नई दिल्ली : यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई (Russia Attacks Ukraine) के पांचवें दिन कई भारतीय लोग नई दिल्ली स्थित यूक्रेन के दूतावास के बाहर जमा हुए. यूक्रेन में पैदा हुए मानवीय संकट के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए लोगों ने वहां कैंडल जलाए. भारत में यूक्रेन के राजदूत भी इस मौके पर मौजूद रहे. ईटीवी भारत ने दूतावास पहुंचने वाले लोगों से उनकी प्रतिक्रिया जानी.
पढ़ाई के लिए भारत से यूक्रेन गए अपने भाई के बारे में अंकिता त्रिपाठी ने ईटीवी भारत से कहा, पिछले दो से तीन महीनों से उनका भाई यूक्रेन में है. उनके भाई को कीव के एक स्कूल में रखा गया, लेकिन वह स्कूल से निकलने के बाद बिना सवारी के पोलैंड बॉर्डर की ओर बढ़ा है. अंकिता ने बताया कि उनका भाई व अन्य भारतीय छात्र लौटना चाहते हैं, लेकिन उनकी मदद कोई नहीं कर रहा. उन्होंने कहा कि एक सप्ताह बीतने के बाद भी छात्रों की मदद की कोई व्यवस्था नहीं मिली है.
अंकिता ने कहा कि उन्होंने ट्वीट किए, फोन किए, उनका भाई भी लगातार सोशल मीडिया और अन्य चैनल के माध्यम से मदद मांगने की कोशिश कर रहा है, लेकिन दूतावास या अन्य आधिकारिक माध्यमों से कोई सूचना नहीं मिल रही है कि अगला स्टेप क्या होगा.
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इसके अलावा यूरोपीय संघ (ईयू) की महिला अधिकारी- आरके रोंडे (Ritva Koukku Ronde) ने ईटीवी भारत से कहा, ईयू की तरफ से यूक्रेन की मानवीय मदद के अलावा उनकी ओर से सैन्य मदद भी दी जा रही है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन के साथ उनकी पूरी सहानुभूति है.
वैश्विक रूस के यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई का क्या असर होगा ? इस सवाल पर फिनलैंड की राजनयिक आरके रोंडे (finland diplomat Ritva Koukku Ronde) ने कहा कि आने वाला समय इसका जवाब देगा कि रूस पर इसका क्या असर होगा. उन्होंने कहा कि रूस की आक्रामता का जवाब मिलेगा. उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले की कड़ी निंदा करता है. उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ यूक्रेन की संप्रभुता का सम्मान करता है.