प्रयागराज: 24 फरवरी को मारे गए उमेश पाल की हत्या तीन दिन पहले 21 फरवरी को ही की जानी थी. लेकिन, उस दिन ऐन मौके पर पुलिस की जीप वहां पहुंच गई थी. बगल से गुजरती हुई पुलिस की जीप को देखकर शूटर डर गए थे. वे घटना को अंजाम दिए बिना ही आगे निकल गए. इसके बाद हत्याकांड का प्लान उस दिन कैंसल कर दिया गया था. तीन दिन बाद 24 फरवरी को फिर उसी तरह से शूटरों ने उमेश पाल का पीछा किया. लेकिन, उस दिन उमेश पाल की किस्मत उतनी अच्छी नहीं थी और घात लगाकर पीछा कर रहे शूटरों ने उसे मौत के घाट उतार दिया था. साथ ही दो पुलिस वाले भी गोलीबारी का शिकार हुए और उनकी भी मौत हो गई थी.
उमेश पाल की हत्या से 3 दिन पहले का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. इसमें दिख रहा है कि 21 फरवरी की शाम को 5 बजकर 27 मिनट पर उमेश पाल की गाड़ी उसके घर के बाहर आकर रुकती है. उमेश पाल जब गाड़ी का दरवाजा खोलकर नीचे उतर रहा था, ठीक उसी समय शूटरों की गाड़ी भी उमेश पाल के पीछे लगी हुई थी. लेकिन, जिस समय उमेश पाल गाड़ी से नीचे उतर रहा था, उस वक्त जब उसके ऊपर हमला किया जाना था, ठीक उसी समय शूटरों की कार के पीछे पुलिस की जीप पहुंच गई थी.
पुलिस की इस जीप को अपने पास पहुंचते देखकर शूटर डर गए थे. उन्होंने उस वक्त उमेश पाल के ऊपर हमला करने का प्लान कैंसिल कर दिया. इसके बाद 24 फरवरी को फिर उसी तरह से इन शूटरों ने उमेश पाल का पीछा किया. उसके घर के बाहर ठीक उसी जगह पर उसको मौत के घाट उतार दिया, जहां पर उन्होंने प्लान किया था. 21 फरवरी के इस सीसीटीवी फुटेज से यह साफ साबित हो रहा है कि शूटरों ने जिस तरह से जहां पर मारने का प्लान बनाया था, ठीक उसी जगह पर उन्होंने घटना को अंजाम दिया.
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