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चीन पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट, शिनजियांग में हो रहा मानवता के खिलाफ संभावित अपराध - crimes against humanity in Xinjiang

संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को चीन पर आरोप लगाया कि उइगर और अन्य जातीय अल्पसंख्यकों को सामूहिक हिरासत में रखना मानवता के खिलाफ अपराध जैसा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने अहने झिंजियांग क्षेत्र में उइगर और अन्य जातीय अल्पसंख्यकों को सामूहिक हिरासत में रखा है.

चीन पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट
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Published : Sep 1, 2022, 6:47 AM IST

जिनेवा: संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को चीन पर आरोप लगाया कि उइगर और अन्य जातीय अल्पसंख्यकों के सामूहिक हिरासत में रखना मानवता के खिलाफ अपराध जैसा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने अहने झिंजियांग क्षेत्र में उइगर और अन्य जातीय अल्पसंख्यकों के सामूहिक हिरासत रखा है. जो अंतर्राष्ट्रीय अपराध, विशेष रूप से, मानवता के खिलाफ अपराध की श्रेणी का हो सकता है. एक लंबे समय से प्रतीक्षित रिपोर्ट 31 अगस्त को जिनेवा में जारी की गई थी. इससे कुछ मिनट पहले संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त मिशेल बाचेलेट अपने पद से इस्तीफा देने वाली थी. क्योंकि इस रिपोर्ट को जारी करने में देरी की वजह से उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था.

पढ़ें: भारतीय सेना का रूस-चीन और वायुसेना का US-ऑस्ट्रेलिया से होगा वार-गेम

दिसंबर में मिशेल बाचेलेट की प्रवक्ता ने रिपोर्ट को हफ्तों के भीतर प्रकाशित करने की योजना की घोषणा की थी. लेकिन वह ऐसा करने में विफल रही. इससे इस बात को बल मिल रहा था कि संयुक्त राष्ट्र चीन से किसी तरह का बैर नहीं मोल लेना चाहता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि उइगर और अन्य जातीय अल्पसंख्यकों की मनमानी और भेदभाव पूर्ण गिरफ्तारी , कानून और नीति के अनुसार, व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से प्राप्त मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध के रूप में देखा जा सकता है. जो कि अंतरराष्ट्रीय अपराध है.

पढ़ें: चीन में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों को राहत, 24 अगस्त से शुरू होगी वीजा आवेदन की प्रक्रिया

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि बलात्कार सहित यौन और लिंग आधारित हिंसा के आरोप 'विश्वसनीय प्रतीत होते हैं और अपने आप में यातना या अन्य प्रकार के दुर्व्यवहार के कृत्यों के बराबर होंगे'. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने चीन में मुस्लिम उइगरों के कथित हिरासत और जबरन श्रम के बारे में गंभीर चिंता जताई है. साथ ही यूएन ने देश में फैक्ट फाइंडिंग मिशन चलाने के लिए निर्बाध पहुंच देने का आह्वान चीन से किया है. इसके अलावा रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि चीन वैश्विक और घरेलू कंपनियों की आपूर्ति श्रृंखलाओं की बारीकी से जांच करे.

पढ़ें: LAC पर शांति बनाए रखने के लिए भारत और चीन के बीच सैन्य वार्ता

विशेषज्ञों ने उइगर मुसलमानों की दुर्दशा पर चिंता जताई है. शिनजियांग में निर्मित चीनी उत्पादों के बहिष्कार के आह्वान के माध्यम से इस कारण के समर्थन को अभिव्यक्ति मिली है. यूएन के रिपोर्ट के अनुसार इस आरोप को पुष्ट करने वाले कई फर्स्ट हैंड सबूत मिले हैं जिसमें मानवता के खिलाफ अपराध में बीजिंग की सक्रिय भागीदारी दिखाई गई है. कई संगठनों ने चीनी उत्पादों के बहिष्कार के साथ-साथ चीन द्वारा आयोजित कार्यक्रमों के राजनयिक बहिष्कार की घोषणा करने के लिए वैश्विक मांग की है. सबूतों के बावजूद, चीन ने इन आरोपों को हमेशा खारिज किया है और इसे पश्चिमी प्रचार का हिस्सा बताया है.

जिनेवा: संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को चीन पर आरोप लगाया कि उइगर और अन्य जातीय अल्पसंख्यकों के सामूहिक हिरासत में रखना मानवता के खिलाफ अपराध जैसा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने अहने झिंजियांग क्षेत्र में उइगर और अन्य जातीय अल्पसंख्यकों के सामूहिक हिरासत रखा है. जो अंतर्राष्ट्रीय अपराध, विशेष रूप से, मानवता के खिलाफ अपराध की श्रेणी का हो सकता है. एक लंबे समय से प्रतीक्षित रिपोर्ट 31 अगस्त को जिनेवा में जारी की गई थी. इससे कुछ मिनट पहले संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त मिशेल बाचेलेट अपने पद से इस्तीफा देने वाली थी. क्योंकि इस रिपोर्ट को जारी करने में देरी की वजह से उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था.

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दिसंबर में मिशेल बाचेलेट की प्रवक्ता ने रिपोर्ट को हफ्तों के भीतर प्रकाशित करने की योजना की घोषणा की थी. लेकिन वह ऐसा करने में विफल रही. इससे इस बात को बल मिल रहा था कि संयुक्त राष्ट्र चीन से किसी तरह का बैर नहीं मोल लेना चाहता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि उइगर और अन्य जातीय अल्पसंख्यकों की मनमानी और भेदभाव पूर्ण गिरफ्तारी , कानून और नीति के अनुसार, व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से प्राप्त मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध के रूप में देखा जा सकता है. जो कि अंतरराष्ट्रीय अपराध है.

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संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि बलात्कार सहित यौन और लिंग आधारित हिंसा के आरोप 'विश्वसनीय प्रतीत होते हैं और अपने आप में यातना या अन्य प्रकार के दुर्व्यवहार के कृत्यों के बराबर होंगे'. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने चीन में मुस्लिम उइगरों के कथित हिरासत और जबरन श्रम के बारे में गंभीर चिंता जताई है. साथ ही यूएन ने देश में फैक्ट फाइंडिंग मिशन चलाने के लिए निर्बाध पहुंच देने का आह्वान चीन से किया है. इसके अलावा रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि चीन वैश्विक और घरेलू कंपनियों की आपूर्ति श्रृंखलाओं की बारीकी से जांच करे.

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विशेषज्ञों ने उइगर मुसलमानों की दुर्दशा पर चिंता जताई है. शिनजियांग में निर्मित चीनी उत्पादों के बहिष्कार के आह्वान के माध्यम से इस कारण के समर्थन को अभिव्यक्ति मिली है. यूएन के रिपोर्ट के अनुसार इस आरोप को पुष्ट करने वाले कई फर्स्ट हैंड सबूत मिले हैं जिसमें मानवता के खिलाफ अपराध में बीजिंग की सक्रिय भागीदारी दिखाई गई है. कई संगठनों ने चीनी उत्पादों के बहिष्कार के साथ-साथ चीन द्वारा आयोजित कार्यक्रमों के राजनयिक बहिष्कार की घोषणा करने के लिए वैश्विक मांग की है. सबूतों के बावजूद, चीन ने इन आरोपों को हमेशा खारिज किया है और इसे पश्चिमी प्रचार का हिस्सा बताया है.

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