नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश होने से पहले वित्त मंत्रालय पहुंचीं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को वित्त वर्ष 2023-24 का बजट संसद में पेश करेंगी. इस दौरान उनके सामने राजकोषीय सूझबूझ दिखाने के साथ करों में कटौती एवं सामाजिक सुरक्षा बढ़ाने जैसी अपेक्षाओं के बीच संतुलन साधने की चुनौती होगी. अगले साल होने वाले आम चुनाव के पहले के इस अंतिम पूर्ण बजट के जरिये सरकार लोगों की अपेक्षाओं पर भी खरा उतरने की कोशिश कर सकती है. इसके लिए सार्वजनिक व्यय में बढ़ोतरी का तरीका अपनाया जा सकता है.
-
Delhi | Finance Minister Nirmala Sitharaman arrives at the Ministry of Finance, ahead of the Budget presentation pic.twitter.com/XzWkXKeV8J
— ANI (@ANI) February 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Delhi | Finance Minister Nirmala Sitharaman arrives at the Ministry of Finance, ahead of the Budget presentation pic.twitter.com/XzWkXKeV8J
— ANI (@ANI) February 1, 2023Delhi | Finance Minister Nirmala Sitharaman arrives at the Ministry of Finance, ahead of the Budget presentation pic.twitter.com/XzWkXKeV8J
— ANI (@ANI) February 1, 2023
पढ़ें : Budget Session 2023 : बजट सत्र 2023 का आगाज, वित्त मंत्री ने पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण
सीतारमण अपना पांचवां बजट ऐसे समय में पेश करने वाली हैं, जब अर्थव्यवस्था के सामने वैश्विक आघातों से निपटने और घरेलू जरूरतों को पूरा करने की मुश्किल चुनौती है. बजट से पहले उद्योग संगठनों एवं हित समूहों के साथ चर्चा के दौरान उठी मांगों में आयकर स्लैब में बदलाव की मांग प्रमुख रही है. इससे मध्य वर्ग को राहत मिल सकती है. वहीं गरीबों पर सार्वजनिक व्यय बढ़ाने के साथ घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के उपायों की घोषणा भी की जा सकती है.
पढ़ें : Adani Enterprises FPO : हिंडनबर्ग रिपोर्ट 'बेअसर', अडाणी का FPO हिट, फुली सब्सक्राइब्ड
हालांकि, इन उम्मीदों को पूरा करते समय सीतारमण के लिए राजकोषीय सूझबूझ बनाए रखना जरूरी होगा. हालांकि, पिछले कुछ महीनों में मुद्रास्फीति का ऊंचे स्तर से कम होना और कर संग्रह बढ़ोतरी एक राहत की बात हो सकती है. लेकिन स्वास्थ्य, शिक्षा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर उनका खास ध्यान रह सकता है.
आम बजट पर 12 फरवरी तक भाजपा चलाएगी देशव्यापी अभियान : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने आम बजट पर चर्चा के लिए एक से 12 फरवरी तक देशव्यापी अभियान चलाने का फैसला किया है. उन्होंने इसके लिए एक नौ सदस्यीय समिति गठित की है, जिसका संयोजक बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी को बनाया गया है. इस समिति में पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल, किसान मोर्चा के अध्यक्ष राजकुमार चाहर, भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या समेत अनेक आर्थिक विशेषज्ञों को सदस्य बनाया गया है.
सुशील मोदी की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, इस समिति ने दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में अपनी पहली बैठक में निर्णय लिया कि 4-5 फरवरी के बीच देश के सभी राज्यों की राजधानियों सहित 50 महत्वपूर्ण केंद्रों पर केंद्रीय मंत्री, पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारी एवं आर्थिक विशेषज्ञ 'बजट पर सम्मेलन' एवं संवाददाता सम्मेलन का आयोजन करेंगे. भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष दो फरवरी को अपने राज्यों में मीडिया से बजट की खूबियों पर चर्चा करेंगे.
बयान में कहा गया कि इस आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रत्येक प्रदेश में चार सदस्यीय एक समिति का गठन किया गया है. सभी जिलों में सम्मेलन आयोजित कर प्रखंड स्तर तक बजट की प्रमुख बातों को जनता तक पहुंचाया जाएगा. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को संसद में वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश करेंगी.