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आयकर छापेमारी में कर्नाटक के निर्माण समूह की 70 करोड़ की अघोषित आय का पता चला

आयकर विभाग ने कर्नाटक के एक अग्रणी निर्माण समूह पर छापा डाला है. इस दौरान 70 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय का पता लगाया है.

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Published : Nov 3, 2021, 4:40 PM IST

नई दिल्ली : आयकर विभाग ने कर्नाटक के एक अग्रणी निर्माण समूह पर हाल ही में डाले गए छापे में 70 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय का पता लगाया है.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बुधवार को जारी एक बयान में बताया कि आयकर विभाग के तलाशी अभियान के दौरान 70 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाबी आय के बारे में पता चला है. कंपनी ने इसे अपनी अघोषित आय के तौर पर स्वीकार भी कर लिया है.

आयकर विभाग ने गत 28 अक्टूबर को इस निर्माण कंपनी के उत्तर कर्नाटक स्थित कई ठिकानों की तलाशी के लिए अभियान चलाया था.

आयकर विभाग की नीति-निर्धारक संस्था सीबीडीटी ने बताया कि यह निर्माण समूह कच्चे माल की खरीद, श्रमिकों पर आने वाली लागत और छोटे ठेकेदारों को भुगतान से जुड़े 'फर्जी' कागजात पेश कर अपने मुनाफे को 'दबाने' की कोशिश करता रहा है.

पढ़ें :- आयकर विभाग ने हेटरो फार्मा ग्रुप पर छापेमारी के बाद 1200 करोड़ रुपये की बेहिसाबी आय का पता लगाया

जब्त दस्तावेजों की पड़ताल से पता चला है कि निर्माण सामग्रियों के वेंडरों एवं आपूर्तिकर्ताओं से समूह के एक महत्वपूर्ण व्यक्ति ने बेहिसाबी नकद राशि ली है. समूह ने अपने अधिकारियों के रिश्तेदारों, दोस्तों एवं कर्मचारियों को भी उप-ठेकेदारों के तौर पर दिखाया जबकि उनके पास निर्माण कार्यों की कोई क्षमता एवं योग्यता नहीं थी.

सीबीडीटी के मुताबिक, आयकर विभाग के तलाशी अभियान से पता चला है कि यह निर्माण समूह इस तरह के लेनदेन से बेहिसाबी नकदी जुटा रहा था.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : आयकर विभाग ने कर्नाटक के एक अग्रणी निर्माण समूह पर हाल ही में डाले गए छापे में 70 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय का पता लगाया है.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बुधवार को जारी एक बयान में बताया कि आयकर विभाग के तलाशी अभियान के दौरान 70 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाबी आय के बारे में पता चला है. कंपनी ने इसे अपनी अघोषित आय के तौर पर स्वीकार भी कर लिया है.

आयकर विभाग ने गत 28 अक्टूबर को इस निर्माण कंपनी के उत्तर कर्नाटक स्थित कई ठिकानों की तलाशी के लिए अभियान चलाया था.

आयकर विभाग की नीति-निर्धारक संस्था सीबीडीटी ने बताया कि यह निर्माण समूह कच्चे माल की खरीद, श्रमिकों पर आने वाली लागत और छोटे ठेकेदारों को भुगतान से जुड़े 'फर्जी' कागजात पेश कर अपने मुनाफे को 'दबाने' की कोशिश करता रहा है.

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जब्त दस्तावेजों की पड़ताल से पता चला है कि निर्माण सामग्रियों के वेंडरों एवं आपूर्तिकर्ताओं से समूह के एक महत्वपूर्ण व्यक्ति ने बेहिसाबी नकद राशि ली है. समूह ने अपने अधिकारियों के रिश्तेदारों, दोस्तों एवं कर्मचारियों को भी उप-ठेकेदारों के तौर पर दिखाया जबकि उनके पास निर्माण कार्यों की कोई क्षमता एवं योग्यता नहीं थी.

सीबीडीटी के मुताबिक, आयकर विभाग के तलाशी अभियान से पता चला है कि यह निर्माण समूह इस तरह के लेनदेन से बेहिसाबी नकदी जुटा रहा था.

(पीटीआई-भाषा)

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