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पंजाब में रेल यातायात जाम राज्य सरकार की निष्क्रियता का परिणाम

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Published : Nov 4, 2020, 7:37 PM IST

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पंजाब में किसानों की नाकेबंदी की चलते रेल सेवाएं बाधित होने के लिए बुधवार को राज्य सरकार की निष्क्रियता को जिम्मेदार बताया. यह प्रदर्शन पंजाब में 32 स्थानों पर हो रहा है और किसान रेल पटरियों पर बैठे हैं. उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा यह राज्य सरकार की निष्क्रियता है. कानून व्यवस्था राज्य का विषय है.

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केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पंजाब में किसानों की नाकेबंदी की चलते रेल सेवाएं बाधित होने के लिए बुधवार को राज्य सरकार की निष्क्रियता को जिम्मेदार बताया और कहा कि मालगाड़ियों एवं यात्री गाड़ियों की सुचारू आवाजाही सभी के हित में है.


उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों ने रिकॉर्ड 158 लाख मीट्रिक टन धान बेचा है, जिससे साबित होता है कि वे खुश हैं. मंत्रिमंडल की बैठक के बाद जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा कि यह प्रदर्शन पंजाब में 32 स्थानों पर हो रहा है और किसान रेल पटरियों पर बैठे हैं. उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा यह राज्य सरकार की निष्क्रियता है. कानून व्यवस्था राज्य का विषय है. मालगाड़ियों एवं यात्री गाड़ियों की सुचारू आवाजाही के लिए रेल मार्ग से रुकावट हटाना सभी के हित में है. सर्दियों के लिए हमें अग्रिम क्षेत्रों में तैनात सैन्यबलों के लिए एलपीजी सिलेंडर और कपड़े पहुंचाने हैं.

पढ़ें : सरकार 30.67 लाख अराजपत्रित कर्मचारियों को देगी बोनस

उन्होंने आश्चर्य के लहजे में कहा कि कहीं यह आंदोलन राजनीतिक और कमीशन एजेंटों के समर्थन में तो नहीं है, क्योंकि किसान तो उच्च एमएसपी पर अपनी उपज बेचकर लाभान्वित हुए हैं. केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब में किसानों का आंदोलन 24 सितंबर से शुरू हुआ था.

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पंजाब में किसानों की नाकेबंदी की चलते रेल सेवाएं बाधित होने के लिए बुधवार को राज्य सरकार की निष्क्रियता को जिम्मेदार बताया और कहा कि मालगाड़ियों एवं यात्री गाड़ियों की सुचारू आवाजाही सभी के हित में है.


उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों ने रिकॉर्ड 158 लाख मीट्रिक टन धान बेचा है, जिससे साबित होता है कि वे खुश हैं. मंत्रिमंडल की बैठक के बाद जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा कि यह प्रदर्शन पंजाब में 32 स्थानों पर हो रहा है और किसान रेल पटरियों पर बैठे हैं. उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा यह राज्य सरकार की निष्क्रियता है. कानून व्यवस्था राज्य का विषय है. मालगाड़ियों एवं यात्री गाड़ियों की सुचारू आवाजाही के लिए रेल मार्ग से रुकावट हटाना सभी के हित में है. सर्दियों के लिए हमें अग्रिम क्षेत्रों में तैनात सैन्यबलों के लिए एलपीजी सिलेंडर और कपड़े पहुंचाने हैं.

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उन्होंने आश्चर्य के लहजे में कहा कि कहीं यह आंदोलन राजनीतिक और कमीशन एजेंटों के समर्थन में तो नहीं है, क्योंकि किसान तो उच्च एमएसपी पर अपनी उपज बेचकर लाभान्वित हुए हैं. केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब में किसानों का आंदोलन 24 सितंबर से शुरू हुआ था.

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