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पेड़ों की कटाई के मुद्दे पर UDF ने केरल विधानसभा में प्रश्नकाल का किया बहिष्कार

केरल में कांग्रेस नीत विपक्षी यूडीएफ गठबंधन ने विधानसभा में प्रश्नकाल का बहिष्कार किया क्योंकि वाम सरकार ने वायनाड जिले के मुत्तिल में कथित तौर पर लकड़ी माफिया द्वारा सदियों पुराने शीशम के पेड़ों की बड़े पैमाने पर कटाई और तस्करी किए जाने की न्यायिक जांच की उनकी मांग को खारिज कर दिया.

केरल विधानसभा
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Published : Jul 23, 2021, 7:01 PM IST

तिरुवनंतपुरम : केरल में कांग्रेस नीत विपक्षी यूडीएफ गठबंधन ने विधानसभा में प्रश्नकाल का बहिष्कार किया क्योंकि वाम सरकार ने वायनाड जिले के मुत्तिल में कथित तौर पर लकड़ी माफिया द्वारा सदियों पुराने शीशम के पेड़ों की बड़े पैमाने पर कटाई और तस्करी किए जाने की न्यायिक जांच की उनकी मांग को खारिज कर दिया.

यह लगातार दूसरा ऐसा सत्र है जब विपक्ष ने सरकारी पट्टे वाली भूमि पर पेड़ की अवैध कटाई का मुद्दा सदन में उठाते हुए सत्तारूढ़ गठबंधन पर हमला किया है.

विपक्ष ने जिले में कथित तौर पर पेड़ों की व्यापक कटाई को राज्य के इतिहास में वन संसाधनों की 'सबसे बड़ी' लूट करार दिया है. विपक्ष का कहना है कि सिर्फ न्यायिक जांच के बाद ही लूट की व्यापक तस्वीर स्पष्ट होगी और इसके पीछे की साजिश का पता चलेगा.

इसे भी पढ़े-महामारी के बीच टोक्यो ओलंपिक 2020 की रंगारंग शुरुआत

विपक्ष के नेताओं का कहना है कि वे आरोपियों की सूची में उन पूर्व मंत्रियों और अधिकारियों को शामिल देखना चाहते हैं, जिन्होंने कथित तौर पर ऐसे आदेश जारी किए जिनसे इस भूमि पर माफिया को पेड़ काटने में मदद मिली. विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए वन मंत्री ए.के. शशिंद्रन ने कहा कि इस संबंध में विशेष जांच दल द्वारा जांच की जा रही है और न्यायिक जांच पर सरकार विचार नहीं कर रही है.

उन्होंने कहा, 'चल रही जांच संतोषजनक है. इसमें शामिल सभी दोषियों को सजा मिलेगी.' मंत्री ने बताया कि अकेले मुत्तिल में ही पेड़ की अवैध कटाई से अनुमानित 14 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

केंद्र सरकार ने भी हाल में राज्य सरकार से इस मामले में रिपोर्ट मांगी थी.

(पीटीआई-भाषा)

तिरुवनंतपुरम : केरल में कांग्रेस नीत विपक्षी यूडीएफ गठबंधन ने विधानसभा में प्रश्नकाल का बहिष्कार किया क्योंकि वाम सरकार ने वायनाड जिले के मुत्तिल में कथित तौर पर लकड़ी माफिया द्वारा सदियों पुराने शीशम के पेड़ों की बड़े पैमाने पर कटाई और तस्करी किए जाने की न्यायिक जांच की उनकी मांग को खारिज कर दिया.

यह लगातार दूसरा ऐसा सत्र है जब विपक्ष ने सरकारी पट्टे वाली भूमि पर पेड़ की अवैध कटाई का मुद्दा सदन में उठाते हुए सत्तारूढ़ गठबंधन पर हमला किया है.

विपक्ष ने जिले में कथित तौर पर पेड़ों की व्यापक कटाई को राज्य के इतिहास में वन संसाधनों की 'सबसे बड़ी' लूट करार दिया है. विपक्ष का कहना है कि सिर्फ न्यायिक जांच के बाद ही लूट की व्यापक तस्वीर स्पष्ट होगी और इसके पीछे की साजिश का पता चलेगा.

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विपक्ष के नेताओं का कहना है कि वे आरोपियों की सूची में उन पूर्व मंत्रियों और अधिकारियों को शामिल देखना चाहते हैं, जिन्होंने कथित तौर पर ऐसे आदेश जारी किए जिनसे इस भूमि पर माफिया को पेड़ काटने में मदद मिली. विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए वन मंत्री ए.के. शशिंद्रन ने कहा कि इस संबंध में विशेष जांच दल द्वारा जांच की जा रही है और न्यायिक जांच पर सरकार विचार नहीं कर रही है.

उन्होंने कहा, 'चल रही जांच संतोषजनक है. इसमें शामिल सभी दोषियों को सजा मिलेगी.' मंत्री ने बताया कि अकेले मुत्तिल में ही पेड़ की अवैध कटाई से अनुमानित 14 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

केंद्र सरकार ने भी हाल में राज्य सरकार से इस मामले में रिपोर्ट मांगी थी.

(पीटीआई-भाषा)

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