नई दिल्ली : उत्तराखंड की महत्वपूर्ण जमरानी बांध परियोजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति से मंजूरी मिलने पर केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट (Union Minister of State for Defence and Tourism Ajay Bhatt) ने पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति आभार जताया है. उन्होंने कहा कि इसे मंजूरी देकर मोदी सरकार ने एक इतिहास बनाया है. केंद्रीय मंत्री भट्ट ने कहा कि हम चाहते हैं कि इसका शिलान्यास खुद प्रधानमंत्री करें. उन्होंने उम्मीद जताई की कि परियोजना पांच साल में पूरी हो जाएगी. केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि इस परियोजना को मंजूरी मिलना और इस परियोजना के पूरा होने पर उत्तराखंड की जनता को बहुत लाभ होगा.
वहीं एनसीईआरटी की सिफारिश पर विपक्ष की बयानबाजी को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इतिहास मोदी सरकार ने नहीं बल्कि उन्होंने बदला है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को किसी का डर नहीं है और इसके जरिए सही इतिहास लोगों के सामने आएगा. इसके अलावा पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा राहुल गांधी के साथ बातचीत में मोदी सरकार पर लगाए गए आरोपों को केंद्रीय मंत्री ने हास्यास्पद बताया.
उन्होंने कहा कि जिस वक्त ये घटना हुई उसके जवाब में हमारे देश ने दुश्मन देश को जिस तरह से सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक से जवाब दिया, उसे पूरे देश ने देखा. मंत्री भट्ट ने कहा कि मोदी सरकार लगातार देश का मान-सम्मान बढ़ाने के लिए हर क्षेत्र में निरंतर सक्रिय है. लेकिन कुछ लोग जिन्हें जनता नकार चुकी है, ऐसे बचकाने बयान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि कैसे वो किसानों को भड़काने में लगे थे, पूरे देश ने देखा है. मगर किसानों के लिए मोदी सरकार ने बहुत काम किया, उनकी एमएसपी दिलवाई इसीलिए ऐसे बयान पर जनता ध्यान नहीं देती.
बता दें कि नैनीताल जिले में काठगोदाम से 10 किलोमीटर 'अपस्ट्रीम' में गौला नदी पर 150.60 मीटर ऊंचाई पर जमरानी बांध का निर्माण प्रस्तावित है। परियोजना से लगभग 1,50,000 हेक्टेयर कृषि योग्य क्षेत्र को सिंचाई सुविधा से लाभ मिलेगा. इसके साथ ही इससे हल्द्वानी शहर को प्रतिवर्ष 42 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पेयजल उपलब्ध होगा. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (वृहद एवं मध्यम) के अन्तर्गत जमरानी बांध परियोजना के वित्त पोषण हेतु निवेश स्वीकृति मिल चुकी है जबकि जल शक्ति मंत्रालय द्वारा वित्त मंत्रालय के पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड को वित्तीय स्वीकृति हेतु प्रेषित प्रस्ताव पर भी सहमति मिल चुकी है .
कुल 1730.20 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजना में 90 प्रतिशत केन्द्रांश एवं 10 प्रतिशत राज्यांश प्रस्तावित है. राज्यांश का वहन उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संयुक्त रूप से पूर्व में हुए समझौता ज्ञापन के अनुसार किया जाएगा. जमरानी बांध परियोजना से प्रभावित 351.55 हेक्टेयर वन भूमि सिंचाई विभाग को हस्तांतरित करने हेतु केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से इस वर्ष जनवरी में स्वीकृति मिल चुकी है. परियोजना प्रभावित परिवारों के विस्थापन हेतु प्राग फार्म की 300.5 एकड भूमि के प्रस्ताव पर उत्तराखंड मंत्रिमंडल पहले ही अपनी मुहर लगा चुका है.
ये भी पढ़ें - Cabinet Briefing : किसानों को मोदी सरकार की सौगात, एमएसपी में वृद्धि, रेलवे कर्मचारियों को मिलेगा बोनस