नई दिल्ली : केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने संसद के मानसून सत्र के दौरान आज लोकसभा में लिखित में अपने मंत्रालय के कामकाज के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय 2016 से ही प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) लागू किए हुए है. इसका मुख्य उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों का वृद्धि एवं विकास करना है, ताकि किसानों की आय बढ़ सके.
इस योजना के मुख्य कंपोनेंट मेगा फूड पार्क, समेकित कोल्ड चेन व वैल्यू एडिशन संरचना, खाद्य प्रसंस्करण इकाई का निर्माण/विस्तार और रख-रखाव के दायरे को बढ़ाना, कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर के संरचना का निर्माण, खाद्य सुरक्षा एवं गुणवत्ता संबंधी संरचना बनाना, मानव संसाधन एवं संस्था बनाना और ऑपरेशन ग्रिन का निर्माण करना है.
PMKSY अनुदान के रूप में क्रेडिट लिंक वित्तीय सहायता व्यापारियों को प्रदान करता है, ताकि व्यापारी खाद्य प्रसंस्करण इकाई गठित कर सकें. यहां उल्लेख PMKSY क्षेत्र, राज्य आधारित व्यवस्था नहीं, बल्कि यह मांग पर आधारित होता है व पूरे देश में इससे जुड़ी इकाई गठित होती है. अब तक मंत्रालय के द्वारा 41 मेगा फूड पार्क, 353 कोल्ड चेन प्रोजेक्ट, 63 कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर, 292 खाद्य प्रसंस्करण इकाई, 63 बैकवार्ड व फॉरवार्ड लिंकेज प्रोजेक्ट, 6 ऑपरेशन ग्रिन प्रोजेक्ट की स्वीकृति दी गई है.
ऊपर अनुमोदित इकाई से देशभर में लगभग 34 लाख किसान लाभान्वित हो सकते हैं. यह आकलन किया गया है. नाबार्ड consultancy लिमिटेड द्वारा वर्ष 2020 में समेकित कोल्ड चेन व वैल्यू एडिशन संरचना के मूल्यांकन पर बताया गया है कि इस योजना के तहत कैप्टिव प्रोजेक्ट के परिणामस्वरूप फ्रामगेट की कीमतों में 12.38% की वृद्धि हुई है. प्रत्येक योजना से लगभग 9500 किसानों के लाभान्वित होने का अनुमान है.
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आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत एक केंद्र प्रायोजित योजना 'PM फॉरमेलाइजेसन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग इंटरप्राइजेस स्कीम' (PMFME) लागू की गई है, जिसके तहत दो लाख लघु खाद्य प्रसंस्करण इकाई गठित किया जाएगा, जिसमें सरकार वित्तीय, तकनीकी और व्यवसायिक सहायता देगी. यह योजना पांच वर्षों के लिए 2020-21 से 2024-25 तक लागू है, जिसमें 10000 करोड़ की लागत आएगी. यह योजना क्रेडिट लिंक सब्सिडी पर आधारित है.