई हैं. जिससे किसी भी आकस्मिक स्थिति में कम से कम समय में त्वरित राहत एवं बचाव कार्य किया जा सके. इसके साथ ही आसपास की अन्य पोस्टों पर भी एसडीआरएफ के जवानों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी भी अकस्मात स्थिति के उत्पन्न होने पर सभी टीमें कम से कम समय में त्वरित राहत और बचाव कार्य कर सकें.
मेकेनिकल तकनीक से ढहाए जाएंगे भवन: आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा के मुताबिक, उन सभी भवनों को सिलसिलेवार गिराया जाएगा, जिनमें दरारें आ चुकी हैं. सबसे पहले असुरक्षित भवन गिराए जाएंगे. भवनों को गिराने के लिए विस्फोटकों की मदद नहीं ली जाएगी. सीबीआरआई के वैज्ञानिकों की देखरेख में लोनिवि की टीम मेकेनिकल तकनीक से भवनों को गिराएगी. इसके लिए मजदूरों की मदद ली जाएगी.
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जोशीमठ के प्रभावित इन नंबरों पर करें शिकायत: किसी भी प्रकार की समस्या या शिकायत के लिए जिला प्रशासन की ओर से कंट्रोल रूम जोशीमठ तहसील का नंबर 8171748602 जारी किया गया है. इसके अलावा आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, चमोली के दूरभाष नंबर 01372- 251437,1077 (टोल फ्री) 9068187120 और 7055753124 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं.