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चुनाव आयोग रिश्वत मामले में कथित बिचौलिये को दो सप्ताह की अंतरिम जमानत - कथित बिचौलिये

तमिलनाडु में आर के नगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में शशिकला गुट को अन्नाद्रमुक का 'दो पत्ती' चुनाव चिन्ह दिलाने के लिये निर्वाचन आयोग के अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोपी को पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने की इजाजत मिल गई है.

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Published : Nov 23, 2020, 10:47 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने निर्वाचन आयोग रिश्वत कांड में गिरफ्तार कथित बिचौलिये को सोमवार को दो सप्ताह के लिये अंतरिम जमानत दे दी, ताकि वह अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हो सके. यह मामला अन्नाद्रमुक के नेता टीटीवी दिनाकरण की कथित संलिप्तता से जुड़ा है.

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति इन्दिरा बनर्जी की पीठ के समक्ष आरोपी सुकेश चंद्रशेखर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि आरोपी के पिता का रविवार को निधन हो गया और उसे उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने तथा क्रियाकर्म से संबंधित औपचारिकताएं पूरी करने के लिये अंतरिम जमानत दी जाए. इस पर पीठ ने नौ दिसंबर, 2020 तक अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. उसे नौ दिसंबर को रोहिणी जेल में समर्पण करना होगा. जमानत से समर्पण तक वह पुलिस की सुरक्षा में रहेगा, जिसका खर्च उसे खुद वहन करना होगा.

2017 में गिरफ्तार हुआ था

चंद्रशेखर को पुलिस ने 2017 में गिरफ्तार किया था. चंद्रशेखर ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा उसकी जमानत याचिका खारिज करने के पांच मार्च के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील दायर कर रखी है. इस मामले में निचली अदालत में 14 जुलाई, 2017 को आरोप पत्र दाखिल किया गया था.

आरोप पत्र में कहा गया है कि दिनाकरण और चंद्रशेखर ने अपने राजनीतिक दल के लिये 'दो पत्ती' चुनाव चिन्ह प्राप्त करने के लिये निर्वाचन आयोग के अधिकारियों को रिश्वत देने की साजिश की थी. इस मामले में दिनाकरण को चार दिन की पूछताछ के बाद 25 अप्रैल, 2018 को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. हालांकि, दिनाकरण और चंद्रशेखर ने इन आरोपों से इनकार किया है.

पढ़ें-कोरोना : दिल्ली, गुजरात में बदतर हालात, सुप्रीम कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने निर्वाचन आयोग रिश्वत कांड में गिरफ्तार कथित बिचौलिये को सोमवार को दो सप्ताह के लिये अंतरिम जमानत दे दी, ताकि वह अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हो सके. यह मामला अन्नाद्रमुक के नेता टीटीवी दिनाकरण की कथित संलिप्तता से जुड़ा है.

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति इन्दिरा बनर्जी की पीठ के समक्ष आरोपी सुकेश चंद्रशेखर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि आरोपी के पिता का रविवार को निधन हो गया और उसे उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने तथा क्रियाकर्म से संबंधित औपचारिकताएं पूरी करने के लिये अंतरिम जमानत दी जाए. इस पर पीठ ने नौ दिसंबर, 2020 तक अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. उसे नौ दिसंबर को रोहिणी जेल में समर्पण करना होगा. जमानत से समर्पण तक वह पुलिस की सुरक्षा में रहेगा, जिसका खर्च उसे खुद वहन करना होगा.

2017 में गिरफ्तार हुआ था

चंद्रशेखर को पुलिस ने 2017 में गिरफ्तार किया था. चंद्रशेखर ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा उसकी जमानत याचिका खारिज करने के पांच मार्च के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील दायर कर रखी है. इस मामले में निचली अदालत में 14 जुलाई, 2017 को आरोप पत्र दाखिल किया गया था.

आरोप पत्र में कहा गया है कि दिनाकरण और चंद्रशेखर ने अपने राजनीतिक दल के लिये 'दो पत्ती' चुनाव चिन्ह प्राप्त करने के लिये निर्वाचन आयोग के अधिकारियों को रिश्वत देने की साजिश की थी. इस मामले में दिनाकरण को चार दिन की पूछताछ के बाद 25 अप्रैल, 2018 को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. हालांकि, दिनाकरण और चंद्रशेखर ने इन आरोपों से इनकार किया है.

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