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Ukraine Crisis: भारत ने UNSC में तनाव को तत्काल कम करने का किया आह्वान

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में यूक्रेन के मुद्दे (Ukraine crisis) को उठाने के लिए प्रक्रियात्मक मतदान से परहेज करते हुए, भारत ने सोमवार को सभी देशों के वैध सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए तनाव को तत्काल कम करने का आह्वान किया. संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत यूक्रेन से संबंधित घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर बनाए हुए है. भारत एक ऐसा समाधान खोजने में विश्वास करता है, जो सभी देशों के वैध सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए तनाव को तत्काल कम करने में मदद कर सके.

Ukraine Crisis
यूक्रेन संकट
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Published : Jan 31, 2022, 11:41 PM IST

Updated : Feb 1, 2022, 7:02 AM IST

नई दिल्ली : भारत ने सोमवार को यूक्रेन सीमा (Ukraine crisis) पर हालात के संबंध में चर्चा के लिए होने वाली बैठक से पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में प्रक्रियात्मक मतदान में भाग नहीं लिया. भारत ने रेखांकित किया कि शांत और रचनात्मक कूटनीति समय की आवश्यकता है और अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के बड़े हित में सभी पक्षों द्वारा तनाव बढ़ाने वाले किसी भी कदम से बचना चाहिए.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति

यूक्रेन की सीमाओं के पास हजारों रूसी सैनिकों के जमावड़े के बीच यूक्रेन संकट पर चर्चा करने के लिए 15 सदस्यीय परिषद ने एक बैठक की. मास्को की कार्रवाई ने आक्रमण की आशंकाओं को बढ़ा दिया है. हालांकि, रूस ने इस बात से इनकार किया कि वह हमले की योजना बना रहा है. बैठक से पहले परिषद के स्थायी और वीटो- अधिकार प्राप्त सदस्य रूस ने यह निर्धारित करने के लिए एक प्रक्रियात्मक वोट का आह्वान किया कि क्या खुली बैठक आगे बढ़नी चाहिए. अमेरिका के अनुरोध पर हुई बैठक को आगे बढ़ाने के लिए परिषद को नौ मतों की आवश्यकता थी. रूस और चीन ने बैठक के खिलाफ मतदान किया, जबकि भारत, गैबॉन और केन्या ने भाग नहीं लिया. फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन सहित परिषद के अन्य सभी सदस्यों ने बैठक के चलने के पक्ष में मतदान किया.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने परिषद में कहा कि नई दिल्ली रूस और अमेरिका के बीच चल रही उच्च-स्तरीय सुरक्षा वार्ता के साथ-साथ पेरिस में नॉरमैंडी प्रारूप के तहत यूक्रेन से संबंधित घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रही है. तिरुमूर्ति ने कहा, भारत का हित एक ऐसा समाधान खोजने में है जो सभी देशों के वैध सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए तनाव को तत्काल कम कर सके और इसका उद्देश्य क्षेत्र तथा उसके बाहर दीर्घकालिक शांति और स्थिरता हासिल करना हो.

उन्होंने रेखांकित किया, 'शांत और रचनात्मक कूटनीति समय की मांग है. अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा हासिल करने के व्यापक हित में सभी पक्षों द्वारा तनाव बढ़ाने वाले किसी भी कदम से बचा जाना चाहिए.

यह भी पढ़ें- यूक्रेन में प्रवेश करने पर रूस को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे : बाइडेन

नई दिल्ली : भारत ने सोमवार को यूक्रेन सीमा (Ukraine crisis) पर हालात के संबंध में चर्चा के लिए होने वाली बैठक से पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में प्रक्रियात्मक मतदान में भाग नहीं लिया. भारत ने रेखांकित किया कि शांत और रचनात्मक कूटनीति समय की आवश्यकता है और अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के बड़े हित में सभी पक्षों द्वारा तनाव बढ़ाने वाले किसी भी कदम से बचना चाहिए.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति

यूक्रेन की सीमाओं के पास हजारों रूसी सैनिकों के जमावड़े के बीच यूक्रेन संकट पर चर्चा करने के लिए 15 सदस्यीय परिषद ने एक बैठक की. मास्को की कार्रवाई ने आक्रमण की आशंकाओं को बढ़ा दिया है. हालांकि, रूस ने इस बात से इनकार किया कि वह हमले की योजना बना रहा है. बैठक से पहले परिषद के स्थायी और वीटो- अधिकार प्राप्त सदस्य रूस ने यह निर्धारित करने के लिए एक प्रक्रियात्मक वोट का आह्वान किया कि क्या खुली बैठक आगे बढ़नी चाहिए. अमेरिका के अनुरोध पर हुई बैठक को आगे बढ़ाने के लिए परिषद को नौ मतों की आवश्यकता थी. रूस और चीन ने बैठक के खिलाफ मतदान किया, जबकि भारत, गैबॉन और केन्या ने भाग नहीं लिया. फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन सहित परिषद के अन्य सभी सदस्यों ने बैठक के चलने के पक्ष में मतदान किया.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने परिषद में कहा कि नई दिल्ली रूस और अमेरिका के बीच चल रही उच्च-स्तरीय सुरक्षा वार्ता के साथ-साथ पेरिस में नॉरमैंडी प्रारूप के तहत यूक्रेन से संबंधित घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रही है. तिरुमूर्ति ने कहा, भारत का हित एक ऐसा समाधान खोजने में है जो सभी देशों के वैध सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए तनाव को तत्काल कम कर सके और इसका उद्देश्य क्षेत्र तथा उसके बाहर दीर्घकालिक शांति और स्थिरता हासिल करना हो.

उन्होंने रेखांकित किया, 'शांत और रचनात्मक कूटनीति समय की मांग है. अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा हासिल करने के व्यापक हित में सभी पक्षों द्वारा तनाव बढ़ाने वाले किसी भी कदम से बचा जाना चाहिए.

यह भी पढ़ें- यूक्रेन में प्रवेश करने पर रूस को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे : बाइडेन

Last Updated : Feb 1, 2022, 7:02 AM IST
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