गुवाहाटी : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने मंगलवार को दावा किया कि अगवा किए गए ओएनजीसी के कर्मी रितुल सैकिया को प्रतिबंधित उल्फा (आई) ने म्यांमार में कहीं रखा है.
सरमा दिन में सांसदों- तपन कुमार गोगोई, कामाख्या प्रसाद और पल्लव लोचन दास तथा स्थानीय विधायक भास्कर ज्योति बरूआ के साथ जोरहाट के तिताबार में सैकिया के घर गए और उन्होंने सैकिया की पत्नी एवं माता-पिता को आश्वासन दिया कि सरकार उनकी सुरक्षित रिहाई की हर संभव प्रयास कर रही है.
मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि हमने सैकिया के माता-पिता को आश्वासन दिया कि सरकार उन्हें वापस लाने का हर संभव प्रयास करेगी. असम सरकार को जो सूचना मिली है, उसके हिसाब से रितुल सैकिया भारत-म्यांमार सीमा के पास म्यांमार में कहीं हैं.
सरमा ने बताया कि सरकार को जानकारी मिली है कि रितुल सैकिया सुरक्षित हैं.
यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (इंडिपेंडेंट) के संदिग्ध उग्रवादियों ने 21 अप्रैल को नगालैंड सीमा से सटे शिवसागर जिले के लकवा आयलफील्ड से ऑयल एवं नेचुरल गैस कोरपोरेशन लिमिटेड के कर्मियों- रितुल सैकिया, मोहिनी मोहन गोगोई और अलाकेश सैकिया का अपहरण कर लिया था.
नगालैंड के मोन जिले में 24 अप्रैल को भारत म्यांमार सीमा के पास अपहर्ताओं के साथ मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने मोहिनी मोहन गोगोई और अलाकेश को मुक्त कर लिया था.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि रितुल सैकिया की रिहाई के लिए कई लोगों ने मध्यस्थता के लिए सरकार से संपर्क किया है. कुछ ने जानकारी दी है. हम उन्हें सकुशल वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं.