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कोरोना के मामलों में अचानक उछाल आने पर अनलॉक को रोकना होगा : विशेषज्ञ

कोरोना के संक्रमण के मामलों में कमी आने पर देश में धीरे-धीरे अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है. वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. तमोरिश कोले ने आगाह किया है कि अचानक मामलों में बढ़ोत्तरी होने पर अनलॉक का प्रक्रिया को रोक देना चाहिए.

अनलॉक को रोकना
अनलॉक को रोकना
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Published : Jun 9, 2021, 2:57 AM IST

Updated : Jun 9, 2021, 8:44 AM IST

नई दिल्ली: देश में रोजाना कोरोना वायरस के नए मामलों में लगातार और तेजी से गिरावट आ रही है, हालांकि सरकार ने जोर दिया कि कोविड-19 संबंधी उपयुक्त व्यवहार का पालन किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में किसी और लहर को आने से रोका जा सके. कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण लगे लॉकडाउन की अब धीरे-धीरे अनलॉक करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. वहीं एशियन सोसाइटी फॉर इमरजेंसी मेडिसिन के अध्यक्ष व वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. तमोरिश कोले ने मंगलवार को ईटीवी भारत के साथ विशेष साक्षात्कार में कहा कि किसी भी क्षेत्र में मामलों की अचानक वृद्धि होने पर अनलॉक की प्रक्रिया को रोक देना चाहिए.

विशेषज्ञ का मानना है कि अभी हम कोविड-19 महामारी की दूसरी और तीसरी लहर के बीच हैं. वहीं नए मामलों की घटती संख्या के साथ कुछ राज्यों में अनलॉक करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, ऐसे में काफी ज्यादा सामाजिक और प्रशासनिक अनुशासन लागू करने की जरूरत है. इसके अलावा कोविड की प्रमुख रणनीतियों में ट्रांसमिशन की रोकथाम विशेष रूप से सुपर स्प्रेडर इवेंट, मामलों और संपर्कों का शीघ्र पता लगाना, चिंता के प्रकार पर नजर रखने के साथ राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के लिए स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे और कार्यबल को तैयार करना है.

पढ़ें- कुछ रियायतों के साथ तेलंगाना में लॉकडाउन 10 दिन और बढ़ा

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों में कहा गया है कि भारत में 7 मई के बाद से मामलों में लगातार कमी आ रही है. नए मामलों में लगभग 79 प्रतिशत की गिरावट आई है. वही पिछले हफ्ते से नए मामलों में 33 फीसदी की गिरावट आई है. भारत का कुल रिकवरी रेट अब 94.3 प्रतिशत है. पिछले 5 सप्ताह में साप्ताहिक सकारात्मकता दर (weekly positivity rate) में भी 70 प्रतिशत तक की गिरावट आई है. 4 से 10 मई के बीच 21.4 फीसदी और 1 से 7 जून की अवधि में सकारात्मकता दर (positivity rate)घटकर 6.3 फीसदी हो गई है. डॉ कोले ने यह भी कहा कि महामारी से लड़ने के लिए टीकाकरण भारत के पास वर्तमान में उपलब्ध एक बड़ी संपत्ति है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अब तक 23.62 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है.

टीकों की 200 करोड़ खुराक

मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज की सामुदायिक चिकित्सा की प्रोफेसर डॉ सुनीला गर्ग ने कहा कि दिसंबर तक टीकों की उपलब्धता से अधिकांश भारतीयों को इसका लाभ मिल जाएगा. 25 जून से हमारे पास और टीके होंगे. स्पुतनिक, बायोलॉजिकल ई, फाइजर, मॉडर्न और ZyCoV-D सहित कई और कंपनियां बाजार में आ रही हैं . दिसंबर में हमारे पास टीकों की 200 करोड़ खुराक होंगी. डॉ गर्ग ने कहा हमें कोविड -19 महामारी के विभिन्न वेरिएंट के बारे में सावधान रहने की आवश्यकता है.

एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया...

एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा, हमें कोविड संबंधी उपयुक्त व्यवहार का उस समय तक पालन करते रहने की जरूरत है जब तक कि हम यह नहीं कह सकते कि हमारी आबादी के एक महत्वपूर्ण हिस्से का टीकाकरण हो गया है. जब पर्याप्त लोगों को टीका लग जाएगा तो प्राकृतिक प्रतिरक्षा विकसित की जाएगी तो ये लहरें रुक जाएंगी. उन्होंने आगे कहा कि ऐसा कोई आंकड़ा या सबूत नहीं है जिससे यह पता लगता हो कि कि अगर कोविड की अगली लहर आती है तो यह बच्चों को अधिक प्रभावित करेगा.

नए मामलों में लगातार और तेजी से गिरावट

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने महामारी की स्थिति पर आयोजित एक संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा कि सात मई को चरम स्तर पर पहुंचने के बाद से दैनिक नए मामलों में करीब 79 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, उन्होंने कोविड की दूसरी लहर पर कहा कि दैनिक नए मामलों में लगातार और तेजी से गिरावट आई है. उन्होंने कहा कि भारत में प्रति दस लाख आबादी पर कोरोना वायरस के 20,822 मामले आए और 252 मौतें हुई हैं जो दुनिया में सबसे कम है. भविष्य में कोरोना की किसी और लहर को रोकने के लिए सरकार ने आबादी का टीकाकरण होने तक कोविड संबंधी उपयुक्त व्यवहार का पालन करने पर जोर दिया.

नई दिल्ली: देश में रोजाना कोरोना वायरस के नए मामलों में लगातार और तेजी से गिरावट आ रही है, हालांकि सरकार ने जोर दिया कि कोविड-19 संबंधी उपयुक्त व्यवहार का पालन किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में किसी और लहर को आने से रोका जा सके. कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण लगे लॉकडाउन की अब धीरे-धीरे अनलॉक करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. वहीं एशियन सोसाइटी फॉर इमरजेंसी मेडिसिन के अध्यक्ष व वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. तमोरिश कोले ने मंगलवार को ईटीवी भारत के साथ विशेष साक्षात्कार में कहा कि किसी भी क्षेत्र में मामलों की अचानक वृद्धि होने पर अनलॉक की प्रक्रिया को रोक देना चाहिए.

विशेषज्ञ का मानना है कि अभी हम कोविड-19 महामारी की दूसरी और तीसरी लहर के बीच हैं. वहीं नए मामलों की घटती संख्या के साथ कुछ राज्यों में अनलॉक करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, ऐसे में काफी ज्यादा सामाजिक और प्रशासनिक अनुशासन लागू करने की जरूरत है. इसके अलावा कोविड की प्रमुख रणनीतियों में ट्रांसमिशन की रोकथाम विशेष रूप से सुपर स्प्रेडर इवेंट, मामलों और संपर्कों का शीघ्र पता लगाना, चिंता के प्रकार पर नजर रखने के साथ राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के लिए स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे और कार्यबल को तैयार करना है.

पढ़ें- कुछ रियायतों के साथ तेलंगाना में लॉकडाउन 10 दिन और बढ़ा

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों में कहा गया है कि भारत में 7 मई के बाद से मामलों में लगातार कमी आ रही है. नए मामलों में लगभग 79 प्रतिशत की गिरावट आई है. वही पिछले हफ्ते से नए मामलों में 33 फीसदी की गिरावट आई है. भारत का कुल रिकवरी रेट अब 94.3 प्रतिशत है. पिछले 5 सप्ताह में साप्ताहिक सकारात्मकता दर (weekly positivity rate) में भी 70 प्रतिशत तक की गिरावट आई है. 4 से 10 मई के बीच 21.4 फीसदी और 1 से 7 जून की अवधि में सकारात्मकता दर (positivity rate)घटकर 6.3 फीसदी हो गई है. डॉ कोले ने यह भी कहा कि महामारी से लड़ने के लिए टीकाकरण भारत के पास वर्तमान में उपलब्ध एक बड़ी संपत्ति है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अब तक 23.62 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है.

टीकों की 200 करोड़ खुराक

मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज की सामुदायिक चिकित्सा की प्रोफेसर डॉ सुनीला गर्ग ने कहा कि दिसंबर तक टीकों की उपलब्धता से अधिकांश भारतीयों को इसका लाभ मिल जाएगा. 25 जून से हमारे पास और टीके होंगे. स्पुतनिक, बायोलॉजिकल ई, फाइजर, मॉडर्न और ZyCoV-D सहित कई और कंपनियां बाजार में आ रही हैं . दिसंबर में हमारे पास टीकों की 200 करोड़ खुराक होंगी. डॉ गर्ग ने कहा हमें कोविड -19 महामारी के विभिन्न वेरिएंट के बारे में सावधान रहने की आवश्यकता है.

एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया...

एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा, हमें कोविड संबंधी उपयुक्त व्यवहार का उस समय तक पालन करते रहने की जरूरत है जब तक कि हम यह नहीं कह सकते कि हमारी आबादी के एक महत्वपूर्ण हिस्से का टीकाकरण हो गया है. जब पर्याप्त लोगों को टीका लग जाएगा तो प्राकृतिक प्रतिरक्षा विकसित की जाएगी तो ये लहरें रुक जाएंगी. उन्होंने आगे कहा कि ऐसा कोई आंकड़ा या सबूत नहीं है जिससे यह पता लगता हो कि कि अगर कोविड की अगली लहर आती है तो यह बच्चों को अधिक प्रभावित करेगा.

नए मामलों में लगातार और तेजी से गिरावट

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने महामारी की स्थिति पर आयोजित एक संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा कि सात मई को चरम स्तर पर पहुंचने के बाद से दैनिक नए मामलों में करीब 79 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, उन्होंने कोविड की दूसरी लहर पर कहा कि दैनिक नए मामलों में लगातार और तेजी से गिरावट आई है. उन्होंने कहा कि भारत में प्रति दस लाख आबादी पर कोरोना वायरस के 20,822 मामले आए और 252 मौतें हुई हैं जो दुनिया में सबसे कम है. भविष्य में कोरोना की किसी और लहर को रोकने के लिए सरकार ने आबादी का टीकाकरण होने तक कोविड संबंधी उपयुक्त व्यवहार का पालन करने पर जोर दिया.

Last Updated : Jun 9, 2021, 8:44 AM IST
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