गुवाहाटी: यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असोम (स्वतंत्र) ने दावा किया है कि भारतीय सेना ने उसके म्यांमार स्थित शिविर पर योजनाबद्ध तरीके से हमला किया है. म्यांमार में स्थित परेश बरुआ के नेतृत्व वाले गैरकानूनी गुट ने सोमवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की, जिसमें उसने दावा किया कि पड़ोसी देश में स्थित उसके एक मोबाइल कैंप पर भारतीय सेना ने ड्रोन हमला किया है. समूह के प्रचार विंग के प्रभारी कैप्टन रुमेल असम द्वारा अधोहस्ताक्षरित विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारतीय क्षेत्र की ओर से हवाई मार्ग से किए गए हमले में दो उल्फा (आई) कैडर घायल हो गए हैं.
उल्फा (आई) द्वारा किए गए दावों के अनुसार, रविवार, 7 जनवरी को, भारतीय सेना ने भारतीय पक्ष से एक ड्रोन के साथ उल्फा शिविर पर तीन बम दागे. इसमें दावा किया गया कि पहला हमला ड्रोन से शाम 4.10 बजे किया गया, दूसरा हमला सुबह 4.12 बजे और तीसरा हमला सुबह 4:20 बजे किया गया. रुमेल असम ने अपने बयान में कहा कि तीसरा बम नहीं फटा. पहले दो बम विस्फोटों में संगठन के दो सदस्य घायल हो गए.
वहीं, उल्फा (आई) के इस बयान के विपरीत, न तो भारत सरकार और न ही म्यांमार प्रशासन ने इस खबर की सत्यता का खुलासा किया है. यहां तक कि परेश बरुआ ने भी इस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की है. गौरतलब है कि भारत सरकार ने कुछ दिन पहले उल्फा के वार्ता समर्थक समूह के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये थे. इसके तुरंत बाद, परेश बरुआ, जो अभी भी विदेश से उल्फा (आई) का नेतृत्व कर रहे हैं, ने चतुराई से संप्रभु शब्द से परहेज किया और मीडिया में राजनीतिक इतिहास के आधार पर संभावित चर्चा का संकेत दिया. इस बीच उल्फा (आई) का यह दावा कि भारतीय सेना ने म्यांमार कैंप में ड्रोन के जरिए हमला किया था, काफी मायने रखता है.