उज्जैन। सावन के दूसरे सोमवार को महाकालेश्वर मंदिर में प्रातः काल 4:00 बजे होने वाली भस्म आरती में सबसे पहले भगवान महाकाल को जल अर्पित कर उन्हें स्नान कराया गया. इसके बाद पंडे, पुजारियों द्वारा दूध ,दही ,घी ,शहद, पंचामृत से भगवान का अभिषेक किया गया. इसके पश्चात भगवान महाकाल का पंडे, पुजारियों द्वारा अद्भुत श्रृंगार किया गया. भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित करके आरती की गई जिसमें बाबा महाकाल को फल और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया गया.
बाबा महाकाल का राजा के रूप में हुआ श्रृंगार: भगवान महाकाल का पंडे, पुजारियों द्वारा भांग, चंदन और उबटन से राजा के रूप में श्रृंगार किया गया. भगवान ने मस्तक पर रजत जड़ा त्रिमुण्ड व बालाजी का टीका धारण किया. भगवान महाकाल के श्रृंगार में काजू, बादाम, रुद्राक्ष, भांग, अबीर, कुमकुम सहित तमाम चीजों से बाबा को सजाकर राजा के रूप में तैयार किया गया. इसके अलावा भगवान को चांदी का छत्र,रुद्राक्ष की माला, फूलों की माला और कलरफुल वस्त्र पहनाये गये, फिर तमाम प्रकार के फल और मिठाइयों से भोग लगाया गया. (Baba Mahakal makeup on 25 July 2022 ) (Ujjain Mahakaleshwar temple)
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शाम को बाबा महाकाल चंद्रमौलेश्वर और हाथी पर मनमहेश रूप में दिखाई:आज सावन के दूसरे सोमवार पर भगवान महाकाल पालकी में चंद्रमौलेश्वर और हाथी पर मनमहेश रूप में दिखाई देंगे. शाम को 3 से 4 बजे के बीच मंदिर में शासकीय पूजन के बाद बाबा 4 बजे पालकी में सवार होकर महाकाल मंदिर के बाहर आएंगे और यहां पर सबसे पहले पुलिस बल की टुकड़ी बाबा महाकाल को गॉड ऑफ ऑनर देगी, जिसके बाद पुलिस बैंड बाबा को सलामी देते हुए आगे चलेंगे. वहीं, पालकी के आगे पुलिस घुड़सवार, पुलिस बैंड और पुलिस शस्त्र बल भी आगे-आगे चलेंगे. बाबा महाकाल की पालकी के साथ-साथ भजन मंडलियां भी चलेंगी. बाबा महाकाल अपने पुराने मार्ग से होते हुए शिप्रा नदी पहुंचेंगे, यहां बाबा महाकाल की पालकी का मां शिप्रा के जल से पूजन अभिषेक किया जाएगा इसके बाद परंपरा अनुसार इस मार्ग से ही नगर में भ्रमण करते हुए देर रात तक पुनः महाकाल मंदिर पहुंचेंगे.