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'गौ विज्ञान' पर छात्रों को स्वेच्छा से परीक्षा देने को प्रोत्साहित करें विवि : यूजीसी

विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को कामधेनु गौ विज्ञान प्रचार-प्रसार परीक्षा में छात्रों को शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए गए हैं. यह निर्देश विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने दिए हैं.

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Published : Feb 17, 2021, 9:35 PM IST

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नई दिल्ली : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देशभर के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से कहा है कि वे गौ विज्ञान पर होने जा रही राष्ट्रीय स्तर की ऑनलाइन परीक्षा में छात्रों को स्वेच्छा से शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करें.

इस परीक्षा का आयोजन सरकार द्वारा गौवंश के संरक्षण, सुरक्षा और विकास के लिए फरवरी 2019 में बनाए गए राष्ट्रीय कामधेनु आयोग द्वारा किया जा रहा है.

'कामधेनु गौ विज्ञान प्रचार-प्रसार परीक्षा' 25 फरवरी को होगी जिसके लिए कोई पंजीकरण शुल्क नहीं लिया जाएगा. इस परीक्षा में प्राथमिक विद्यालयों से लेकर माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों तथा कॉलेजों के छात्र भाग ले सकते हैं. इसके अलावा आम जनता से भी कोई व्यक्ति इस परीक्षा में शामिल हो सकता है.

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने पांच जनवरी को एक अधिसूचना में कहा था कि इस परीक्षा का उद्देश्य सभी भारतीयों के मन में गायों के बारे में जिज्ञासा पैदा करना और उन्हें गायों की उन क्षमताओं के बारे में बताना है कि गाय अगर दूध देना बंद भी कर दे, तो भी वह व्यवसाय के कितने अवसर दे सकती है.

पढ़ें :- गौ विज्ञान पर ऑनलाइन होगा राष्ट्रीय परीक्षा का आयोजन : कामधेनु आयोग

यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने कुलपतियों को लिखे पत्र में कहा है कि वे अखिल भारतीय ऑनलाइन 'कामधेनु गौ-विज्ञान प्रसार-प्रसार परीक्षा' में स्वेच्छा से शामिल होने के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करें.

यह परीक्षा संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, पंजाबी, मराठी, कन्नड़, मलयालम, तमिल, मराठी, तेलुगू और उडिया भाषा में होगी जिसमें वैकल्पिक प्रश्न पूछे जाएंगे.

नई दिल्ली : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देशभर के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से कहा है कि वे गौ विज्ञान पर होने जा रही राष्ट्रीय स्तर की ऑनलाइन परीक्षा में छात्रों को स्वेच्छा से शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करें.

इस परीक्षा का आयोजन सरकार द्वारा गौवंश के संरक्षण, सुरक्षा और विकास के लिए फरवरी 2019 में बनाए गए राष्ट्रीय कामधेनु आयोग द्वारा किया जा रहा है.

'कामधेनु गौ विज्ञान प्रचार-प्रसार परीक्षा' 25 फरवरी को होगी जिसके लिए कोई पंजीकरण शुल्क नहीं लिया जाएगा. इस परीक्षा में प्राथमिक विद्यालयों से लेकर माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों तथा कॉलेजों के छात्र भाग ले सकते हैं. इसके अलावा आम जनता से भी कोई व्यक्ति इस परीक्षा में शामिल हो सकता है.

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने पांच जनवरी को एक अधिसूचना में कहा था कि इस परीक्षा का उद्देश्य सभी भारतीयों के मन में गायों के बारे में जिज्ञासा पैदा करना और उन्हें गायों की उन क्षमताओं के बारे में बताना है कि गाय अगर दूध देना बंद भी कर दे, तो भी वह व्यवसाय के कितने अवसर दे सकती है.

पढ़ें :- गौ विज्ञान पर ऑनलाइन होगा राष्ट्रीय परीक्षा का आयोजन : कामधेनु आयोग

यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने कुलपतियों को लिखे पत्र में कहा है कि वे अखिल भारतीय ऑनलाइन 'कामधेनु गौ-विज्ञान प्रसार-प्रसार परीक्षा' में स्वेच्छा से शामिल होने के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करें.

यह परीक्षा संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, पंजाबी, मराठी, कन्नड़, मलयालम, तमिल, मराठी, तेलुगू और उडिया भाषा में होगी जिसमें वैकल्पिक प्रश्न पूछे जाएंगे.

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