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दो पहिया वाहनों पर बच्चों के लिए हेलमेट जरूरी, पढ़ें खबर

नियमों के मुताबिक, मोटर साइकिल पर 9 महीने से 4 साल तक के बच्चों को बैठाकर ले जाने वालों को सेफ्टी बेल्ट (हार्नेंस) लगानी होगी. पीछे बैठे बच्चों को क्रैश हेलमेट पहनना होगा जो उनके सिर पर पूरी तरह से फिट बैठता हो.

दो पहिया वाहनों पर बच्चों के लिए हेलमेट जरूरी
दो पहिया वाहनों पर बच्चों के लिए हेलमेट जरूरीदो पहिया वाहनों पर बच्चों के लिए हेलमेट जरूरी
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Published : Feb 17, 2022, 12:57 PM IST

Updated : Feb 17, 2022, 7:41 PM IST

नई दिल्ली: दो पहिया वाहनों के लिए अब नया नोटिफिकेशन (new notification for two wheelers) जारी किया है. इस नोटिफिकेशन में बच्चों के लिए हेलमेट (helmet for children on bike) और सेल्फी बेल्ट जरूरी कर दिया गया है. केंद्र की मोदी सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने यह नोटिफेकेशन जारी किया है. जानकारी के मुताबिक

इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. नोटिफिकेशन के मुताबिक, कुल तीन बदलाव किए जा रहे हैं. इसमें दो पहिया वाहनों पर बैठे बच्चों के लिए सुरक्षा बेल्ट जरूरी होगी. इसके साथ ही बच्चों को क्रैश हेलमेट भी लगा होना चाहिए. वहीं, जब बच्चा बैठा हो तो मोटरसाइकिल की स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.

जारी किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक, नए नियम 15 फरवरी 2023 से लागू होंगे. बता दें, इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में मंत्रालय ने एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी करके नियमों में बदलाव का प्रस्ताव दिया था.

नोटिफिकेशन में क्या है?

नियमों के मुताबिक, मोटर साइकिल पर 9 महीने से 4 साल तक के बच्चों को बैठाकर ले जाने वालों को सेफ्टी बेल्ट (हार्नेंस) लगानी होगी. पीछे बैठे बच्चों को क्रैश हेलमेट पहनना होगा जो उनके सिर पर पूरी तरह से फिट बैठता हो. नोटिफिकेशन के मुताबिक, जिस दो पहिया वाहन पर 4 साल से छोटा बच्चा बैठा हो, उसकी स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए. सेफ्टी हार्नेस के बारे में कहा गया है कि उसकी क्षमता 30 किलोग्राम तक भार सहने वाली होनी चाहिए. हार्नेंस के संबंध में कहा गया है कि यह भारी नायलॉन/पर्याप्त कुशनिंग युक्त फॉम वाली मल्टीफिलामेंट से बनी होनी चाहिए. इसे वाटरप्रूफ और टिकाऊ भी होना चाहिए.

क्या होता है सेफ्टी हार्नेस

बता दें कि सेफ्टी हार्नेस एक तरह से सेफ्टी जैकेट जैसी होती है. इसमें एक तरफ से बेल्ट टू वीलर चलाने वाले से जुड़ी होगी तो दूसरी ओर यह बच्चों के ऊपरी हिस्से से जुड़ी होती है. इसे हुक की मदद से दोनों पहन सकते हैं.

पढ़ें: LIC के पास अनक्लेम्ड हैं 21,539 करोड़ रुपये, अगर आपका पैसा भी फंसा है तो कर सकते हैं क्लेम

30 दिन में मांगे गए सुझाव

हाल ही में जारी किये गए एक अन्य बयान में मंत्रालय ने कहा कि, 'खतरनाक या जोखिमपूर्ण सामान की ढुलाई करने वाली प्रत्येक गाड़ी को वाहन निगरानी प्रणाली उपकरण से लैस किया जाएगा. इस संबंध में हितधारकों से 30 दिन के अंदर सुझाव मांगे गए हैं.' दोपहिया वाहनों पर पीछे बैठने वाले बच्चों के लिए अधिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नए नियम को शामिल करने के लिए केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन किया गया है यह नियम चार साल तक के बच्चों को कवर करता है. कहा जा रहा है नए यातायात नियम का उल्लंघन करने पर 1000 रुपए का जुर्माना और तीन महीने तक ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित हो सकता है.

नई दिल्ली: दो पहिया वाहनों के लिए अब नया नोटिफिकेशन (new notification for two wheelers) जारी किया है. इस नोटिफिकेशन में बच्चों के लिए हेलमेट (helmet for children on bike) और सेल्फी बेल्ट जरूरी कर दिया गया है. केंद्र की मोदी सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने यह नोटिफेकेशन जारी किया है. जानकारी के मुताबिक

इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. नोटिफिकेशन के मुताबिक, कुल तीन बदलाव किए जा रहे हैं. इसमें दो पहिया वाहनों पर बैठे बच्चों के लिए सुरक्षा बेल्ट जरूरी होगी. इसके साथ ही बच्चों को क्रैश हेलमेट भी लगा होना चाहिए. वहीं, जब बच्चा बैठा हो तो मोटरसाइकिल की स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.

जारी किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक, नए नियम 15 फरवरी 2023 से लागू होंगे. बता दें, इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में मंत्रालय ने एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी करके नियमों में बदलाव का प्रस्ताव दिया था.

नोटिफिकेशन में क्या है?

नियमों के मुताबिक, मोटर साइकिल पर 9 महीने से 4 साल तक के बच्चों को बैठाकर ले जाने वालों को सेफ्टी बेल्ट (हार्नेंस) लगानी होगी. पीछे बैठे बच्चों को क्रैश हेलमेट पहनना होगा जो उनके सिर पर पूरी तरह से फिट बैठता हो. नोटिफिकेशन के मुताबिक, जिस दो पहिया वाहन पर 4 साल से छोटा बच्चा बैठा हो, उसकी स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए. सेफ्टी हार्नेस के बारे में कहा गया है कि उसकी क्षमता 30 किलोग्राम तक भार सहने वाली होनी चाहिए. हार्नेंस के संबंध में कहा गया है कि यह भारी नायलॉन/पर्याप्त कुशनिंग युक्त फॉम वाली मल्टीफिलामेंट से बनी होनी चाहिए. इसे वाटरप्रूफ और टिकाऊ भी होना चाहिए.

क्या होता है सेफ्टी हार्नेस

बता दें कि सेफ्टी हार्नेस एक तरह से सेफ्टी जैकेट जैसी होती है. इसमें एक तरफ से बेल्ट टू वीलर चलाने वाले से जुड़ी होगी तो दूसरी ओर यह बच्चों के ऊपरी हिस्से से जुड़ी होती है. इसे हुक की मदद से दोनों पहन सकते हैं.

पढ़ें: LIC के पास अनक्लेम्ड हैं 21,539 करोड़ रुपये, अगर आपका पैसा भी फंसा है तो कर सकते हैं क्लेम

30 दिन में मांगे गए सुझाव

हाल ही में जारी किये गए एक अन्य बयान में मंत्रालय ने कहा कि, 'खतरनाक या जोखिमपूर्ण सामान की ढुलाई करने वाली प्रत्येक गाड़ी को वाहन निगरानी प्रणाली उपकरण से लैस किया जाएगा. इस संबंध में हितधारकों से 30 दिन के अंदर सुझाव मांगे गए हैं.' दोपहिया वाहनों पर पीछे बैठने वाले बच्चों के लिए अधिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नए नियम को शामिल करने के लिए केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन किया गया है यह नियम चार साल तक के बच्चों को कवर करता है. कहा जा रहा है नए यातायात नियम का उल्लंघन करने पर 1000 रुपए का जुर्माना और तीन महीने तक ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित हो सकता है.

Last Updated : Feb 17, 2022, 7:41 PM IST
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