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गाजियाबाद में संयुक्त माेर्चा किसान की बैठक, इन मांगाें काे लेकर दी आंदाेलन की चेतावनी

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Published : Jul 3, 2022, 10:21 PM IST

पार्लियामेंट सेशन 18 जुलाई से शुरू हो रहा है. इसी काे ध्यान में रखते हुए संयुक्त किसान मोर्चा 18 जुलाई से 31 जुलाई तक देशभर में अपना विरोध जाहिर करेगा. इसमें जिला स्तरीय सम्मेलन होगा. 31 जुलाई को देश भर में चक्का जाम किया जाएगा.

गाजियाबाद में संयुक्त माेर्चा किसान की बैठक.
गाजियाबाद में संयुक्त माेर्चा किसान की बैठक.

नई दिल्ली/गाजियाबादः संयुक्त किसान मोर्चा की आज रविवार काे बैठक हुई. जिसमें राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव समेत किसान मोर्चा के बड़े पदाधिकारी शामिल हुए. इस दौरान किसान मोर्चा ने ऐलान किया कि जो भी एसकेएम संगठन से अलग हो गए थे उनमें से अधिकतर वापस किसान मोर्चा के साथ आ गए हैं. वहीं उन्होंने कहा कि संसद का सत्र शुरू हो रहा है, तब से लेकर जुलाई तक देश भर में किसानों का एक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. किसान मोर्चा ने सरकार पर विश्वासघात का आरोप लगाया. इस दौरान अग्निपथ योजना का विरोध मोर्चा की बैठक में किया गया.

किसान नेता योगेंद्र यादव ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा पहले की तरह काफी बड़ा हो गया है. जो लोग अलग चले गए थे, वाे वापस आ गए हैं. हालांकि छह संगठन वापस नहीं आए हैं. बीएम सिंह भी गाजीपुर पर धरने में शामिल हुए थे जो बाद में अलग हो गए थे. लेकिन वापस नहीं आए हैं. किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि बीएम सिंह ने अभी तक वापस आने की कोई पहल नहीं की है. अगर वह करेंगे, तो हम उन्हें भी वापस बुलाएंगे. संयुक्त किसान मोर्चा की किसी से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है.

गाजियाबाद में संयुक्त माेर्चा किसान की बैठक.



एमएसपी पर जो कमेटी बननी थी वह अभी तक नहीं बनी है. इस पर भी किसानों ने बैठक में चर्चा की. एमएसपी पर कमेटी नहीं बनने के मामले पर उन्होंने कहा कि सरकार हमें कोई जवाब नहीं दे रही है. सरकार अभी तक सही कंडीशन नहीं बता रही है. किसान मोर्चा की राय है, कि जब तक हमें यह नहीं पता लगता कि कमेटी है क्या, तब तक हम अपने प्रतिनिधि नहीं भेजेंगे.

उन्होंने कहा कि मीडिया में कहा गया कि संयुक्त किसान मोर्चा को छोड़कर कुछ लोग चले गए थे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ था. उन्होंने कहा 16 संगठन आज संयुक्त किसान मोर्चा में वापस आ गए हैं. जबकि छह संगठन जो चुनाव लड़े थे, वह वापस नहीं आए हैं. जो संगठन वापस नहीं आए हैं उनमें गुरनाम सिंह चढूनी का संगठन भी है. योगेंद्र यादव ने कहा कि 18 जुलाई से 31 जुलाई तक संयुक्त किसान मोर्चा देशभर में अपना विरोध जाहिर करेगा. इसमें जिला स्तरीय सम्मेलन होगा. 31 जुलाई को देश भर में चक्का जाम किया जाएगा. उन्होंने कहा पार्लियामेंट सेशन 18 जुलाई से शुरू हो रहा है.

संयुक्त माेर्चा किसान की बैठक में शामिल किसान.
संयुक्त माेर्चा किसान की बैठक में शामिल किसान.

इसे भी पढ़ेंः वेतन नहीं मिलने से नाराज कर्मचारियों ने हरदयाल मुंसिपल पब्लिक लाइब्रेरी में लगाया ताला

वहीं सरकार की अग्निपथ स्कीम भी किसान विरोधी है. इस स्कीम के खिलाफ देशभर में जय जवान जय किसान कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. सात अगस्त से 14 अगस्त के बीच में सम्मेलन आयोजित होंगे. वहीं लखीमपुर खीरी में 75 घंटे के लिए एक मोर्चा निकाला जाएगा. मंत्री अजय मिश्र टेनी के इस्तीफे की मांग की जाएगी. वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान मोर्चा की करीब आठ महीने बाद यह बैठक गाजियाबाद में हुई है. उन्होंने कहा जो साथी बाहर चले गए थे सर्वसम्मति से उनको एसकेएम का हिस्सा बना दिया गया है. उन्होंने कहा कि किसान मोर्चा एक बड़ा मूवमेंट फिर से बन रहा है. इसके बाद आंदोलन की रूपरेखा भी तैयार की जा रही है.

नई दिल्ली/गाजियाबादः संयुक्त किसान मोर्चा की आज रविवार काे बैठक हुई. जिसमें राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव समेत किसान मोर्चा के बड़े पदाधिकारी शामिल हुए. इस दौरान किसान मोर्चा ने ऐलान किया कि जो भी एसकेएम संगठन से अलग हो गए थे उनमें से अधिकतर वापस किसान मोर्चा के साथ आ गए हैं. वहीं उन्होंने कहा कि संसद का सत्र शुरू हो रहा है, तब से लेकर जुलाई तक देश भर में किसानों का एक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. किसान मोर्चा ने सरकार पर विश्वासघात का आरोप लगाया. इस दौरान अग्निपथ योजना का विरोध मोर्चा की बैठक में किया गया.

किसान नेता योगेंद्र यादव ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा पहले की तरह काफी बड़ा हो गया है. जो लोग अलग चले गए थे, वाे वापस आ गए हैं. हालांकि छह संगठन वापस नहीं आए हैं. बीएम सिंह भी गाजीपुर पर धरने में शामिल हुए थे जो बाद में अलग हो गए थे. लेकिन वापस नहीं आए हैं. किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि बीएम सिंह ने अभी तक वापस आने की कोई पहल नहीं की है. अगर वह करेंगे, तो हम उन्हें भी वापस बुलाएंगे. संयुक्त किसान मोर्चा की किसी से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है.

गाजियाबाद में संयुक्त माेर्चा किसान की बैठक.



एमएसपी पर जो कमेटी बननी थी वह अभी तक नहीं बनी है. इस पर भी किसानों ने बैठक में चर्चा की. एमएसपी पर कमेटी नहीं बनने के मामले पर उन्होंने कहा कि सरकार हमें कोई जवाब नहीं दे रही है. सरकार अभी तक सही कंडीशन नहीं बता रही है. किसान मोर्चा की राय है, कि जब तक हमें यह नहीं पता लगता कि कमेटी है क्या, तब तक हम अपने प्रतिनिधि नहीं भेजेंगे.

उन्होंने कहा कि मीडिया में कहा गया कि संयुक्त किसान मोर्चा को छोड़कर कुछ लोग चले गए थे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ था. उन्होंने कहा 16 संगठन आज संयुक्त किसान मोर्चा में वापस आ गए हैं. जबकि छह संगठन जो चुनाव लड़े थे, वह वापस नहीं आए हैं. जो संगठन वापस नहीं आए हैं उनमें गुरनाम सिंह चढूनी का संगठन भी है. योगेंद्र यादव ने कहा कि 18 जुलाई से 31 जुलाई तक संयुक्त किसान मोर्चा देशभर में अपना विरोध जाहिर करेगा. इसमें जिला स्तरीय सम्मेलन होगा. 31 जुलाई को देश भर में चक्का जाम किया जाएगा. उन्होंने कहा पार्लियामेंट सेशन 18 जुलाई से शुरू हो रहा है.

संयुक्त माेर्चा किसान की बैठक में शामिल किसान.
संयुक्त माेर्चा किसान की बैठक में शामिल किसान.

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वहीं सरकार की अग्निपथ स्कीम भी किसान विरोधी है. इस स्कीम के खिलाफ देशभर में जय जवान जय किसान कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. सात अगस्त से 14 अगस्त के बीच में सम्मेलन आयोजित होंगे. वहीं लखीमपुर खीरी में 75 घंटे के लिए एक मोर्चा निकाला जाएगा. मंत्री अजय मिश्र टेनी के इस्तीफे की मांग की जाएगी. वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान मोर्चा की करीब आठ महीने बाद यह बैठक गाजियाबाद में हुई है. उन्होंने कहा जो साथी बाहर चले गए थे सर्वसम्मति से उनको एसकेएम का हिस्सा बना दिया गया है. उन्होंने कहा कि किसान मोर्चा एक बड़ा मूवमेंट फिर से बन रहा है. इसके बाद आंदोलन की रूपरेखा भी तैयार की जा रही है.

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