नई दिल्ली : प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया में बन रही नयी व्यवस्थाओं को देखते हुए भारत का आत्मनिर्भर होना बहुत आवश्यक है. उन्होंने संचार के क्षेत्र में विदेशों पर निर्भरता को भी कम से कम करने का आह्वान किया. प्रौद्योगिकी-सक्षम विकास पर बजट-पश्चात एक वेबिनार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के आम बजट में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए जो प्रावधान किए गए हैं, वह बहुत महत्वपूर्ण हैं और इनका तेजी से क्रियान्वयन बहुत जरूरी है.
बुधवार को पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी सिर्फ एक अलग क्षेत्र नहीं है क्योंकि यह डिजिटल अर्थव्यवस्था से जुड़ा और आधुनिक प्रौद्योगिकी पर आधारित है. उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी नागरिकों को सशक्त करने और देश को आत्मनिर्भर बनाने का प्रमुख आधार है. बता दें कि संसद के बजट सत्र में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022 पेश करते हुए कहा था, रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा दिया जाएगा. कुल खरीदी बजट में से 68% को घरेलू बाजार से खरीदी पर खर्च किया जाएगा. इससे रक्षा उपकरणों के आयात पर निर्भता कम होगी. पिछले वित्त वर्ष से यह 58 फीसदी ज्यादा है.
अमेरिका का जिक्र, आत्मनिर्भर भारत पर जोर
उन्होंने कहा कि आज ही अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने एक भाषण में अमेरिका को आत्मनिर्भर बनाने की बात कही और उन्होंने भी 'मेड इन अमेरिका' पर बहुत जोर दिया. प्रधानमंत्री ने कहा, 'इसलिए हम जानते हैं कि दुनिया में जो नई व्यवस्थाएं बन रही है, उसमें हमारे लिए भी बहुत आवश्यक है कि हम आत्मनिर्भर बनें. इस बजट में उन चीजों पर बल दिया गया है.'
यह भी पढ़ें-
- budget infrastructure : बुनियादी ढांचा का विकास करने के लिए की गई नई घोषणाएं
- BUDGET 2022 : RBI लॉन्च करेगा Digital Currency, वित्त मंत्री ने किया ऐलान
नई टेक्नोलॉजी के लिए विदेश पर निर्भरता घटाने के प्रयास
प्रधानमंत्री ने संचार के क्षेत्र में विदेशों पर निर्भरता को भी कम करने का आह्वान किया और कहा कि देश का अपना मजबूत डेटा सुरक्षा ढांचा बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि संचार के क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकी लाने के लिए देश को अपने प्रयासों को और अधिक गति देने की जरूरत है. उन्होंने कहा, विदेश पर निर्भरता कम से कम हो और संचार के संबंध में सुरक्षा के नए-नए दृष्टिकोण उसमें जुड़ते चले जाएं. हमें बड़ी जागरूकता के साथ इस ओर अपने प्रयास बढ़ाने ही होंगे.
(पीटीआई-भाषा)