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युवा और कृषि पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट

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Published : Jul 8, 2021, 10:38 PM IST

संयुक्त राष्ट्र की नई रिपोर्ट में भविष्य को सुरक्षित करने के लिए युवाओं के लिए कृषि-खाद्य प्रणालियों को और अधिक आकर्षक बनाने का आह्वान किया गया है. पढ़िए पूरी रिपोर्ट..

युवा और कृषि पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट
युवा और कृषि पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट

हैदराबाद : संयुक्त राष्ट्र की नई रिपोर्ट में भविष्य को सुरक्षित करने के लिए युवाओं के लिए कृषि-खाद्य प्रणालियों को और अधिक आकर्षक बनाने का आह्वान किया गया है. युवाओं और कृषि पर संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट वैश्विक खाद्य सुरक्षा और पोषण के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कृषि-खाद्य प्रणालियों को युवाओं के लिए अधिक आकर्षक बनाने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती है.

रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष और सिफारिशें

युवाओं के लिए बेरोजगारी की दर दुनिया के सभी क्षेत्रों में वयस्कों की तुलना में तीन गुना अधिक है. इसके अलावा बेरोजगार युवाओं का एक बड़ा हिस्से के रूप में युवा महिलाएं भी हैं. यदि कृषि-खाद्य प्रणाली को युवाओं के लिए अधिक आकर्षक और न्यायसंगत बनाया जाए तो इससे रोजगार के ज्यादा अवसर मिल सकेंगे. हालांकि कृषि खाद्य प्रणाली पहले से ही युवाओं को रोजगार मुहैया कराती रही है. फिर भी वे अक्सर सार्थक काम की पर्याप्त आजीविका के अवसर प्रदान नहीं करते हैं और न ही विभिन्न पीढ़ियों की जरुरतों और अधिकारों के बीच संतुलन बनाए रखते हैं.

रिपोर्ट में इस बात पर भी ध्यान दिया गया है कि दुनिया के 1.2 बिलियन युवाओं में से विशेष रूप से लगभग 88 फीसद युवा अफ्रीका में रहते हैं, जिसमें से 70 फीसद से अधिक युवा प्रतिदिन दो डालर या उससे कम पर निर्वाह करते हैं. रिपोर्ट में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि टिकाऊ कृषि-खाद्य प्रणालियों में युवाओं की भागीदारी और रोजगार एक साथ साकार होने वाला लक्ष्य है और कृषि-खाद्य प्रणालियों के आमूल परिवर्तन, सतत विकास लक्ष्यों की उपलब्धि और आर्थिक कल्याण का साधन है.

खाद्य प्रणालियों में युवाओं के जुड़ाव को सार्थक बनाने के लिए कदम उठाने होंगे : तिएनसिन

रिपोर्ट में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि टिकाऊ कृषि-खाद्य प्रणालियों में युवाओं की भागीदारी के साथ रोजगार एक साथ साकार होने वाला लक्ष्य है और कृषि-खाद्य प्रणालियों के आमूल परिवर्तन, सतत विकास लक्ष्यों की उपलब्धि और आर्थिक कल्याण का साधन है. वहीं रिपोर्ट का स्वागत करते हुए सीएफएस (Committee on World Food Security) के अध्यक्ष तिएनसिन ने सीएफएस की उन प्रणालियों, नीतियों और कार्यक्रमों के विकास के आह्वान को रेखांकित किया जो कृषि और कृषि व्यवसायों में अधिक युवाओं को शामिल करते हैं.

उन्होंने कहा कि यह कहना पर्याप्त नहीं है कि युवा मानव जाति का भविष्य हैं. हालांकि हमें खाद्य प्रणालियों में उनके जुड़ाव को सार्थक बनाने के लिए कदम उठाने होंगे. यह रिपोर्ट हमें इसके लिए एक रोडमैप देती है.

कृषि और खाद्य में युवा रोजगार बढ़ाने के लिए आवश्यक नीति बनाई जाएगी : कोल

वहीं सीएफएस एचएलपीई संचालन समिति के अध्यक्ष कोल ने कहा कि रिपोर्ट एक वैज्ञानिक आधार प्रदान करती है जिसके परिणामस्वरूप कृषि और खाद्य में युवा रोजगार बढ़ाने के लिए आवश्यक नीतियों, कार्यक्रमों और निवेशों पर एक नीति उत्पाद की पेशकश की जाएगी.

इसके अलावा रिपोर्ट में युवा केंद्रित सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों, श्रम कानूनों और विनियमों, और संसाधनों (भूमि, वन, मत्स्य पालन आदि), वित्त, बाजार, डिजिटल प्रौद्योगिकियों, ज्ञान और सूचना तक युवाओं की पहुंच में सुधार जैसी सिफारिशों को आगे रखा गया है. साथ ही युवा नेतृत्व वाली स्टार्ट-अप पहलों का समर्थन करना भी अहम है और इसके लिए एक सहायक नीति वातावरण की आवश्यकता होती है.

वहीं कृषि-खाद्य प्रणालियों में युवाओं के जुड़ाव और रोजगार को बचाने और मजबूत करने के लिए नीतियों और पहलों को भी अधिकारों, कार्रवाई और मान्यता में शामिल करने की जरूरत है. वहीं कृषि-खाद्य प्रणालियों में युवाओं के जुड़ाव और रोजगार को बचाने और मजबूत करने के लिए नीतियों और पहलों को भी अधिकारों, कार्रवाई और मान्यता में शामिल करने की जरूरत है.

हैदराबाद : संयुक्त राष्ट्र की नई रिपोर्ट में भविष्य को सुरक्षित करने के लिए युवाओं के लिए कृषि-खाद्य प्रणालियों को और अधिक आकर्षक बनाने का आह्वान किया गया है. युवाओं और कृषि पर संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट वैश्विक खाद्य सुरक्षा और पोषण के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कृषि-खाद्य प्रणालियों को युवाओं के लिए अधिक आकर्षक बनाने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती है.

रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष और सिफारिशें

युवाओं के लिए बेरोजगारी की दर दुनिया के सभी क्षेत्रों में वयस्कों की तुलना में तीन गुना अधिक है. इसके अलावा बेरोजगार युवाओं का एक बड़ा हिस्से के रूप में युवा महिलाएं भी हैं. यदि कृषि-खाद्य प्रणाली को युवाओं के लिए अधिक आकर्षक और न्यायसंगत बनाया जाए तो इससे रोजगार के ज्यादा अवसर मिल सकेंगे. हालांकि कृषि खाद्य प्रणाली पहले से ही युवाओं को रोजगार मुहैया कराती रही है. फिर भी वे अक्सर सार्थक काम की पर्याप्त आजीविका के अवसर प्रदान नहीं करते हैं और न ही विभिन्न पीढ़ियों की जरुरतों और अधिकारों के बीच संतुलन बनाए रखते हैं.

रिपोर्ट में इस बात पर भी ध्यान दिया गया है कि दुनिया के 1.2 बिलियन युवाओं में से विशेष रूप से लगभग 88 फीसद युवा अफ्रीका में रहते हैं, जिसमें से 70 फीसद से अधिक युवा प्रतिदिन दो डालर या उससे कम पर निर्वाह करते हैं. रिपोर्ट में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि टिकाऊ कृषि-खाद्य प्रणालियों में युवाओं की भागीदारी और रोजगार एक साथ साकार होने वाला लक्ष्य है और कृषि-खाद्य प्रणालियों के आमूल परिवर्तन, सतत विकास लक्ष्यों की उपलब्धि और आर्थिक कल्याण का साधन है.

खाद्य प्रणालियों में युवाओं के जुड़ाव को सार्थक बनाने के लिए कदम उठाने होंगे : तिएनसिन

रिपोर्ट में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि टिकाऊ कृषि-खाद्य प्रणालियों में युवाओं की भागीदारी के साथ रोजगार एक साथ साकार होने वाला लक्ष्य है और कृषि-खाद्य प्रणालियों के आमूल परिवर्तन, सतत विकास लक्ष्यों की उपलब्धि और आर्थिक कल्याण का साधन है. वहीं रिपोर्ट का स्वागत करते हुए सीएफएस (Committee on World Food Security) के अध्यक्ष तिएनसिन ने सीएफएस की उन प्रणालियों, नीतियों और कार्यक्रमों के विकास के आह्वान को रेखांकित किया जो कृषि और कृषि व्यवसायों में अधिक युवाओं को शामिल करते हैं.

उन्होंने कहा कि यह कहना पर्याप्त नहीं है कि युवा मानव जाति का भविष्य हैं. हालांकि हमें खाद्य प्रणालियों में उनके जुड़ाव को सार्थक बनाने के लिए कदम उठाने होंगे. यह रिपोर्ट हमें इसके लिए एक रोडमैप देती है.

कृषि और खाद्य में युवा रोजगार बढ़ाने के लिए आवश्यक नीति बनाई जाएगी : कोल

वहीं सीएफएस एचएलपीई संचालन समिति के अध्यक्ष कोल ने कहा कि रिपोर्ट एक वैज्ञानिक आधार प्रदान करती है जिसके परिणामस्वरूप कृषि और खाद्य में युवा रोजगार बढ़ाने के लिए आवश्यक नीतियों, कार्यक्रमों और निवेशों पर एक नीति उत्पाद की पेशकश की जाएगी.

इसके अलावा रिपोर्ट में युवा केंद्रित सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों, श्रम कानूनों और विनियमों, और संसाधनों (भूमि, वन, मत्स्य पालन आदि), वित्त, बाजार, डिजिटल प्रौद्योगिकियों, ज्ञान और सूचना तक युवाओं की पहुंच में सुधार जैसी सिफारिशों को आगे रखा गया है. साथ ही युवा नेतृत्व वाली स्टार्ट-अप पहलों का समर्थन करना भी अहम है और इसके लिए एक सहायक नीति वातावरण की आवश्यकता होती है.

वहीं कृषि-खाद्य प्रणालियों में युवाओं के जुड़ाव और रोजगार को बचाने और मजबूत करने के लिए नीतियों और पहलों को भी अधिकारों, कार्रवाई और मान्यता में शामिल करने की जरूरत है. वहीं कृषि-खाद्य प्रणालियों में युवाओं के जुड़ाव और रोजगार को बचाने और मजबूत करने के लिए नीतियों और पहलों को भी अधिकारों, कार्रवाई और मान्यता में शामिल करने की जरूरत है.

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