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जानिए कहां ऑनलाइन पढ़ाई व वर्क फ्रॉम होम के लिए छाता लेकर जाना पड़ता है पहाड़ पर - कर्नाटक

कर्नाटक (Karnataka) के शिमोगा जिले (Shimoga district) के गांवों में इंटरनेट का नेटवर्क नहीं मिलने से ऑनलाइन पढ़ाई व वर्क फ्रॉम होम करने के लिए लोगों को बारिश के बीच में पहाड़ पर छाता लेकर जाकर काम करना पड़ रहा है.

छाता लेकर जाना पड़ता है पहाड़ पर
छाता लेकर जाना पड़ता है पहाड़ पर
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Published : Jun 25, 2021, 6:12 PM IST

Updated : Jun 25, 2021, 7:05 PM IST

शिमोगा : कर्नाटक (Karnataka) के शिमोगा जिले (Shimoga district) के गांवों में इंटरनेट का नेटवर्क नहीं मिलने से यहां रहने वाले लोगों को ऑनलाइन पढ़ाई व वर्क फ्रॉम होम करने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है. इतना ही नहीं इसके लिए उन्हें पहाड़ पर जाकर बारिश के दौरान छाता लेकर काम करना पड़ता है.

देखें वीडियो

हुआ यूं कि कोरोना लॉकडाउन के चलते जिले के कई कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करने के लिए अपने गांव वापस आ गए. लेकिन गांव में सही नेटवर्क नहीं होने से उनका प्रभावित होने लगा. इस पर इन लोगों ने गांव के पास पहाड़ को काम करने के चुना, क्यों कि वहां पर नेटवर्क ठीक ढंग से काम करता है.

यही वजह है कि जिस छात्र को ऑनलाइन कक्षा में भाग लेना होता है या जिस कर्मचारी को वर्क फ्रॉम होम में लैपटाप आदि से काम करना होता है, वो सभी पहाड़ पर चढ़कर अपने-अपने कार्य करते हैं.

पढ़ें -योग से मशहूर हुईं ओडिशा की नन्ही प्रिया, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ नाम

इन दिनों यहां पर बारिश होने से छात्रों के अलावा आईटी कर्मचारियों को पहाड़ में भी नेटवर्क की समस्या के बीच छाते लगाकर बारिश के दौरान काम करना पड़ रहा है. हालांकि नेटवर्क के लिए इन लोगों के द्वारा हजारों रुपये खर्च किए गए हैं लेकिन उसका कोई फायदा नहीं मिला.

विशेष रूप से होसानगर और सागर तालुक में लोगों को नेटवर्क की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए वे पहाड़ियों पर कुर्सी ले जाकर एक हाथ में छाता और दूसरे हाथ में लैपटॉप रखकर काम कर रहे हैं.

शिमोगा : कर्नाटक (Karnataka) के शिमोगा जिले (Shimoga district) के गांवों में इंटरनेट का नेटवर्क नहीं मिलने से यहां रहने वाले लोगों को ऑनलाइन पढ़ाई व वर्क फ्रॉम होम करने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है. इतना ही नहीं इसके लिए उन्हें पहाड़ पर जाकर बारिश के दौरान छाता लेकर काम करना पड़ता है.

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हुआ यूं कि कोरोना लॉकडाउन के चलते जिले के कई कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करने के लिए अपने गांव वापस आ गए. लेकिन गांव में सही नेटवर्क नहीं होने से उनका प्रभावित होने लगा. इस पर इन लोगों ने गांव के पास पहाड़ को काम करने के चुना, क्यों कि वहां पर नेटवर्क ठीक ढंग से काम करता है.

यही वजह है कि जिस छात्र को ऑनलाइन कक्षा में भाग लेना होता है या जिस कर्मचारी को वर्क फ्रॉम होम में लैपटाप आदि से काम करना होता है, वो सभी पहाड़ पर चढ़कर अपने-अपने कार्य करते हैं.

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इन दिनों यहां पर बारिश होने से छात्रों के अलावा आईटी कर्मचारियों को पहाड़ में भी नेटवर्क की समस्या के बीच छाते लगाकर बारिश के दौरान काम करना पड़ रहा है. हालांकि नेटवर्क के लिए इन लोगों के द्वारा हजारों रुपये खर्च किए गए हैं लेकिन उसका कोई फायदा नहीं मिला.

विशेष रूप से होसानगर और सागर तालुक में लोगों को नेटवर्क की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए वे पहाड़ियों पर कुर्सी ले जाकर एक हाथ में छाता और दूसरे हाथ में लैपटॉप रखकर काम कर रहे हैं.

Last Updated : Jun 25, 2021, 7:05 PM IST
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