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पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव: प्रमाणिक ने चुनाव को बताया मृत्यु का त्योहार

पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान हुई भारी हिंसा पर केंद्रीय मंत्री प्रमाणिक ने ममता सरकार पर हमला बोला. उन्होंने इसके लिए टीएमसी को जिम्मेदार ठहराया.

A festival of death Union Minister Pramanik on Bengal panchayat polls
केंद्रीय मंत्री प्रमाणिक का ममता सरकार पर हमला
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Published : Jul 9, 2023, 7:38 AM IST

कूच बिहार: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान व्यापक हिंसा को लेकर केंद्रीय मंत्री निशीथ प्रमाणिक ने ममता बनर्जी सरकार पर हमला किया. उन्होंने कहा कि ये गणतंत्र का चुनाव नहीं बल्कि मृत्यु का त्योहार था. प्रमाणिक ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सरकार पंचायत चुनावों की तारीख की घोषणा के बाद से राज्य में हुई मौतों की सटीक जानकारी भी नहीं देंगी.

उत्तर बंगाल से आने वाले भाजपा नेता ने कहा, 'यह (मौतें और चुनावी हिंसा) नहीं होना चाहिए था. चुनाव गणतंत्र का त्योहार है लेकिन इस बार, बंगाल में पंचायत चुनाव मौत का त्योहार बन गया. बंगाल में पंचायत चुनावों की घोषणा के बाद से राज्य सरकार अपनी जान गंवाने वाले लोगों की संख्या पर आधिकारिक डेटा भी जारी नहीं करेगी.'

उन्होंने कहा कि हालांकि चुनाव के दौरान राजनीतिक हिंसा और झड़पें बंगाल में कोई नई बात नहीं है, लेकिन शनिवार को पंचायतों के लिए मतदान के दौरान देखी गई हिंसा का पैमाना 'अभूतपूर्व' था. केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'कई लोगों ने अपनी जान गंवाई, जबकि कई लोग लापता हैं. हमें नहीं पता कि हिंसा के कारण लापता हुए लोग जीवित भी हैं या नहीं. जिस तरह से इस साल पंचायत चुनाव हुए, उससे हमारा सिर शर्म से झुक जाता है. यह घटनाएँ पश्चिम बंगाल के चुनावी इतिहास में न भूलने वाला अध्याय है.' शनिवार की शुरुआत में हिंसा की कई घटनाओं ने राज्य भर में पंचायत चुनावों के संचालन पर एक लंबा प्रभाव डाला.

दक्षिण 24 परगना जिले के फुल मलंचा मतदान केंद्र पर कच्चे विस्फोटक की चपेट में आने से एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया. एसडीपीओ दिबाकर दास ने कहा, 'आशंका है कि व्यक्ति की मौत हो गई है, लेकिन डॉक्टरों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है. क्रूड बम ने पीड़ित के सिर पर हमला किया था. उसे बसंती ग्रामीण अस्पताल (दक्षिण 24 परगना जिले में) में भर्ती कराया गया था.'

एक अन्य घटना में भाजपा नेता अजॉय रे ने दावा किया कि कूच बिहार के दिनहाटा में पार्टी के तीन साथी कार्यकर्ताओं को कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) कार्यकर्ताओं ने गोली मार दी. भाजपा नेता ने कहा, 'सुबह से ही हमारे कार्यकर्ताओं को मतदान केंद्रों में प्रवेश नहीं करने दिया गया. उन्हें जगह-जगह पीटा गया.

ये भी पढ़ें- पश्चिम बंगाल में भारी हिंसा के बीच पंचायत चुनाव संपन्न, 18 की मौत

गांव की एक महिला के पेट में गोली लगी, जबकि हमारे एक कार्यकर्ता के सीने पर भी गोली लगी.' बमबारी और गोलीबारी की भी घटनाएं हुईं. एक अन्य व्यक्ति के हाथ में गोली लगी. हमारे एक उम्मीदवार के पति को जमीन पर गिरा दिया गया और चारों ओर लात मारी गई.' पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के अनुसार, शनिवार को पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा में 19 लोगों की जान चली गई.

भाजपा नेता द्वारा उद्धृत आंकड़े ने बढ़ती संख्या का संकेत दिया है. बंगाल में 3,341 ग्राम पंचायतें हैं और चुनाव के लिए 58,594 पंचायत चुनाव केंद्र बनाए गए थे. 63,239 ग्राम पंचायत सीटों, 9,730 पंचायत समिति सीटों और जिला परिषद स्तर की 928 सीटों के लिए वोट डाले गए. वोटों की गिनती 11 जुलाई को होगी.

(एएनआई)

कूच बिहार: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान व्यापक हिंसा को लेकर केंद्रीय मंत्री निशीथ प्रमाणिक ने ममता बनर्जी सरकार पर हमला किया. उन्होंने कहा कि ये गणतंत्र का चुनाव नहीं बल्कि मृत्यु का त्योहार था. प्रमाणिक ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सरकार पंचायत चुनावों की तारीख की घोषणा के बाद से राज्य में हुई मौतों की सटीक जानकारी भी नहीं देंगी.

उत्तर बंगाल से आने वाले भाजपा नेता ने कहा, 'यह (मौतें और चुनावी हिंसा) नहीं होना चाहिए था. चुनाव गणतंत्र का त्योहार है लेकिन इस बार, बंगाल में पंचायत चुनाव मौत का त्योहार बन गया. बंगाल में पंचायत चुनावों की घोषणा के बाद से राज्य सरकार अपनी जान गंवाने वाले लोगों की संख्या पर आधिकारिक डेटा भी जारी नहीं करेगी.'

उन्होंने कहा कि हालांकि चुनाव के दौरान राजनीतिक हिंसा और झड़पें बंगाल में कोई नई बात नहीं है, लेकिन शनिवार को पंचायतों के लिए मतदान के दौरान देखी गई हिंसा का पैमाना 'अभूतपूर्व' था. केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'कई लोगों ने अपनी जान गंवाई, जबकि कई लोग लापता हैं. हमें नहीं पता कि हिंसा के कारण लापता हुए लोग जीवित भी हैं या नहीं. जिस तरह से इस साल पंचायत चुनाव हुए, उससे हमारा सिर शर्म से झुक जाता है. यह घटनाएँ पश्चिम बंगाल के चुनावी इतिहास में न भूलने वाला अध्याय है.' शनिवार की शुरुआत में हिंसा की कई घटनाओं ने राज्य भर में पंचायत चुनावों के संचालन पर एक लंबा प्रभाव डाला.

दक्षिण 24 परगना जिले के फुल मलंचा मतदान केंद्र पर कच्चे विस्फोटक की चपेट में आने से एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया. एसडीपीओ दिबाकर दास ने कहा, 'आशंका है कि व्यक्ति की मौत हो गई है, लेकिन डॉक्टरों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है. क्रूड बम ने पीड़ित के सिर पर हमला किया था. उसे बसंती ग्रामीण अस्पताल (दक्षिण 24 परगना जिले में) में भर्ती कराया गया था.'

एक अन्य घटना में भाजपा नेता अजॉय रे ने दावा किया कि कूच बिहार के दिनहाटा में पार्टी के तीन साथी कार्यकर्ताओं को कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) कार्यकर्ताओं ने गोली मार दी. भाजपा नेता ने कहा, 'सुबह से ही हमारे कार्यकर्ताओं को मतदान केंद्रों में प्रवेश नहीं करने दिया गया. उन्हें जगह-जगह पीटा गया.

ये भी पढ़ें- पश्चिम बंगाल में भारी हिंसा के बीच पंचायत चुनाव संपन्न, 18 की मौत

गांव की एक महिला के पेट में गोली लगी, जबकि हमारे एक कार्यकर्ता के सीने पर भी गोली लगी.' बमबारी और गोलीबारी की भी घटनाएं हुईं. एक अन्य व्यक्ति के हाथ में गोली लगी. हमारे एक उम्मीदवार के पति को जमीन पर गिरा दिया गया और चारों ओर लात मारी गई.' पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के अनुसार, शनिवार को पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा में 19 लोगों की जान चली गई.

भाजपा नेता द्वारा उद्धृत आंकड़े ने बढ़ती संख्या का संकेत दिया है. बंगाल में 3,341 ग्राम पंचायतें हैं और चुनाव के लिए 58,594 पंचायत चुनाव केंद्र बनाए गए थे. 63,239 ग्राम पंचायत सीटों, 9,730 पंचायत समिति सीटों और जिला परिषद स्तर की 928 सीटों के लिए वोट डाले गए. वोटों की गिनती 11 जुलाई को होगी.

(एएनआई)

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