जांजगीर चांपा : हिंदू समाज में आपने शादियों तो काफी देखी होंगी. लेकिन आज हम आपको ऐसी शादी के बारे में बताने जा रहे हैं. जो आपने शायद ही कभी देखी या सुनी हो.ये शादी है किन्नरों की. अब आप सोच रहे होंगे कि ये भी भला हो सकता है. लेकिन ये सच है. किन्नर भी वैवाहिक गठबंधन में बंधते हैं. आज किन्नरों के लिए कानून है. सरकारी नौकरियों में उनका चयन हो रहा है. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि किन्नर भी शादी करते हैं.
कैसे होती है किन्नरों की शादी : अब यदि, किन्नर की शादी है तो इसमें होने वाले रस्म और रिवाज भी अलग होंगे. इस रस्म में सबसे पहले किन्नर अपनी आराध्य माता बहुचरा माता की पूजा करते हैं. फिर पांच किन्नर जिन्हें शादी करनी होती है. उन्हें सामने लाया जाता है. किन्ररों की शादी में उनका परिवार भी शामिल होता है. फिर किन्नरों को हल्दी लगाकर रस्म पूरा किया जाता है. इस शादी में किन्नर का दूल्हा उन्हीं की गुरु होती है.जो हाथों में कटार लेकर हल्दी की रस्म को पूरा करते हैं.
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किन्नर लगाते हैं गुरु के नाम का सिंदूर : इस परंपरा को निभाने के बाद किन्नरों की शादी उनके गुरु के साथ करा दी जाती है. शादी होने के बाद वैवाहिक किन्नर को अपने गुरु के नाम का सिंदूर लगाना होता है. किन्नरों के इस विवाह में उनके परिजन भी शामिल होने लगे हैं. हालांकि खुद के बेटों की शारीरिक कमी के कारण उनका रूप परिवारों को थोड़ा दुखी जरुर कर देता है.लेकिन परिवार का कहना है जो भी हो संतान तो उन्हीं की है.इसलिए इनकी खुशी में शामिल होकर खुशियां देना ही हमारा कर्तव्य बनता है. जांजगीर में यह शादी सोमवार से शुरू हुई है. इस शादी का आयोजन जांजगीर के एक धर्मशाला में किया गया है. तीन दिनों के इस आयोजन में देवी की पूजा के साथ हल्दी रस्म, डांस और भोज का आयोजन किया गया है. इसके अलावा लोक कल्याण के लिए कलश यात्रा भी निकाली जाएगी.