बहराइच : जनपद से 22 वर्षीय मंदबुद्धि युवक दो वर्ष पूर्व लापता हो गया था. बाद में पता चला कि वह कोलकाता होते हुए बांग्लादेश पहुंच गया है. एक बांग्लादेशी पत्रकार की मदद से युवक के परिजनों को पता चला कि वह बांग्लादेश में है. इसके बाद रोटरी क्लब ने आर्थिक सहयोग देकर मंदबुद्धि युवक की घर वापसी कराई.
जानकारी के मुताबिक बहराइच के कोतवाली मुर्तिहा अंतर्गत ग्राम पंचायत निधिनगर कंडा निवासी सुभाष (22) की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी. दो वर्ष पूर्व वह किसी तरह कोलकाता होते हुए बांग्लादेश की राजधानी ढाका पहुंच गया. मानसिक हालत ठीक न होने पर बांग्लादेश की पुलिस ने उसका इलाज कराया. इसके बाद मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद उसे निल्फाकारी जिले के समाज कल्याण विभाग के सुपुर्द कर दिया गया गया. वहां एक टीवी कैमरामैन की नजर जब उसपर पड़ी तो उसने युवक की पूरी जानकारी प्राप्तकर ढाका उच्चायोग को पत्र लिखा और बहराइच के पुलिस अधीक्षक से संपर्क साधा था.
बहराइच में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक की मदद से वह युवक परिजनों के संपर्क में आया. युवक की मां से व्हाट्सएप के माध्यम से बात कराई गई. फोटो जर्नलिस्ट मोहम्मद सैमुअल हुदा युवक को बहराइच तक भेजने के लिए प्रयास कर रहा था. चार अगस्त को सुभाष की मां सुनीता के मोबाइल पर एक व्हाट्सएप कॉल आई. कॉल उठाते ही स्क्रीन पर उनका दो साल पहले लापता हुआ बेटा था.
सुनीता ने बात की लेकिन वह समझ नहीं पाई कि आखिर कैसे उसका बेटा इतनी दूर पहुंच गया. वहीं, आर्थिक समस्या के चलते वह बांग्लादेश से बेटे को लाने में असमक्ष रही. इसकी जानकारी रोटरी क्लब को जब लगी तो क्लब ने आर्थिक सहयोग देकर युवक की घर वापसी कराई.
इस बारे में डीएम डॉक्टर दिनेश चंद्र ने बताया कि रोटरी क्लब के संज्ञान में यह मामला आया तो वे युवक को भारत में लाने में जुट गए. चूंकि यह संस्था अंतरराष्ट्रीय स्तर की है इसलिए संस्था की ओर से प्रयास शुरू कर दिए गए. बहराइच रोटरी क्लब अध्यक्ष अनिल सिंघल ने बताया कि संस्था की ओर से युवक को लाने में उल्लेखनीय योगदान दिया गया. युवक के परिवार की स्थिति ठीक नहीं थी. ऐसे में परिवार के लोग उसे लाने में असमर्थ दिखे. रोटरी क्लब ने 11 हजार रुपए नकदी के साथ सामान दिया. आर्थिक सहायता की बदौलत युवक को घर लाया जा सका.
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