नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष भारत (यूएनएफपीए) ने इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज (आईआईपीएस) के सहयोग से बुधवार को नई दिल्ली के पार्क होटल में बहुप्रतीक्षित इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023 का अनावरण किया. रिपोर्ट भारत में बुजुर्गों की देखभाल से जुड़ी चुनौतियों, अवसरों और संस्थागत प्रतिक्रियाओं पर प्रकाश डालती है, क्योंकि भारत बढ़ती आबादी की ओर जनसांख्यिकीय बदलाव की ओर बढ़ रहा है.
रिपोर्ट का संयुक्त विमोचन सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के सचिव सौरभ गर्ग और यूएनएफपीए के भारत प्रतिनिधि और भूटान के देश निदेशक एंड्रिया एम वोज्नार की उपस्थिति में हुआ, जिसमें भारत की बुजुर्ग आबादी की जरूरतों को पूरा करने के महत्व पर जोर दिया गया. 186 पेज की रिपोर्ट भारत में वृद्ध व्यक्तियों की रहने की स्थिति और कल्याण का गहन विश्लेषण प्रस्तुत करती है और एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और सार्क देशों में वृद्ध आबादी की स्थिति के बारे में भी बात करती है.
यह भारत में आज तक का परिप्रेक्ष्य लॉन्गिट्यूडिनल एजिंग सर्वे (LASI) 2017-18, भारत की जनगणना, भारत सरकार द्वारा जनसंख्या अनुमान और संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग द्वारा विश्व जनसंख्या संभावनाएं 2022 से उपलब्ध नवीनतम डेटा का लाभ उठाता है.
इस पुस्तक के विमोचन के अवसर पर बोलते हुए एमएसजेई के सचिव सौरभ गर्ग ने यह बात कही, 'जैसे-जैसे भारत की उम्र बढ़ रही है, यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि हमारी बुजुर्ग आबादी को स्वस्थ, सम्मानजनक और पूर्ण जीवन जीने के लिए आवश्यक देखभाल और सहायता तक पहुंच प्राप्त हो. उन्होंने आगे कहा कि इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023 इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक मूल्यवान रोडमैप प्रदान करती है.
उन्होंने आगे कहा कि मैं सभी हितधारकों से इसकी सिफारिशों को लागू करने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह करता हूं. यूएनएफपीए की भारत प्रतिनिधि और भूटान की कंट्री निदेशक सुश्री एंड्रिया एम वोज्नार ने टिप्पणी की, 'यह व्यापक रिपोर्ट विद्वानों, नीति निर्माताओं, कार्यक्रम प्रबंधकों और बुजुर्गों की देखभाल में शामिल सभी हितधारकों के लिए एक मूल्यवान संसाधन है. वृद्ध व्यक्तियों ने समाज में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और वे अपनी भलाई सुनिश्चित करने के लिए हमारे सर्वोत्तम प्रयासों से कम के हकदार नहीं हैं.