रामपुर: जनपद में मानसून भले ही खत्म हो गया हो लेकिन, मानसून से जुड़ी बीमारियां फैलने लगी है. रामपुर में 4 व्यक्तियों में जापानी बुखार के लक्षण पाए गए. इसमें 2 लोगों की मौत हो गई है.साथ ही दो लोगों का उपचार हल्दवानी में चल रहा है. गद्दी नगली गांव निवासी 80 वर्षीय बुजुर्ग मोहनलाल और मिलक के हरदासपुर गांव निवासी 7 वर्षीय निहार की मौत हो गयी. जिन गांव में मौत हुई है वहां पर स्वास्थ्य विभाग की टीमें कैंप लगाकर फागिंग कर रही है.
क्या है जापानी बुखार
जापानी इन्सेफेलाइटिस (Japanese encephalitis) को आम बोलचाल में जापानी बुखार कहा जाता है. यह एक दिमागी बुखार है, जो वायरल संक्रमण से फैलता है. इसके वायरस मुख्य रूप से गंदगी में पनपते हैं. इस बीमारी का वाहक मच्छर (क्यूलेक्स) है. वायरस जैसे ही शरीर में प्रवेश करता है, वह दिमाग की ओर चला जाता है. बुखार के दिमाग में जाने के बाद व्यक्ति की सोचने, समझने, देखने की क्षमता कम होने लगती है और संक्रमण बढ़ने के साथ खत्म हो जाती है. आमतौर पर एक से 14 साल के बच्चे और 65 वर्ष से ऊपर के बुजुर्ग इसकी चपेट में आते हैं. बारिश के मौसम में इस बीमारी का खतरा अधिक होता है. बुखार, सिरदर्द, गर्दन में जकड़न, कमजोरी और उल्टी इस बुखार के शुरुआती लक्षण हैं. समय के साथ सिरदर्द में बढ़ोतरी होने लगती है और हमेशा सुस्ती छाई रहती है. यदि यह लक्षण दिखें, तो नजरअंदाज न करें.
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जापानी बुखार के लक्षण
- तेज बुखार, सिरदर्द, अति संवेदनशील होना और लकवा मारना.
- भूख कम लगना भी इसका प्रमुख लक्षण है.
- यदि बच्चे को उल्टी और बुखार हो और खाना न खा रहे हों. बहुत देर तक रो रहे हों, तो डॉक्टर के पास जरूर ले जाएं.
- जापानी बुखार में लोग भ्रम का भी शिकार हो जाते हैं. पागलपन के दौरे तक पड़ते हैं.
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